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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने कहा है कि वो बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार को रूप में लोकसभा चुनाव लडेंगे और इसके लिए सोमवार को नामांकन दाख़िल करेंगे।
दूसरी तरफ़ लालकृष्ण आडवाणी के क़रीबी बताये जाने वाले हरिन पाठक ने, जिन्हें भी इस बार टिकट नहीं दिया गया है, कहा है कि वो अपना फ़ैसला दो तीन दिनों में लेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूर्व विदेश मंत्री के हवाले से कहा है, "हां मैं कल बाड़मेर से नामांकन कर रहा हूं, निर्दलीय या नहीं, ये पार्टी के उपर निर्भर करेगा।"
हालांकि जसवंत सिंह ने कहा है कि वो फ़िलहाल पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र नहीं दे रहे हैं और इसपर कोई निर्णय अपने साथियों से सलाह मशविरे के बाद ही करेंगे।
भाजपा ने इस बार लोकसभा का टिकट कांग्रेस छोड़कर हाल में ही पार्टी में आए सोनाराम चौधरी को दिया है। गुजरात के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिन पाठक ने भी मीडिया के सामने टिकट के बंटवारे पर पार्टी के ताज़ा निर्णयों के प्रति अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।
हरिन पाठक ने रविवार को मीडिया से कहा कि वो दो-तीन दिन में पार्टी कार्यकर्ताओं की राय जानकर आगे का फ़ैसला लेंगे। हरिन पाठक गुजरात की अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से सांसद हैं। उनकी जगह भाजपा ने फ़िल्म अभिनेता परेश रावल को लोकसभा टिकट दिया है। हरिन पाठक भाजपा के टिकट पर सात बार सांसद रह चुके हैं।
शनिवार को भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने भी जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिए जाने पर दुख जताया था। सुषमा ने भोपाल में कहा था, "मैं इस निर्णय से निजी तौर पर दुखी हूँ। यह एक असाधारण निर्णय है और असाधारण निर्णय बिना कारण नहीं लिए जाते।"
सुषमा ने कहा कि जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने का फ़ैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में नहीं लिया गया था, यह फ़ैसला 'बाद में' लिया गया। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुजरात के गाँधीनगर से लोकसभा टिकट दिए जाने को लेकर भी विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
ऐसे ख़बरें आईं थीं कि आडवाणी मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बाद में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा था कि यह आडवाणी की मर्ज़ी है कि वो गाँधीनगर से चुनाव लड़ते हैं या भोपाल से। सुषमा ने कहा कि जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने का फ़ैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में नहीं लिया गया था, यह फ़ैसला 'बाद में' लिया गया।
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुजरात के गाँधीनगर से लोकसभा टिकट दिए जाने को लेकर भी विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। ऐसे ख़बरें आईं थीं कि आडवाणी मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
बाद में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा था कि यह आडवाणी की मर्ज़ी है कि वो गाँधीनगर से चुनाव लड़ते हैं या भोपाल से। कुछ ही घंटो में आडवाणी ने बयान जारी करके कहा कि वो गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे।
माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह का बयान महज़ आडवाणी की 'प्रतिष्ठा' बचाने के लिए दिया गया था।इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के वाराणसी लोकसभा सीट छोडऩे को लेकर काफ़ी रस्साकशी हुई।
वाराणसी सीट से भाजपा ने पार्टी के प्रधानमंत्री के दावेदार नरेंद्र मोदी को उतारा है। वहीं जोशी को पार्टी ने कानपुर लोकसभा का टिकट दिया है। नरेंद्र मोदी गुजरात के वडोदरा सीट से भी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी होंगे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने कहा है कि वो बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार को रूप में लोकसभा चुनाव लडेंगे और इसके लिए सोमवार को नामांकन दाख़िल करेंगे।
दूसरी तरफ़ लालकृष्ण आडवाणी के क़रीबी बताये जाने वाले हरिन पाठक ने, जिन्हें भी इस बार टिकट नहीं दिया गया है, कहा है कि वो अपना फ़ैसला दो तीन दिनों में लेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूर्व विदेश मंत्री के हवाले से कहा है, "हां मैं कल बाड़मेर से नामांकन कर रहा हूं, निर्दलीय या नहीं, ये पार्टी के उपर निर्भर करेगा।"
हालांकि जसवंत सिंह ने कहा है कि वो फ़िलहाल पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र नहीं दे रहे हैं और इसपर कोई निर्णय अपने साथियों से सलाह मशविरे के बाद ही करेंगे।
हरिन पाठक की जगह फिल्म अभिनेता
भाजपा ने इस बार लोकसभा का टिकट कांग्रेस छोड़कर हाल में ही पार्टी में आए सोनाराम चौधरी को दिया है। गुजरात के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिन पाठक ने भी मीडिया के सामने टिकट के बंटवारे पर पार्टी के ताज़ा निर्णयों के प्रति अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।
हरिन पाठक ने रविवार को मीडिया से कहा कि वो दो-तीन दिन में पार्टी कार्यकर्ताओं की राय जानकर आगे का फ़ैसला लेंगे। हरिन पाठक गुजरात की अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से सांसद हैं। उनकी जगह भाजपा ने फ़िल्म अभिनेता परेश रावल को लोकसभा टिकट दिया है। हरिन पाठक भाजपा के टिकट पर सात बार सांसद रह चुके हैं।
शनिवार को भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने भी जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिए जाने पर दुख जताया था। सुषमा ने भोपाल में कहा था, "मैं इस निर्णय से निजी तौर पर दुखी हूँ। यह एक असाधारण निर्णय है और असाधारण निर्णय बिना कारण नहीं लिए जाते।"
'बाद का फ़ैसला'
सुषमा ने कहा कि जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने का फ़ैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में नहीं लिया गया था, यह फ़ैसला 'बाद में' लिया गया। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुजरात के गाँधीनगर से लोकसभा टिकट दिए जाने को लेकर भी विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
ऐसे ख़बरें आईं थीं कि आडवाणी मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बाद में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा था कि यह आडवाणी की मर्ज़ी है कि वो गाँधीनगर से चुनाव लड़ते हैं या भोपाल से। सुषमा ने कहा कि जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने का फ़ैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में नहीं लिया गया था, यह फ़ैसला 'बाद में' लिया गया।
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुजरात के गाँधीनगर से लोकसभा टिकट दिए जाने को लेकर भी विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। ऐसे ख़बरें आईं थीं कि आडवाणी मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वडोदरा सीट से मोदी
बाद में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा था कि यह आडवाणी की मर्ज़ी है कि वो गाँधीनगर से चुनाव लड़ते हैं या भोपाल से। कुछ ही घंटो में आडवाणी ने बयान जारी करके कहा कि वो गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे।
माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह का बयान महज़ आडवाणी की 'प्रतिष्ठा' बचाने के लिए दिया गया था।इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के वाराणसी लोकसभा सीट छोडऩे को लेकर काफ़ी रस्साकशी हुई।
वाराणसी सीट से भाजपा ने पार्टी के प्रधानमंत्री के दावेदार नरेंद्र मोदी को उतारा है। वहीं जोशी को पार्टी ने कानपुर लोकसभा का टिकट दिया है। नरेंद्र मोदी गुजरात के वडोदरा सीट से भी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी होंगे।