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मालदीव और नेपाल में चीन की टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सुरक्षा एजेंसियों को भय है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए इस्तेमाल किए गए उसके उपकरणों की जासूसी की जा सकती है और भारत तथा दोनों देशों के बीच होने वाले किसी भी कम्युनिकेशन में सेंध लगाकर दुरुपयोग किया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, चीन ने मालदीव को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए 5.70 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया है। इसको देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने टेलीकॉम विभाग को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। चीन एंटरप्राइजेज बिजनेस ग्रुप हुवेई टेक्नोलॉजी (लंका) कोऑपरेशन लिमिटेड और मालदीव के राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते से चीनी कंपनी ‘स्मार्ट मालदीव प्रोजेक्ट’ के तहत मालदीव में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करेगी। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित प्रोजेक्ट का रणनीतिक काफी महत्व है क्योंकि इसके जरिए चीन मालदीव पर अपना प्रभाव बढ़ा सकता है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने चीनी कंपनी हुवेई और नेपाल की टेलीकॉम कंपनी जेडटीई के साथ हुए समझौते पर भी चिंता जताई है। इसके तहत चीनी कंपनी नेपाल में नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क तैयार करेगी।
एक नोट में रिसर्च और एनालिसिस विंग (रॉ) ने आगाह करते हुए कहा है कि चीनी टेलीकॉम कंपनियां भारत-नेपाल और भारत-मालदीव के बीच होने वाले किसी भी बातचीत पर निगरानी या सेंध लगा सकती है। टेलीकॉम विभाग ने विदेश मंत्रालय से मामले को देखने और उचित स्तर पर मुद्दे को उठाने को कहा है।
मालदीव और नेपाल में चीन की टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सुरक्षा एजेंसियों को भय है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए इस्तेमाल किए गए उसके उपकरणों की जासूसी की जा सकती है और भारत तथा दोनों देशों के बीच होने वाले किसी भी कम्युनिकेशन में सेंध लगाकर दुरुपयोग किया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, चीन ने मालदीव को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए 5.70 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया है। इसको देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने टेलीकॉम विभाग को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। चीन एंटरप्राइजेज बिजनेस ग्रुप हुवेई टेक्नोलॉजी (लंका) कोऑपरेशन लिमिटेड और मालदीव के राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते से चीनी कंपनी ‘स्मार्ट मालदीव प्रोजेक्ट’ के तहत मालदीव में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करेगी। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित प्रोजेक्ट का रणनीतिक काफी महत्व है क्योंकि इसके जरिए चीन मालदीव पर अपना प्रभाव बढ़ा सकता है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने चीनी कंपनी हुवेई और नेपाल की टेलीकॉम कंपनी जेडटीई के साथ हुए समझौते पर भी चिंता जताई है। इसके तहत चीनी कंपनी नेपाल में नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क तैयार करेगी।
एक नोट में रिसर्च और एनालिसिस विंग (रॉ) ने आगाह करते हुए कहा है कि चीनी टेलीकॉम कंपनियां भारत-नेपाल और भारत-मालदीव के बीच होने वाले किसी भी बातचीत पर निगरानी या सेंध लगा सकती है। टेलीकॉम विभाग ने विदेश मंत्रालय से मामले को देखने और उचित स्तर पर मुद्दे को उठाने को कहा है।