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युवाओं से संवाद कायम करने में जुटी सरकार

नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो Updated Mon, 28 Jan 2013 10:15 PM IST
government engaged in dialogue with youth

दिल्ली में युवती के साथ हुई दरिंदगी की प्रतिक्रिया में सड़कों पर उतरे युवाओं के आक्रोश का नया रूप देखने वाली सरकार हर मंच पर उनसे संवाद कायम करने की कोशिश में है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने भाषण में युवाओं को पूरी जगह दी, तो सोमवार को प्रधानमंत्री ने भी उनसे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया से सीधे जुड़ने का आह्वान कर यह संदेश दिया कि सरकार उन्हें अनदेखा नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वह मौकों का भरपूर फायदा उठाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना सकारात्मक योगदान दें।



प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुताबिक सबसे खास बात यह है कि आज के युवा अपने अधिकार के प्रति जिस हद तक जागरूक हैं, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। अगर देश युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा दे सकने में कामयाब हो जाए तो किसी भी जटिल समस्या के निबटना मुश्किल नहीं।


गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के लिए देश भर से जुटे एनसीसी कैडेटों के समारोह में मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। वह देश की सबसे बहुमूल्य ताकत हैं। आज के युवा देश की बढोत्तरी में सीधा योगदान देने को तत्पर हैं। यह सभी के लिए सुखद है। महिलाओं की सुरक्षा के उपाय सुझाने के लिए गठित जस्टिस वर्मा समिति ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर युवाओं की बात अभी नहीं सुनी गई तो जवाब देना भारी पड़ जाएगा क्योंकि वह अपने अधिकारों के प्रति पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं।

एनसीसी कैडेटों का हौसला बढ़ाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि इस संस्था ने समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम करने में तंत्र की काफी मदद की है। लड़कियों की भ्रूण हत्या, पर्यावरण और कैंसर जैसी समस्याओं के खिलाफ एनसीसी कैडेटों का योगदान काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि समाज के हर युवा को एनसीसी में भागीदारी करनी चाहिए। अगर वह एनसीसी में नहीं भर्ती हो सकें तो यहां सिखाए जा रहे अनुशासन का पालन जरूर करें।

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