बरेली का धोपेश्वर नाथ मंदिर धार्मिक सौहार्द की मिसाल है। पौराणिक मंदिर में शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी। यहाँ सरोवर भी है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से त्वचा संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। इस सरोवर को पहले रामगंगा नदी से जोड़ा गया था, जब वहां बाढ़ आती तो ये सरोवर भरता था, बाद में रामगंगा से इसका कनेक्शन हटा दिया गया। तब यहाँ बरेली के सेठ फज़ल उल रहमान उर्फ़ चुन्ना मियां ने ना केवल ट्यूबवेल सिर्फ सरोवर के लिए लगवाया बल्कि इसमें बिजली कनेक्शन दिया और ईमारत भी बनवाई। आज इसी मंदिर के आसपास रहने वाले मुस्लिम परिवारों का आय कमाने का जरिया है। ये साल में शिवरात्रि और सावन के मेले का इंतजार करते हैं ताकि हाथ बने सामानों को बेच सकें।
23 February 2017
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