वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Updated Sat, 05 Oct 2019 01:56 PM IST
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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की किरकिरी कराने वाली स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी को कुछ दिनों पहले ही इमरान प्रशासन द्वारा उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें हटाया नहीं गया था बल्कि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था, जिस कारण उनकी जगह मुनीर अकरम को संयुक्त राष्ट्र में देश का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के बाद देश लौटते ही सभी को चौंकाते हुए अकरम को लोधी की जगह स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया। मुनीर अकरम को कठोर भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है, जो अब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह फैसला उस समय आया जब प्रधानमंत्री इमरान न्यूयॉर्क से लौटे, जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए अपने पहले भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उनके भाषण के बाद उनकी चारों तरफ किरकिरी हो रही थी, क्योंकि उन्होंने शांति के स्थल संयुक्त राष्ट्र में युद्ध की बात की थी।
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के हालिया सत्र में प्रधानमंत्री खान की सफल भागीदारी के लिए लोधी को श्रेय दिया और इस बात से इनकार किया कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर कहा कि लोधी ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था। इस तथ्य में कोई सच्चाई नहीं है कि डॉ लोधी को बिना किसी भी कारण से हटा दिया गया।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का हवाला देते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि निवर्तमान दूत ने पाकिस्तान को विशिष्टता और प्रतिबद्धता के साथ सेवा दी और कौशल एवं समर्पण के साथ प्रधानमंत्री की सफल यूएनजीए यात्रा का आयोजन किया।
पूर्व पत्रकार लोधी ने लगभग साढ़े चार साल तक संयुक्त राष्ट्र में राजदूत के रूप में कार्य किया। अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के बाद, उसने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद आगे बढ़ने की योजना बनाई थी।
एक पूर्व पत्रकार, लोधी ने लगभग साढ़े चार साल तक संयुक्त राष्ट्र में राजदूत के रूप में कार्य किया। अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के बाद, लोधी ने कहा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद जीवन में आगे बढ़ने की योजना बनाई थी।
वहीं, मलीहा लोधी के उत्ताधिकारी के रूप में चुने गए 74 वर्षीय अकरम एक अनुभवी राजनयिक हैं और उन्हें उन राजदूतों में से एक कहा जाता है जो तुष्टिकरण के बजाय भारत के प्रति कट्टर दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं।
उन्होंने 2002 से 2008 तक संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले को संयुक्त राष्ट्र में पेश करने पर असहमति जताते हुए बर्खास्त कर दिया था। भुट्टो, जिनकी 2007 में हत्या कर दी गई थी, जरदारी की पत्नी थीं।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की किरकिरी कराने वाली स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी को कुछ दिनों पहले ही इमरान प्रशासन द्वारा उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें हटाया नहीं गया था बल्कि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था, जिस कारण उनकी जगह मुनीर अकरम को संयुक्त राष्ट्र में देश का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के बाद देश लौटते ही सभी को चौंकाते हुए अकरम को लोधी की जगह स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया। मुनीर अकरम को कठोर भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है, जो अब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह फैसला उस समय आया जब प्रधानमंत्री इमरान न्यूयॉर्क से लौटे, जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए अपने पहले भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उनके भाषण के बाद उनकी चारों तरफ किरकिरी हो रही थी, क्योंकि उन्होंने शांति के स्थल संयुक्त राष्ट्र में युद्ध की बात की थी।
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के हालिया सत्र में प्रधानमंत्री खान की सफल भागीदारी के लिए लोधी को श्रेय दिया और इस बात से इनकार किया कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर कहा कि लोधी ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था। इस तथ्य में कोई सच्चाई नहीं है कि डॉ लोधी को बिना किसी भी कारण से हटा दिया गया।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का हवाला देते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि निवर्तमान दूत ने पाकिस्तान को विशिष्टता और प्रतिबद्धता के साथ सेवा दी और कौशल एवं समर्पण के साथ प्रधानमंत्री की सफल यूएनजीए यात्रा का आयोजन किया।
पूर्व पत्रकार लोधी ने लगभग साढ़े चार साल तक संयुक्त राष्ट्र में राजदूत के रूप में कार्य किया। अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के बाद, उसने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद आगे बढ़ने की योजना बनाई थी।
एक पूर्व पत्रकार, लोधी ने लगभग साढ़े चार साल तक संयुक्त राष्ट्र में राजदूत के रूप में कार्य किया। अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के बाद, लोधी ने कहा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद जीवन में आगे बढ़ने की योजना बनाई थी।
वहीं, मलीहा लोधी के उत्ताधिकारी के रूप में चुने गए 74 वर्षीय अकरम एक अनुभवी राजनयिक हैं और उन्हें उन राजदूतों में से एक कहा जाता है जो तुष्टिकरण के बजाय भारत के प्रति कट्टर दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं।
उन्होंने 2002 से 2008 तक संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले को संयुक्त राष्ट्र में पेश करने पर असहमति जताते हुए बर्खास्त कर दिया था। भुट्टो, जिनकी 2007 में हत्या कर दी गई थी, जरदारी की पत्नी थीं।