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खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के मुद्दे पर जबरदस्त विरोध दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
इस मुलाकात में मुलायम ने अध्यादेश लाने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा कानून के कुछ प्रावधानों पर ऐतराज जताया। मगर अपने इन ऐतराजों के बावजूद सपा प्रमुख ने इस मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की बात से इनकार कर दिया।
मुलायम ने कहा इस मसले पर समर्थन वापसी का सवाल कहां से पैदा होता है। पार्टी पहले भी कई बार विरोध करती रही है।
मुलायम सिंह यादव ने परोक्ष रूप से स्पष्ट कर दिया है कि अध्यादेश पर सपा विरोध तो करेगी। मगर वह हद पार करने के मूड में नहीं है।
मुलायम ने अभी पिछले हफ्ते ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को किसान विरोधी बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे लोकलुभावन वायदे करती रहती है।
मगर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद वह कुछ नरम दिखे। उन्होंने कहा कि वह यहां चाय पीने आए थे। वह प्रधानमंत्री का आदर करते है। उन्होंने यह जरूर कहा कि खाद्य सुरक्षा पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस ने भी सपा मुखिया को सम्मान देते हुए कहा है कि उनकी बातों को सुना जाएगा और उनका समाधान भी निकाला जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि मुलायम सिंह ने विरोध नहीं किया है। अपनी बात रखी है। सपा हालांकि संसद के आगामी बजट सत्र में अध्यादेश में कुछ संशोधन पेश करने की बात करेगी।
सूत्रों का कहना है कि मुलायम को मनाने के लिए सरकार उनकी कुछेक मांगों पर विचार भी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सपा की मांग है कि अध्यादेश लागू होने के बाद सरकार को किसानों से गेहूं, धान, गन्ना न्यूनतम समर्थन मूल्य में लेने की गारंटी देनी चाहिए।
साथ ही किसानों को खाद, बीज सस्ते दाम में दिलाई जाए। फसलों की मूल्यांकन कमेटी में देश के पांच किसानों को शामिल किया जाए। किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाए।
खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के मुद्दे पर जबरदस्त विरोध दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
इस मुलाकात में मुलायम ने अध्यादेश लाने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा कानून के कुछ प्रावधानों पर ऐतराज जताया। मगर अपने इन ऐतराजों के बावजूद सपा प्रमुख ने इस मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की बात से इनकार कर दिया।
मुलायम ने कहा इस मसले पर समर्थन वापसी का सवाल कहां से पैदा होता है। पार्टी पहले भी कई बार विरोध करती रही है।
मुलायम सिंह यादव ने परोक्ष रूप से स्पष्ट कर दिया है कि अध्यादेश पर सपा विरोध तो करेगी। मगर वह हद पार करने के मूड में नहीं है।
मुलायम ने अभी पिछले हफ्ते ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को किसान विरोधी बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे लोकलुभावन वायदे करती रहती है।
मगर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद वह कुछ नरम दिखे। उन्होंने कहा कि वह यहां चाय पीने आए थे। वह प्रधानमंत्री का आदर करते है। उन्होंने यह जरूर कहा कि खाद्य सुरक्षा पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस ने भी सपा मुखिया को सम्मान देते हुए कहा है कि उनकी बातों को सुना जाएगा और उनका समाधान भी निकाला जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि मुलायम सिंह ने विरोध नहीं किया है। अपनी बात रखी है। सपा हालांकि संसद के आगामी बजट सत्र में अध्यादेश में कुछ संशोधन पेश करने की बात करेगी।
सूत्रों का कहना है कि मुलायम को मनाने के लिए सरकार उनकी कुछेक मांगों पर विचार भी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सपा की मांग है कि अध्यादेश लागू होने के बाद सरकार को किसानों से गेहूं, धान, गन्ना न्यूनतम समर्थन मूल्य में लेने की गारंटी देनी चाहिए।
साथ ही किसानों को खाद, बीज सस्ते दाम में दिलाई जाए। फसलों की मूल्यांकन कमेटी में देश के पांच किसानों को शामिल किया जाए। किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाए।