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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पटना में रहने वाले एक शख्स को ऐसा मेल भेजा, जिसे पढ़कर वह सकते में आ गया। दरअसल शख्स को आईएसआई की तरफ से मेल के जरिए एक भर्ती पत्र भेजा गया। आईएसआई के निदेशालय की ओर से भेजा गए मेल उस शख्स को बताया गया था कि उसे संगठन में अस्थाई तौर पर भर्ती किया गया है। सभी मानदंडों को पूरा करने के बाद उसे स्थाई नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा। मेल को लेकर उस शख्स ने एफआईआर दर्ज करा दी है।
रिजवान अहमद नाम का शख्स जमात-ए-इस्लामी हिंद की बिहार इकाई का मुखिया है। वह पटना में रहता है। पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे 6 दिसंबर को पत्र भेजा था। हालांकि उसने उसे तीन दिन बाद पढ़ा। खुफिया एजेंसी द्वारा भेजे गए मेल में लिखा गया है, "डियर कैंडिडेट, हमारे संगठन में भर्ती के लिए तुम्हें नियुक्त किया गया है। आपकी भर्ती फिलहाल के लिए अस्थाई तौर पर है। नियुक्ति प्रक्रिया संबंधी सभी मानकों को पूरा कर लेने के बाद आपको स्थानी नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।"
मेल में रिजवान को सलाह भी दी गई है कि वो मेल को किसी अन्य व्यक्ति को न भेजे। यह एक गोपनीय मेल है इसे किसी अन्य को फॉरवर्ड न किया जाए। साथ ही इस मेल में यह भी कहा गया है कि उम्मीदवार इस मेल के साथ भेजे गए लिंक को खोलकर अपना आवेदन पत्र को डाउनलोड कर ले। रिजवान ने बताया कि उसको यह मेल 6 दिसंबर को शाम 4:26 को भेजा गया था, लेकिन वो इस मेल को तीन दिन बाद पढ़ पाया।
मूल रुप से अररिया जिले के निवासी रिजवान पिछले सात सालों से जमात-ए-इस्लामी हिंद की बिहार इकाई के मुखिया हैं। उन्होंने आईएसआई निदेशालय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। हालांकि उन्हें यह भी शक है कि यह किसी व्यक्ति की शातिर करतूत भी हो सकती है। रिजवान ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस संगठन के बारे में नहीं सुना है और वो चाहते हैं कि पुलिस इसकी पड़ताल करे और सच को उजागर करे।
मामले को संज्ञान में लेते हुए स्थानीय पुलिस ने इस मामले को साइबर सेल के पास भेज दिया है। सिटी एसपी शिवदीप वमन लांडे ने बताया कि पुलिस इस बात का पता लगा लेगी कि यह मेल कहां से भेजा गया है और इस मेल को भेजने वाला शख्स कौन है।
हालांकि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह किसी की शरारत हो सकती है। उनका मानना है कि जो संगठन आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होता है वो किसी को भी भर्ती-पत्र के संदर्भ में इस तरह से मेल नहीं भेजा करता है। उन्होंने बताया कि इस मेल का सच जल्द सामने आएगा।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पटना में रहने वाले एक शख्स को ऐसा मेल भेजा, जिसे पढ़कर वह सकते में आ गया। दरअसल शख्स को आईएसआई की तरफ से मेल के जरिए एक भर्ती पत्र भेजा गया। आईएसआई के निदेशालय की ओर से भेजा गए मेल उस शख्स को बताया गया था कि उसे संगठन में अस्थाई तौर पर भर्ती किया गया है। सभी मानदंडों को पूरा करने के बाद उसे स्थाई नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा। मेल को लेकर उस शख्स ने एफआईआर दर्ज करा दी है।
रिजवान अहमद नाम का शख्स जमात-ए-इस्लामी हिंद की बिहार इकाई का मुखिया है। वह पटना में रहता है। पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे 6 दिसंबर को पत्र भेजा था। हालांकि उसने उसे तीन दिन बाद पढ़ा। खुफिया एजेंसी द्वारा भेजे गए मेल में लिखा गया है, "डियर कैंडिडेट, हमारे संगठन में भर्ती के लिए तुम्हें नियुक्त किया गया है। आपकी भर्ती फिलहाल के लिए अस्थाई तौर पर है। नियुक्ति प्रक्रिया संबंधी सभी मानकों को पूरा कर लेने के बाद आपको स्थानी नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।"
मेल में रिजवान को सलाह भी दी गई है कि वो मेल को किसी अन्य व्यक्ति को न भेजे। यह एक गोपनीय मेल है इसे किसी अन्य को फॉरवर्ड न किया जाए। साथ ही इस मेल में यह भी कहा गया है कि उम्मीदवार इस मेल के साथ भेजे गए लिंक को खोलकर अपना आवेदन पत्र को डाउनलोड कर ले। रिजवान ने बताया कि उसको यह मेल 6 दिसंबर को शाम 4:26 को भेजा गया था, लेकिन वो इस मेल को तीन दिन बाद पढ़ पाया।
जमात-ए-इस्लामी हिंद से जुड़े हैं रिजवान
मूल रुप से अररिया जिले के निवासी रिजवान पिछले सात सालों से जमात-ए-इस्लामी हिंद की बिहार इकाई के मुखिया हैं। उन्होंने आईएसआई निदेशालय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। हालांकि उन्हें यह भी शक है कि यह किसी व्यक्ति की शातिर करतूत भी हो सकती है। रिजवान ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस संगठन के बारे में नहीं सुना है और वो चाहते हैं कि पुलिस इसकी पड़ताल करे और सच को उजागर करे।
मामले को संज्ञान में लेते हुए स्थानीय पुलिस ने इस मामले को साइबर सेल के पास भेज दिया है। सिटी एसपी शिवदीप वमन लांडे ने बताया कि पुलिस इस बात का पता लगा लेगी कि यह मेल कहां से भेजा गया है और इस मेल को भेजने वाला शख्स कौन है।
हालांकि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह किसी की शरारत हो सकती है। उनका मानना है कि जो संगठन आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होता है वो किसी को भी भर्ती-पत्र के संदर्भ में इस तरह से मेल नहीं भेजा करता है। उन्होंने बताया कि इस मेल का सच जल्द सामने आएगा।