इस खबर ने अमेरिका में सनसनी फैला दी है कि डोनाल्ड ट्रंप समर्थक धुर दक्षिणपंथी गुटों की पैठ अमेरिका के प्रमुख सुरक्षा बल नेशनल गार्ड्स के अंदर तक हो गई है। सोमवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) समाचार एजेंसी एपी ने ये खबर दी कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) ने आशंका जताई है कि निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण के दौरान अंदर हॉल में हमला हो सकता है। एपी के मुताबिक इस शक के आधार पर एफबीआई ने तैनात किए जा रहे नेशनल गार्ड्स के सभी जवानों की पूरी पड़ताल शुरू कर दी है। बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अलग-अलग राज्यों से नेशनल गार्ड्स के 25 हजार जवानों को वाशिंगटन बुलाया गया है।
इस बीच टीवी चैनल एनबीसी न्यूज ने ये सनसनीखेज खबर ब्रेक की है कि एफबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या छह जनवरी को कैपिटल हिल (संसद भवन) पर धावा बोलने वाले समूहों को विदेशी सरकारों, संगठनों या व्यक्तियों से वित्तीय सहायता मिली। एफबीआई खासकर फ्रांस के एक नागरिक की तरफ से बिटकॉइन के जरिए तकरीबन पांच लाख डॉलर देने की मिली सूचना की जांच कर रही है। ये सूचना उस कंपनी के दस्तावेजों से मिली, जो क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर का विश्लेषण करती है। बिटकॉइन भी एक क्रिप्टो करेंसी है।
एफबीआई ने ध्यान दिलाया है कि छह जनवरी की घटना के बाद से रूसी, ईरानी और चीनी इन्फ्लूएंस एक्टर्स (जनमत को प्रभावित करने वाले तत्व) इसका खूब लाभ उठा रहे हैं। वे इस घटना का इस्तेमाल यह प्रचारित करने के लिए कर रहे हैं कि अमेरिका राजनीतिक बिखराव की तरफ बढ़ रहा है। एफबीआई ने अपने संबंधित दस्तावेज में कहा है- रूस और उसके प्रॉक्सी मीडिया ने कैपिटल हिल की घटना, राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग और ट्रंप पर लगाई गई सोशल मीडिया सेंसरशिप को खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रचारित किया है। एक रूसी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एंटिफा (फासीवाद विरोधी गुट जो ट्रंप विरोधी हैं) के सदस्य भेष बदलकर ट्रंप समर्थकों में शामिल हो गए और वो ही कैपिटल हिल पर धावा बोलने के लिए जिम्मेदार हैं।
इस बीच चीनी मीडिया ने उस घटना का इस्तेमाल अमेरिका के लोकतांत्रिक शासन को लांछित करने, अमेरिका को एक क्षयशील देश के रूप में चित्रित करने और हांगकांग में चीन विरोधियों पर अपनी कार्रवाई को सही ठहराने के लिए किया है। कैपिटल हिल की घटना में विदेशी हाथ की जांच एफबीआई का काउंटर इंटेलिजेंस विभाग कर रहा है। इसके पहले भी एफबीआई के कई मौजूदा और पूर्व अधिकारी कह चुके हैं कि रूस और दूसरे विदेशी एजेंसियां अमेरिका में दक्षिणपंथी और वामपंथी राजनीतिक उग्रवादियों की मदद कर रहे हैं। अमेरिकी आतंकवाद विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के श्वेत उग्रवादियों और रूस सरकार के बीच लगाव पुराना है।
एक एफबीआई अधिकारी ने एनबीसी न्यूज से कहा कि बिटकॉइन ट्रांसफर के मामले में ऐसा लगता है कि एक धुर दक्षिणपंथी फ्रेंच नागरिक ने ये काम किया, जिसने रकम भेजने के बाद पिछले आठ दिसंबर को आत्महत्या कर ली। अधिकारी ने कहा कि ये बात सामने आने के बाद एफबीआई ने ये जांच शुरू की है कि क्या इस रकम का इस्तेमाल गैर कानून कार्यों के लिए किया गया। एफबीआई अधिकारी के मुताबिक इस सूचना से मनी लॉन्ड्रिंग और गहरे षड्यंत्र के आरोपों को भी बल मिला है।
मिली सूचना के मुताबिक सबसे पहले फ्रेंच नागरिक के बिटकॉइन ट्रांसफर की चर्चा चाइना एनालिसिस नाम के ब्लॉग पर हुई। इसमें बताया गया कि कुल 28.15 बीटीसी (लगभग 5 लाख 22 हजार डॉलर) का ट्रांसफर कुल 22 अलग-अलग पतों पर किया गया। इनमें से ज्यादातर पते धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के हैं। उनमें धुर दक्षिणपंथी पॉडकास्टर निक फुएंतेस भी है, जिसे लगभग ढाई लाख डॉलर के बराबर बिटकॉइन मिले। फुएंतेस ने पिछले साल मिशिगन में ट्रंप समर्थक रैली में भाषण दिया था। वह छह जनवरी को वाशिंगटन में हुई ट्रंप समर्थक रैली में भी शामिल था।
विस्तार
इस खबर ने अमेरिका में सनसनी फैला दी है कि डोनाल्ड ट्रंप समर्थक धुर दक्षिणपंथी गुटों की पैठ अमेरिका के प्रमुख सुरक्षा बल नेशनल गार्ड्स के अंदर तक हो गई है। सोमवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) समाचार एजेंसी एपी ने ये खबर दी कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) ने आशंका जताई है कि निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण के दौरान अंदर हॉल में हमला हो सकता है। एपी के मुताबिक इस शक के आधार पर एफबीआई ने तैनात किए जा रहे नेशनल गार्ड्स के सभी जवानों की पूरी पड़ताल शुरू कर दी है। बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अलग-अलग राज्यों से नेशनल गार्ड्स के 25 हजार जवानों को वाशिंगटन बुलाया गया है।
इस बीच टीवी चैनल एनबीसी न्यूज ने ये सनसनीखेज खबर ब्रेक की है कि एफबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या छह जनवरी को कैपिटल हिल (संसद भवन) पर धावा बोलने वाले समूहों को विदेशी सरकारों, संगठनों या व्यक्तियों से वित्तीय सहायता मिली। एफबीआई खासकर फ्रांस के एक नागरिक की तरफ से बिटकॉइन के जरिए तकरीबन पांच लाख डॉलर देने की मिली सूचना की जांच कर रही है। ये सूचना उस कंपनी के दस्तावेजों से मिली, जो क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर का विश्लेषण करती है। बिटकॉइन भी एक क्रिप्टो करेंसी है।
एफबीआई ने ध्यान दिलाया है कि छह जनवरी की घटना के बाद से रूसी, ईरानी और चीनी इन्फ्लूएंस एक्टर्स (जनमत को प्रभावित करने वाले तत्व) इसका खूब लाभ उठा रहे हैं। वे इस घटना का इस्तेमाल यह प्रचारित करने के लिए कर रहे हैं कि अमेरिका राजनीतिक बिखराव की तरफ बढ़ रहा है। एफबीआई ने अपने संबंधित दस्तावेज में कहा है- रूस और उसके प्रॉक्सी मीडिया ने कैपिटल हिल की घटना, राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग और ट्रंप पर लगाई गई सोशल मीडिया सेंसरशिप को खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रचारित किया है। एक रूसी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एंटिफा (फासीवाद विरोधी गुट जो ट्रंप विरोधी हैं) के सदस्य भेष बदलकर ट्रंप समर्थकों में शामिल हो गए और वो ही कैपिटल हिल पर धावा बोलने के लिए जिम्मेदार हैं।
इस बीच चीनी मीडिया ने उस घटना का इस्तेमाल अमेरिका के लोकतांत्रिक शासन को लांछित करने, अमेरिका को एक क्षयशील देश के रूप में चित्रित करने और हांगकांग में चीन विरोधियों पर अपनी कार्रवाई को सही ठहराने के लिए किया है। कैपिटल हिल की घटना में विदेशी हाथ की जांच एफबीआई का काउंटर इंटेलिजेंस विभाग कर रहा है। इसके पहले भी एफबीआई के कई मौजूदा और पूर्व अधिकारी कह चुके हैं कि रूस और दूसरे विदेशी एजेंसियां अमेरिका में दक्षिणपंथी और वामपंथी राजनीतिक उग्रवादियों की मदद कर रहे हैं। अमेरिकी आतंकवाद विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के श्वेत उग्रवादियों और रूस सरकार के बीच लगाव पुराना है।
एक एफबीआई अधिकारी ने एनबीसी न्यूज से कहा कि बिटकॉइन ट्रांसफर के मामले में ऐसा लगता है कि एक धुर दक्षिणपंथी फ्रेंच नागरिक ने ये काम किया, जिसने रकम भेजने के बाद पिछले आठ दिसंबर को आत्महत्या कर ली। अधिकारी ने कहा कि ये बात सामने आने के बाद एफबीआई ने ये जांच शुरू की है कि क्या इस रकम का इस्तेमाल गैर कानून कार्यों के लिए किया गया। एफबीआई अधिकारी के मुताबिक इस सूचना से मनी लॉन्ड्रिंग और गहरे षड्यंत्र के आरोपों को भी बल मिला है।
मिली सूचना के मुताबिक सबसे पहले फ्रेंच नागरिक के बिटकॉइन ट्रांसफर की चर्चा चाइना एनालिसिस नाम के ब्लॉग पर हुई। इसमें बताया गया कि कुल 28.15 बीटीसी (लगभग 5 लाख 22 हजार डॉलर) का ट्रांसफर कुल 22 अलग-अलग पतों पर किया गया। इनमें से ज्यादातर पते धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के हैं। उनमें धुर दक्षिणपंथी पॉडकास्टर निक फुएंतेस भी है, जिसे लगभग ढाई लाख डॉलर के बराबर बिटकॉइन मिले। फुएंतेस ने पिछले साल मिशिगन में ट्रंप समर्थक रैली में भाषण दिया था। वह छह जनवरी को वाशिंगटन में हुई ट्रंप समर्थक रैली में भी शामिल था।