पुरानी फाइलों को नष्ट करने के क्रम में कथित तौर पर महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े दस्तावेज को भी नष्ट किए जाने को मुद्दा बनाते हुए एकजुट विपक्ष ने राज्यसभा में खूब हंगामा किया।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि गृहमंत्रालय की डेढ़ लाख फाइलों को नष्ट करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर मंत्रालय ने इन फाइलों में मौजूद गांधी की हत्या से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी नष्ट कर दिया है।
आरोप यह भी लगा कि सरकार की मंशा दरअसल गांधी की हत्या में हिंदूवादी तत्वों के शामिल होने के सरकारी रिकार्ड को मिटाना है।
हालांकि सरकार ने विपक्ष के इस आरोप का सिरे से खारिज कर दिया है। शून्यकाल के दौरान उठाए गए इस मुद्दे के जवाब में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के आदेश से कोई भी फाइल नष्ट नहीं की गई है।
असंतुष्ट विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे को देखते हुए सदन को स्थगित कर दिया गया। सीपीएम सांसद पी राजीव ने शून्यकाल के दौरान अखबारों में छपी खबर के हवाले से सरकार पर सीधा हमला बोला।
राजीव ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद बुलाई गई कैबिनेट बैठक से जुड़ी फाइल नष्ट करने की जरूरत ही क्या थी। यह इतिहास को नष्ट करने की सरकार की साजिश है।
राजीव का साथ देते हुए जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि सरकार खुफिया फाइलों को नष्ट कर इतिहास को खत्म करने का काम नहीं कर सकती। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सांसद भी इस पर मोदी के जवाब की मांग करने लगे।
गौरतलब है कि एनडीए सरकार के गठन के बाद सभी मंत्रालयों में पुरानी फाइलों को नष्ट करने का अभियान शुरू किया था। तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि अगर यह खबर गलत है तो सरकार को उन अखबारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने यह खबर छापी है।
पुरानी फाइलों को नष्ट करने के क्रम में कथित तौर पर महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े दस्तावेज को भी नष्ट किए जाने को मुद्दा बनाते हुए एकजुट विपक्ष ने राज्यसभा में खूब हंगामा किया।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि गृहमंत्रालय की डेढ़ लाख फाइलों को नष्ट करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर मंत्रालय ने इन फाइलों में मौजूद गांधी की हत्या से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी नष्ट कर दिया है।
आरोप यह भी लगा कि सरकार की मंशा दरअसल गांधी की हत्या में हिंदूवादी तत्वों के शामिल होने के सरकारी रिकार्ड को मिटाना है।