पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कहा कि वह अगले दो वर्षों में राज्य भर में 1,000 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना बना रही है। इसके साथ, राज्य सरकार का लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को ज्यादा से ज्यादा अपनाने को प्रोत्साहित करना है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार के साथ देश भर में कई राज्य सरकारें अपनी संबंधित ईवी नीतियों के तहत ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने पर जोर दे रही हैं।
ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को हमेशा भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास में बाधाओं में से एक के रूप में देखा जाता है। चार्जिंग नेटवर्क के तेजी से विस्तार और ईवी को खरीदने की ऊंची दर और अन्य सुविधाओं के साथ, दिल्ली और उत्तर प्रदेश भारत में ईवी अपनाने के नक्शे में टॉप पर बने हुए हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में अभी भी विकास की रफ्तार का अभाव है। इस बारे में, पश्चिम बंगाल के राज्य ऊर्जा सचिव एस सुरेश कुमार ने कहा कि लोग उच्च लागत और चार्जिंग बुनियादी ढांचे की कमी के कारण इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों के मन में भ्रम को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जागरूकता फैलाने के लिए ईवी एक्सपो को कोलकाता में लाने के लिए एक निजी एजेंसी के साथ साझेदारी की है। कुमार ने कहा, "हमें अगले दो साल में 1000 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की उम्मीद है।"
उन्होंने यह भी कहा कि 16वां ईवी एक्सपो और एक ईवी रैली इस हफ्ते के आखिर में राज्य की राजधानी कोलकाता में आयोजित की जाएगी। राज्य के अधिकारी ने यह भी कहा कि तेल कंपनियों को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए जनादेश दिया गया था, और सरकार को बिजली जैसी चीजों के लिए बैकएंड को संभालना चाहिए।
आगे बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की चार लेन वाले राजमार्गों पर हर 25 किलोमीटर पर एक ईवी चार्जिंग स्टेशन और शहरी क्षेत्रों में हर तीन वर्ग किलोमीटर के भीतर एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है। इससे पहले इस साल अक्तूबर में, राज्य के स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन और डिस्ट्रीब्यूशन एजेंसी WBSEDCL (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) ने 205 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए टेंडर आमंत्रित की थीं।