धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Mon, 16 May 2022 11:38 AM IST
Buddha Purnima 2022: हर वर्ष वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर हुआ था। हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को विष्णुजी का अवतार माना जाता है इसलिए इस तिथि को हिंदू और बौद्ध धर्म के दोनों अनुयायी बहुत ही श्रद्धा भाव से इस त्योहार मनाते हैं। इस वर्ष बौद्ध पूर्णिमा का त्योहार 16 मई को मनाई जाएगा। इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान बुद्ध और चंद्रदेव की भी पूजा की जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा,पीपल पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा सभी में श्रेष्ठ मानी गई है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। जिन्हें इसी पावन तिथि के दिन बिहार के पवित्र तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। वैशाख माह को पवित्र माह माना गया है। इसके चलते हज़ारों श्रद्धालु पवित्र तीर्थ स्थलों में स्नान,दान कर पुण्य अर्जित करते हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्त्व माना गया है।
भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्य
वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम बातें-बुद्ध का जन्म,बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति एवं बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है। गौतम बुद्ध ने चार सूत्र दिए उन्हें 'चार आर्य सत्य 'के नाम से जाना जाता है। पहला दुःख है दूसरा दुःख का कारण तीसरा दुःख का निदान और चौथा मार्ग वह है जिससे दुःख का निवारण होता है। भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दुःख के निदान का मार्ग बताता है। उनका यह अष्टांगिक मार्ग ज्ञान,संकल्प,वचन,कर्म,आजीव,व्यायाम,स्मृति और समाधि के सन्दर्भ में सम्यकता से साक्षात्कार कराता है। गौतम बुद्ध ने मनुष्य के बहुत से दुखों का कारण उसके स्वयं का अज्ञान और मिथ्या दृष्टि बताया है।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म मानने वाले यहाँ आते हैं। बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है की इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस दिन बौद्ध मतावलंबी बौद्ध विहारों और मठों में इकट्ठा होकर एक साथ उपासना करते हैं। दीप प्रज्जवलित कर बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं। महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और पूरी दुनिया को सत्य एवं सच्ची मानवता का पाठ पढ़ाया।
विस्तार
Buddha Purnima 2022: हर वर्ष वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर हुआ था। हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को विष्णुजी का अवतार माना जाता है इसलिए इस तिथि को हिंदू और बौद्ध धर्म के दोनों अनुयायी बहुत ही श्रद्धा भाव से इस त्योहार मनाते हैं। इस वर्ष बौद्ध पूर्णिमा का त्योहार 16 मई को मनाई जाएगा। इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान बुद्ध और चंद्रदेव की भी पूजा की जाएगी।
बुद्धं शरणं गच्छामि’ बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान बुद्ध द्वारा प्रतिपादित सत्य, अहिंसा, समर्पण एवं शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के उपदेश मानवजाति के लिए अनुपम उपहार है। भगवान बुद्ध का जीवन दर्शन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। #बुद्ध_पूर्णिमा #BuddhaPurnima
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- Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 16 May 2022
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा,पीपल पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा सभी में श्रेष्ठ मानी गई है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। जिन्हें इसी पावन तिथि के दिन बिहार के पवित्र तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। वैशाख माह को पवित्र माह माना गया है। इसके चलते हज़ारों श्रद्धालु पवित्र तीर्थ स्थलों में स्नान,दान कर पुण्य अर्जित करते हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्त्व माना गया है।
सभी देशवासियों को पावन बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान बुद्ध का त्यागमय जीवन, उनके उत्कृष्ट विचार एवं जीवन को सार्थक दिशा देने वाली शिक्षा सम्पूर्ण मानवता के लिए युगों-युगों तक प्रेरणास्रोत रहेंगी। #BuddhaPurnima
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- Arjun Ram Meghwal (@ArjunRamMeghwal) 16 May 2022
भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्य
वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम बातें-बुद्ध का जन्म,बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति एवं बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है। गौतम बुद्ध ने चार सूत्र दिए उन्हें 'चार आर्य सत्य 'के नाम से जाना जाता है। पहला दुःख है दूसरा दुःख का कारण तीसरा दुःख का निदान और चौथा मार्ग वह है जिससे दुःख का निवारण होता है। भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दुःख के निदान का मार्ग बताता है। उनका यह अष्टांगिक मार्ग ज्ञान,संकल्प,वचन,कर्म,आजीव,व्यायाम,स्मृति और समाधि के सन्दर्भ में सम्यकता से साक्षात्कार कराता है। गौतम बुद्ध ने मनुष्य के बहुत से दुखों का कारण उसके स्वयं का अज्ञान और मिथ्या दृष्टि बताया है।
’बुद्धं शरणं गच्छामि’ आप सभी को ’बुद्ध पूर्णिमा’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। भगवान बुद्ध का त्यागमय जीवन तथा अहिंसा, करुणा व मैत्री का संदेश सदैव मानव समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। #buddhapurnima2022
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- Col Rajyavardhan Rathore (@ra_thore) 16 May 2022
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म मानने वाले यहाँ आते हैं। बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है की इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस दिन बौद्ध मतावलंबी बौद्ध विहारों और मठों में इकट्ठा होकर एक साथ उपासना करते हैं। दीप प्रज्जवलित कर बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं। महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और पूरी दुनिया को सत्य एवं सच्ची मानवता का पाठ पढ़ाया।
#बुद्ध_पूर्णिमा के शुभावसर की देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान बुद्ध ने मानवता को सत्य, अहिंसा और शांति का सरल विकल्प दिया। उनका दिखाया मार्ग विश्व में सौहार्द और सद्भाव प्रोत्साहित करता है। आज के दिन हम भगवान बुद्ध के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प दोहराएं। #buddhapurnima
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- Om Birla (@ombirlakota) 16 May 2022
सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। अपने ज्ञान, शिक्षा और अहिंसा पर आधारित सिद्धातों से भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को मानव कल्याण का पथ प्रदर्शित किया है। बुद्धं शरणं गच्छामि!
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- Piyush Goyal (@piyushgoyal) 16 May 2022