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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि वह भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करके सभी अनसुलझे मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह बात शनिवार को मुल्तान में इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कहीं।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक टेबल पर साथ बैठकर बातचीत करके मुद्दे सुलझाने चाहिए ताकि क्षेत्र में समृद्धि और शांति बनी रहे। उनका बयान ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को दूसरी बार प्रचंड बहुमत मिला है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी थी। उन्होंने इच्छा जताई थी कि दोनों क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।
खान ने अंग्रेजी और उर्दू में ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं भाजपा और सहयोगियों की चुनावी जीत पर प्रधान मंत्री मोदी को बधाई देता हूं। उनके साथ दक्षिण एशिया में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए उनके साथ काम करने के लिए हम तत्पर हैं।' अप्रैल में खान ने कहा था कि उनका मानना है कि यदि मोदी की पार्टी आम चुनाव में जीत हासिल करती है तो भारत के साथ शांति वार्ता और कश्मीर मसले का हल निकालने का एक बेहतर मौका हो सकता है।
भारतीय चुनाव के नतीजे पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि नई दिल्ली में बनी सरकार भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य का फैसला करेगी। दोनों देशों के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद से रिश्तों में तल्खी बरकरार है। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
चुनाव नतीजों के एक दिन बाद कुरैशी ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ बुधवार को किर्गिस्तान के बिश्केक में विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन परिषद बैठक के मौके पर बातचीत की। उन्होंने स्वराज को पाकिस्तान की इच्छा के बारे में बताया कि वह बातचीत के जरिए मसलों का हल निकालना चाहते हैं।
पुलवामा हमले का जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट स्थित जैश के आतंकी कैंपों पर बमबारी करके उसे नेस्तानाबूत कर दिया। इसके अगले दिन जबावी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए अपना लड़ाकू विमान एफ-16 भेजा। जिसका वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उसके मंसूबे नाकाम कर दिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि वह भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करके सभी अनसुलझे मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह बात शनिवार को मुल्तान में इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कहीं।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक टेबल पर साथ बैठकर बातचीत करके मुद्दे सुलझाने चाहिए ताकि क्षेत्र में समृद्धि और शांति बनी रहे। उनका बयान ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को दूसरी बार प्रचंड बहुमत मिला है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी थी। उन्होंने इच्छा जताई थी कि दोनों क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।
खान ने अंग्रेजी और उर्दू में ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं भाजपा और सहयोगियों की चुनावी जीत पर प्रधान मंत्री मोदी को बधाई देता हूं। उनके साथ दक्षिण एशिया में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए उनके साथ काम करने के लिए हम तत्पर हैं।' अप्रैल में खान ने कहा था कि उनका मानना है कि यदि मोदी की पार्टी आम चुनाव में जीत हासिल करती है तो भारत के साथ शांति वार्ता और कश्मीर मसले का हल निकालने का एक बेहतर मौका हो सकता है।
भारतीय चुनाव के नतीजे पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि नई दिल्ली में बनी सरकार भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य का फैसला करेगी। दोनों देशों के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद से रिश्तों में तल्खी बरकरार है। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
चुनाव नतीजों के एक दिन बाद कुरैशी ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ बुधवार को किर्गिस्तान के बिश्केक में विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन परिषद बैठक के मौके पर बातचीत की। उन्होंने स्वराज को पाकिस्तान की इच्छा के बारे में बताया कि वह बातचीत के जरिए मसलों का हल निकालना चाहते हैं।
पुलवामा हमले का जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट स्थित जैश के आतंकी कैंपों पर बमबारी करके उसे नेस्तानाबूत कर दिया। इसके अगले दिन जबावी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए अपना लड़ाकू विमान एफ-16 भेजा। जिसका वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उसके मंसूबे नाकाम कर दिए।