इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) द्वारा मुंबई पर आतंकी हमला करने की ट्विटर पर दी गई धमकी के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
पुलिस बंदोबस्त सख्त होने के साथ ही लोग भी चौकन्ने हैं और वे एक-दूसरे को सावधान रहने के लिए एसएमएस अलर्ट भेज रहे हैं।
इनमें कहा जा रहा है कि इस धमकी से हड़बड़ाएं नहीं, बस सावधान रहें। लोग अपने परिजनों और दोस्तों को ये एसएमएस भेज रहे हैं।
बोधगया में आतंकी हमले के बाद इंडियन मुजाहिद के ट्विटर अकाउंट पर मुंबई पर 48 घंटों के भीतर (13 जुलाई तक) हमले की धमकी दी गई थी। इसके बाद मुंबई में रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई और महाराष्ट्र में जुलाई-अगस्त महीनों में सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं। पुलिस के अनुसार ये महीने मानसून के होते हैं और इन दिनों में लोगों का ज्यादातर ध्यान जल्द से जल्द घर और दफ्तर जाने में रहता है।
साथ ही जुलाई के खत्म होते-होते त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इससे लोगों की सतर्कता कुछ कम हो जाती है। आतंकी इसका फायदा उठाते रहे हैं।
इस बार पुलिस को जुलाई-अगस्त में खास चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। खास तौर पर पुलिस थानों से कहा गया है कि दोपहिया वाहनों की चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लें और तत्काल कार्रवाई करें।
अक्सर हमलों में वाहनों में बम लगाकर विस्फोट की घटनाएं हुई हैं। साथ ही कहीं संदिग्ध गाड़ी खड़ी दिखने पर भी तुरंत सक्रिय होने को कहा गया है।
केंद्र कब करेगा सिम पर सख्ती
मुंबई पुलिस मोबाइल सिम की बिक्री पर और सख्ती चाहती है। उसने इस संबंध में केंद्र सरकार को सुझाव भी भेजे हैं लेकिन सात महीने बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
आतंकी मामलों की जांच में पुलिस ने पाया है कि सिम की अवैध बिक्री का विस्फोटों से गहरा संबंध रहा है। पुलिस द्वारा केंद्र को भेजे गए सुझावों में कहा गया है कि जिसे भी सिम बेची जा रही है, उसकी आवाज का नमूना रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।
इसके अलावा सिम बेचने वाली दुकानों में कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि वे खरीदार के फोटो खींचें। पुलिस ने यह भी कहा है कि जो दुकानदार अवैध सिमकार्ड बेचते पकड़ा जाए उसे ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए।
मंडराया खतरा:-
- जुलाई 2003: घाटकोपर में बेस्ट की बस में विस्फोट, चार मरे 32 घायल।
- अगस्त 2003: गेटवे ऑफ इंडिया और जावेरी बाजार में विस्फोट, 52 मरे 100 घायल।
- जुलाई 2006: मुंबई की लोकल ट्रेनों में सीरियल विस्फोट, 209 मरे, 700 घायल।
- जुलाई 2011: जौहरी बाजार और दादर में तीन धमाके, 17 मरे 131 घायल।
- अगस्त 2012: पुणे में चार बम विस्फोट, एक घायल।