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अलग तेलंगाना राज्य की मांग पर फैसला लेने में फिलहाल देरी होना तय है। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। पिछले महीने तेलंगाना पर फैसला लेने के लिए एक महीने डेडलाइन तय करने वाले गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि सलाह लेने की प्रक्रिया अभी चल रही है।
एक बयान में उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए उन्हें अभी थोड़ा और समय चाहिए। इस बीच तेलंगाना समर्थकों ने हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन किया। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक एमके रामाराव और अन्य नेताओं प्रदर्शन में भाग लेने का प्रयास में हिरासत में लिया गया। इस घोषणा से पहले ही राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए टीआरएस ने 36 घंटे के बंद का भी आह्वान किया।
आंध्र प्रदेश के इंचार्ज कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने भी इन्हीं बातों को दोहराते हुए कहा कि इस मुददे पर आंध्र प्रदेश के नेताओं से विस्तृत चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें आंध्र प्रदेश के तीनों हिस्सों के सीनियर नेताओं से सलाह की जरूरत है। इसके लिए हमें उन्हें चर्चा के लिए आमंत्रित करना होगा। साथ ही हम मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ को भी सलाह के लिए आमंत्रित करेंगे। इसके लिए समय सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन हम जल्द से जल्द उन्हें बुलावा भेजेंगे।
पिछले महीने 28 दिसंबर को शिंदे ने कहा था कि तेलंगाना पर अगले महीने सरकार अपने फैसले की घोषणा कर देगी। हालांकि आजाद ने 23 जनवरी को ही संकेत दे दिए थे कि इस मामले में देरी होने की संभावना है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले कुछ दिनों से आजाद, शिंदे, व्यालार रवि और अहमद पटेल जैसे अपने सीनियर साथियों से गंभीर चर्चा करने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस की कोर कमेटी भी शनिवार को इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया।
अलग तेलंगाना राज्य की मांग पर फैसला लेने में फिलहाल देरी होना तय है। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। पिछले महीने तेलंगाना पर फैसला लेने के लिए एक महीने डेडलाइन तय करने वाले गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि सलाह लेने की प्रक्रिया अभी चल रही है।
एक बयान में उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए उन्हें अभी थोड़ा और समय चाहिए। इस बीच तेलंगाना समर्थकों ने हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन किया। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक एमके रामाराव और अन्य नेताओं प्रदर्शन में भाग लेने का प्रयास में हिरासत में लिया गया। इस घोषणा से पहले ही राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए टीआरएस ने 36 घंटे के बंद का भी आह्वान किया।
आंध्र प्रदेश के इंचार्ज कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने भी इन्हीं बातों को दोहराते हुए कहा कि इस मुददे पर आंध्र प्रदेश के नेताओं से विस्तृत चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें आंध्र प्रदेश के तीनों हिस्सों के सीनियर नेताओं से सलाह की जरूरत है। इसके लिए हमें उन्हें चर्चा के लिए आमंत्रित करना होगा। साथ ही हम मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ को भी सलाह के लिए आमंत्रित करेंगे। इसके लिए समय सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन हम जल्द से जल्द उन्हें बुलावा भेजेंगे।
पिछले महीने 28 दिसंबर को शिंदे ने कहा था कि तेलंगाना पर अगले महीने सरकार अपने फैसले की घोषणा कर देगी। हालांकि आजाद ने 23 जनवरी को ही संकेत दे दिए थे कि इस मामले में देरी होने की संभावना है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले कुछ दिनों से आजाद, शिंदे, व्यालार रवि और अहमद पटेल जैसे अपने सीनियर साथियों से गंभीर चर्चा करने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस की कोर कमेटी भी शनिवार को इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया।