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महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के उपाय सुझाने के लिए गठित जस्टिस वर्मा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा, भले ही इसके लिए लड़की की सहमति ही क्यों न हो।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कोई पुरुष 16 साल से कम उम्र की लड़की से शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे नाबालिग के साथ बलात्कार का मामला माना जाएगा। भले ही संबंध बनाने के लिए लड़की ने सहमति ही क्यों न दी हो।
समिति ने कहा कि यदि अभियुक्त और नाबालिग लड़की के बीच वैवाहिक संबंध है तो भी इसे वैध बचाव नहीं माना जा सकता है। बलात्कारी तो बलात्कारी ही होता है, भले ही पीड़िता के साथ उसका कोई भी संबंध क्यों न हो।
न्यायमूर्ति वर्मा समिति ने विदेशी अदालत के एक फैसले को सही बताते हुए कहा कि किसी पुरुष या महिला के बीच विवाह या अन्य किसी तरह के अंतरंग संबंध बलात्कार जैसे यौन अपराधों के लिए वैध बचाव नहीं हो सकते हैं।
समिति ने मौजूदा कानूनों में बदलाव की बात करते हुए कहा कि कानून में यह स्पष्ट होना चाहिए कि बलात्कारी और बलात्कार की शिकार महिला के बीच विवाह या अन्य किसी तरह के संबंध यौन हिंसा या बलात्कार के अपराधों के लिए वैध बचाव नहीं माना जा सकता।
महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के उपाय सुझाने के लिए गठित जस्टिस वर्मा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा, भले ही इसके लिए लड़की की सहमति ही क्यों न हो।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कोई पुरुष 16 साल से कम उम्र की लड़की से शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे नाबालिग के साथ बलात्कार का मामला माना जाएगा। भले ही संबंध बनाने के लिए लड़की ने सहमति ही क्यों न दी हो।
समिति ने कहा कि यदि अभियुक्त और नाबालिग लड़की के बीच वैवाहिक संबंध है तो भी इसे वैध बचाव नहीं माना जा सकता है। बलात्कारी तो बलात्कारी ही होता है, भले ही पीड़िता के साथ उसका कोई भी संबंध क्यों न हो।
न्यायमूर्ति वर्मा समिति ने विदेशी अदालत के एक फैसले को सही बताते हुए कहा कि किसी पुरुष या महिला के बीच विवाह या अन्य किसी तरह के अंतरंग संबंध बलात्कार जैसे यौन अपराधों के लिए वैध बचाव नहीं हो सकते हैं।
समिति ने मौजूदा कानूनों में बदलाव की बात करते हुए कहा कि कानून में यह स्पष्ट होना चाहिए कि बलात्कारी और बलात्कार की शिकार महिला के बीच विवाह या अन्य किसी तरह के संबंध यौन हिंसा या बलात्कार के अपराधों के लिए वैध बचाव नहीं माना जा सकता।