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वसंत विहार गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी की अर्जी खारिज हो गई है। जनता पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने नाबालिग छठे आरोपी को बालिग मानकर उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाने की मांग की थी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में अर्जी दायर की थी। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी, लेकिन जेजेबी में अर्जी विचाराधीन होने के कारण हाईकोर्ट ने उन्हें वापस भेज दिया था।
अर्जी पर सुनवाई के दौरान स्वामी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 83 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आरोपी जिसकी आयु 12 साल से अधिक है और जो मानसिक तौर पर परिपक्व है, उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है।
जेजे एक्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून बेहद मामूली अपराध में पकड़े जाने वाले उन नाबालिगों के लिए बना था जो पूरी तरह परिपक्व नहीं हैं और जिन्हें समझ नहीं है। स्वामी ने कहा कि जो अपराधी दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम दे रहा है, वह नासमझ नहीं हो सकता। इसलिए नाबालिग आरोपी के मुकदमे की सुनवाई भी अन्य आरोपियों के साथ सत्र न्यायालय में होनी चाहिए।
स्वामी के तर्क सुनने के बाद जेजेबी ने बुधवार को अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन बृहस्पतिवार को उनकी अर्जी खारिज दी। जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जगदीश शेट्टी ने कहा कि उन्हें सोमवार को आदेश की कॉपी मिलेगी। इसके बाद स्वामी हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर करेंगे।
वसंत विहार गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी की अर्जी खारिज हो गई है। जनता पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने नाबालिग छठे आरोपी को बालिग मानकर उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाने की मांग की थी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में अर्जी दायर की थी। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी, लेकिन जेजेबी में अर्जी विचाराधीन होने के कारण हाईकोर्ट ने उन्हें वापस भेज दिया था।
अर्जी पर सुनवाई के दौरान स्वामी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 83 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आरोपी जिसकी आयु 12 साल से अधिक है और जो मानसिक तौर पर परिपक्व है, उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है।
जेजे एक्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून बेहद मामूली अपराध में पकड़े जाने वाले उन नाबालिगों के लिए बना था जो पूरी तरह परिपक्व नहीं हैं और जिन्हें समझ नहीं है। स्वामी ने कहा कि जो अपराधी दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम दे रहा है, वह नासमझ नहीं हो सकता। इसलिए नाबालिग आरोपी के मुकदमे की सुनवाई भी अन्य आरोपियों के साथ सत्र न्यायालय में होनी चाहिए।
स्वामी के तर्क सुनने के बाद जेजेबी ने बुधवार को अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन बृहस्पतिवार को उनकी अर्जी खारिज दी। जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जगदीश शेट्टी ने कहा कि उन्हें सोमवार को आदेश की कॉपी मिलेगी। इसके बाद स्वामी हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर करेंगे।