मेष राशि
साल 2020 में मेष राशि वालों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का कोई प्रभाव नहीं होगा। आगामी 30 वर्षो में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब-कब ?
साढ़ेसाती- 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक
ढय्या- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक
- 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक
मेष राशि- इस राशि के जातकों के लिए शनि देव अपनी ही राशि मकर गोचर करते हुए दशम कर्मभाव में जा रहे हैं अतः अपनी ही राशि में केंद्रगत होने के परिणामस्वरूप इनके द्वारा पंचमहापुरुष योग में से एक शशक योग का निर्माण होगा जो फलित ज्योतिष के श्रेष्ठतम योगों में से एक है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक धनी, मानी, यशस्वी, सामाजिक प्रतिष्ठा रखने वाला, प्रसिद्द उद्योगपति, कूटनीतिज्ञ, पशु पक्षियों का प्रेमी, शिक्षक, कुशल राजनेता एवं प्रशासक होता है। आयात निर्यात के व्यापार से क्षेत्र में ऐसे लोग अति सफल होते हैं। यदि आप स्टॉक मार्केट से सम्बंधित कारोबार करते हैं तो इस वर्ष आपको को स्टील, ऑटो, सीमेंट्स, रियल स्टेट, एल्कोहल्स, कोयला, लौह, केमिकल्स, मशीनरी, दवाओं के ट्रांसपोर्ट, भारी उद्योग, गैस तथा टेक्सटाइल्स के सेक्टर्स में अन्य सेक्टर्स की अपेक्षा बेहतर लाभ के अवसर उपलब्ध रहेंगे। अतः मेष राशि के लिए इसी तरह के योग फलीभूत होंगे, आप ऐसा भी कह सकते हैं की इस समय मेष राशि के जातकों के लिए शनिदेव वरदान देने की मुद्रा में हैं।
यदि आप अपने कर्म अच्छे रखेंगे, विचार सात्विक रखेंगे और असहाय तथा बुजुर्गों की मदद करेंगे तो, शनिदेव का आशीर्वाद मिलता रहेगा। यहां से इनकी दृष्टि हानि-व्यय भाव पर पड़ेगी, जिसके परिणामस्वरुप आपका धन समाजसेवा एवं यात्राओं पर सर्वाधिक खर्च होगा। कष्ट कारक यात्राएं भी रहेंगी। विदेश यात्रा भी होगी और दुर्घटना से भी बचना पड़ेगा। वर्षपर्यंत आपको बायीं आँख की बीमारी से भी बचते रहना पड़ेगा, किंतु इन सबके प्रति लापरवाही नहीं बरतेंगे तो इन समस्याओं को सावधानियों से दूर भी किया जा सकता है। इसी दशमभाव से शनि देव की दृष्टि आपके चतुर्थ भाव पर ही है जो सुख, भूमि भवन मकान वाहन अचल संपत्ति गड़ा हुआ धन ह्रदय के ऊपरी भाग का भाव है।
आपके जीवन में इन वस्तुओं से संबंधित सुख भी मिलेगा और स्वास्थ्य के प्रति सजग भी रहना पड़ेगा, सामान चोरी होने का भय भी बना रहेगा। शनिदेव की दशम दृष्टि आपके सप्तम दांपत्य जीवन एवं व्यापार भाव पर पड़ेगी इसलिए हो सकता है कि व्यापार थोड़ा मंदा रहे किंतु लाभदायक ही रहेगा। दांपत्य जीवन के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखें, विवाह संबंधी वार्ता सफल रहेगी। ससुराल पक्ष से सहयोग मिलता रहेगा। अपनी रणनीतियों एवं योजनाओं को कुशलता पूर्वक लागू करेंगे तो शनिदेव का यह राशि परिवर्तन आपके लिए वरदान सिद्ध होगा।
शनिदेव के शुभ प्रभाव को और वृद्धि करने के उपाय- शनिदेव की प्रसन्नता के लिए शनि स्तोत्र का पाठ, शनि कवच, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक, सुंदरकांड अथवा इनके अन्य मंत्रों का जप करके अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। पीपल एवं शमी के वृक्षों का रोपण करना,फलदार वृक्षों का आरोपण भी इनके दुष्प्रभाव से मुक्ति दिलाता है।