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रेल मंत्रालय के लगातार बढ़ते खर्च, धनाभाव में लंबित सुधार योजनाएं तथा रेलवे की नई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रेल मंत्री ने अपने संसाधनों से ज्यादा से ज्यादा कमाई के लिए नये उपायों पर विचार के लिए 12 फरवरी को देश के सभी जोनल महाप्रबंधकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वर्ष 2013-14 के बजट अंतिम रूप देने से पहले उनकी राय को भी शामिल किया जाएगा।
रेलवे जहां लगातार एक दशक से यात्री किराये में में वृद्धि नहीं करने के कारण काफी नुकसान उठा रहा है। वहीं देश में माल ढुलाई में भी वह अपना योगदान लक्ष्य के अनुरूप नहीं बढ़ा सका है। इसी महीने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने यात्री किराए में लंबे समय बाद वृद्धि की थी।
मगर डीजल के दाम में तेजी के चलते इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा इसकी भरपाई में चला जाएगा। इस तरह रेलवे की समस्या जस की तस बनी हुई है। रेल मंत्री एक बार फिर विभागीय संसाधनों के अधिकतम दोहन पर जोर दे रहे हैं। इसी संबंध में जोनल प्रबंधकों की राय लेने के लिए यह बैठक बुलाई जा रही है। बजट में ऐसे सभी सुझावों को शामिल किया जा सकता है, जिनसे बिना आलोचना के रेलवे अपनी आमदनी को बढ़ा सके।
इसके अलावा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने किराया बढ़ाते समय यात्रियों की सुविधाओं में बेहतरी का जो वायदा किया था, उस दिशा में भी जरूरी कदम उठाने के लिए रेल मंत्री अधिकारियों से बैठक में विचार करेंगे। भारतीय रेलवे का साफ सफाई के मामले में रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं है।
रेल मंत्री ट्रेनों तथा स्टेशनों की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए भी इस बैठक में चर्चा करेंगे। इसके अलावा कैटरिंग व्यवस्था में सुधार के लिए मंत्रालय स्तर पर जो नई पहल शुरू की गई है, उस पर भी चर्चा होगी। रेलवे को ज्यादा सक्षम बनाने के लिए लंबित आधुनिकीकरण की योजना विभिन्न स्तर पर लंबित अन्य योजनाओं की भी बैठक में समीक्षा एवं उसके लिए प्राथमिकता के आधार पर बजट आवंटन बैठक में चर्चा का मुख्य विषय रहेगा।
रेल मंत्रालय के लगातार बढ़ते खर्च, धनाभाव में लंबित सुधार योजनाएं तथा रेलवे की नई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रेल मंत्री ने अपने संसाधनों से ज्यादा से ज्यादा कमाई के लिए नये उपायों पर विचार के लिए 12 फरवरी को देश के सभी जोनल महाप्रबंधकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वर्ष 2013-14 के बजट अंतिम रूप देने से पहले उनकी राय को भी शामिल किया जाएगा।
रेलवे जहां लगातार एक दशक से यात्री किराये में में वृद्धि नहीं करने के कारण काफी नुकसान उठा रहा है। वहीं देश में माल ढुलाई में भी वह अपना योगदान लक्ष्य के अनुरूप नहीं बढ़ा सका है। इसी महीने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने यात्री किराए में लंबे समय बाद वृद्धि की थी।
मगर डीजल के दाम में तेजी के चलते इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा इसकी भरपाई में चला जाएगा। इस तरह रेलवे की समस्या जस की तस बनी हुई है। रेल मंत्री एक बार फिर विभागीय संसाधनों के अधिकतम दोहन पर जोर दे रहे हैं। इसी संबंध में जोनल प्रबंधकों की राय लेने के लिए यह बैठक बुलाई जा रही है। बजट में ऐसे सभी सुझावों को शामिल किया जा सकता है, जिनसे बिना आलोचना के रेलवे अपनी आमदनी को बढ़ा सके।
इसके अलावा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने किराया बढ़ाते समय यात्रियों की सुविधाओं में बेहतरी का जो वायदा किया था, उस दिशा में भी जरूरी कदम उठाने के लिए रेल मंत्री अधिकारियों से बैठक में विचार करेंगे। भारतीय रेलवे का साफ सफाई के मामले में रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं है।
रेल मंत्री ट्रेनों तथा स्टेशनों की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए भी इस बैठक में चर्चा करेंगे। इसके अलावा कैटरिंग व्यवस्था में सुधार के लिए मंत्रालय स्तर पर जो नई पहल शुरू की गई है, उस पर भी चर्चा होगी। रेलवे को ज्यादा सक्षम बनाने के लिए लंबित आधुनिकीकरण की योजना विभिन्न स्तर पर लंबित अन्य योजनाओं की भी बैठक में समीक्षा एवं उसके लिए प्राथमिकता के आधार पर बजट आवंटन बैठक में चर्चा का मुख्य विषय रहेगा।