प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई के साथ हॉकी की शुरुआत करने वाली प्रीति दुबे महज 17 साल की उम्र में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय दौरा करने जा रही हैं। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में गोरखपुर की प्रीति दुबे का चयन हुआ है।
नीदरलैंड में 19 से 26 जुलाई तक वॉल्वो इंटरनेशनल अंडर 21 महिला हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। प्रतियोगिता में भारत, इंग्लैंड, जर्मनी, न्यूजीलैंड, चीन, बेल्जियम की टीम हिस्सा ले रही है।
हरपुर बुदहट के भउसा खुजरी निवासी अवधेश कुमार दुबे पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक यार्ड मास्टर पद पर कार्यरत हैं। अवधेश के दो पुत्र और एक पुत्री हैं। सबसे छोटी बेटी प्रीति दुबे प्राइमरी स्कूल महुआ रेलवे कॉलोनी में कक्षा पांच तक पढ़ी।
हॉकी खेलने का जुनून प्रीति में कक्षा चार से ही आ गया था। उसके जुनून को देखते हुए पिता ने उसका एडमिशन रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में करवा दिया था। वर्ष 2008 में प्रीति का चयन वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में हो गया।
इसके बाद तो प्रीति ने हॉकी प्रशिक्षक शशि सिंह और शशि नवेद की देखरेख में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मिडफिल्ड पोजिशन से खेलने वाली प्रीति की हॉकी कला के सभी दीवाने हो गए।
वर्ष 2012 में प्रीति का चयन एमपी एकेडमी ग्वालियर में हो गया। खेल के बूते प्रीति ने यहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। अक्टूबर 2014 में प्रीति का सपना सच हुआ। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की तरफ से न्यूजीलैंड जाने का प्रीति को मौका मिला। ‘अमर उजाला’ से बातचीत में प्रीति ने बताया कि वह केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही है। प्रतियोगिता में भारतीय टीम चैंपियन बने, यही उसका सपना है।
प्रीति के पिता अवधेश कुमार दुबे और माता मिथिलेश दुबे ने बातचीत में बताया कि उनके तीन संतानों में प्रीति ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। माता-पिता बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे थे। अवधेश ने बताया कि जब शहर और ड्यूटी पर उन्हें लोग प्रीति के पिता बुलाते हैं तो उस वक्त जो खुशी मिलती है उसे बयां नहीं कर सकता।
प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई के साथ हॉकी की शुरुआत करने वाली प्रीति दुबे महज 17 साल की उम्र में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय दौरा करने जा रही हैं। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में गोरखपुर की प्रीति दुबे का चयन हुआ है।
नीदरलैंड में 19 से 26 जुलाई तक वॉल्वो इंटरनेशनल अंडर 21 महिला हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। प्रतियोगिता में भारत, इंग्लैंड, जर्मनी, न्यूजीलैंड, चीन, बेल्जियम की टीम हिस्सा ले रही है।
हरपुर बुदहट के भउसा खुजरी निवासी अवधेश कुमार दुबे पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक यार्ड मास्टर पद पर कार्यरत हैं। अवधेश के दो पुत्र और एक पुत्री हैं। सबसे छोटी बेटी प्रीति दुबे प्राइमरी स्कूल महुआ रेलवे कॉलोनी में कक्षा पांच तक पढ़ी।
हॉकी खेलने का जुनून प्रीति में कक्षा चार से ही आ गया था। उसके जुनून को देखते हुए पिता ने उसका एडमिशन रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में करवा दिया था। वर्ष 2008 में प्रीति का चयन वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में हो गया।
बेटी ने सीना चौड़ा कर दिया
इसके बाद तो प्रीति ने हॉकी प्रशिक्षक शशि सिंह और शशि नवेद की देखरेख में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मिडफिल्ड पोजिशन से खेलने वाली प्रीति की हॉकी कला के सभी दीवाने हो गए।
वर्ष 2012 में प्रीति का चयन एमपी एकेडमी ग्वालियर में हो गया। खेल के बूते प्रीति ने यहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। अक्टूबर 2014 में प्रीति का सपना सच हुआ। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की तरफ से न्यूजीलैंड जाने का प्रीति को मौका मिला। ‘अमर उजाला’ से बातचीत में प्रीति ने बताया कि वह केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही है। प्रतियोगिता में भारतीय टीम चैंपियन बने, यही उसका सपना है।
प्रीति के पिता अवधेश कुमार दुबे और माता मिथिलेश दुबे ने बातचीत में बताया कि उनके तीन संतानों में प्रीति ने उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। माता-पिता बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे थे। अवधेश ने बताया कि जब शहर और ड्यूटी पर उन्हें लोग प्रीति के पिता बुलाते हैं तो उस वक्त जो खुशी मिलती है उसे बयां नहीं कर सकता।