हिमालयी क्षेत्रों में जीवन यापन को समझकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मलयेशिया के शोधार्थी यहां पर जीवन को सरल बनाने का प्रयास करेंगे। अमेरिका, भारत और आस्ट्रेलिया के शोधार्थी मिलकर हिमालयी जीवन यापन पर शोध करेंगे।
इसके लिए आईआईटी मंडी में अमेरिका का टॉप रैंकिंग मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एमआईटी) एएसबी मलेशिया के संयुक्त तत्वावधान में 10 दिवसीय मेक इन इंडिया बूट कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एएसबी मलेशिया समेत आईआईटी मंडी के 50 शोधार्थी भाग ले रहे हैं। इस शिविर में हिमालयी क्षेत्रों में शोध की संभावनाओं, विज्ञान, रोजगार, समेत कई पहलुओं को बारीकी जांचा जाएगा।
एशिया स्कूल ऑफ बिजनेस में नवाचार केंद्र के निदेशक व एमआईटी अमेरिका के एक विजिटर स्कॉलर डा. राजेश एम नायर की देखरेख में इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें एमआईटी से डा. मेलानी माला घोष, आईआईटी मंडी के डा. शुभजीत रॉय चौधरी, आईआईटी दिल्ली के प्रो. पीवी मधुसूदन राव शोधार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे।
शिविर के शुभारंभ पर आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. टिमोथी ए गोंजाल्विस ने कहा कि आईआईटी मंडी हिमालयी क्षेत्र में एकमात्र आईआईटी है, जिससे यहां पर हिमालयी क्षेत्रों में शोध की संभावना अधिक व्यापक है।
डा. राजेश नायर ने कहा कि यह शिविर हमारे समाज की समस्याओं को हल करने के लिए छात्रों की इच्छा को गति देगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में संसाधानों की कमी नहीं है। यहां पर शोध की अपार संभावनाएं हैं।
एमआईटी तथा आईआईटी मेक इन इंडिया बूट कैंप समाज की समस्याओं के लिए भारत को प्रौद्योगिकी आधारित समाधान के लिए गंतव्य बनाने की दिशा में एक छोटा लेकिन ठोस कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शिविर के दौरान कई दिलचस्प प्रोटोटाइप विकसित किए जाएंगे।