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जयपुर में चल रहे साहित्य महोत्सव में बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा ने बार फिर भारत को चीन से बेहतर देश बताया। उन्होंने कहा कि भारत हमारा गुरू है और हम उसके चेले हैं। दलाई लामा ने कहा कि हम केवल चेले ही नहीं, बल्कि भरोसेमंद चेले हैं।
दिग्गी पैलेस में दलाई लामा के आने की सूचना पाकर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। नोबल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने जब लोगों को संबोधित किया तो वहां मौजूद हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। दलाई लामा ने कहा, 'भारत हमारा गुरू है और हम इसके चेले हैं। हमने जो कुछ भी सीखा है, जाना है, हासिल किया है, वह भारत की ही देन है।'
उन्होंने कहा कि भारत में अनेक धर्म और संस्कृतियां हैं, फिर भी लोकतंत्र कायम है। हर धर्म और उस धर्म को मानने वालों को हर तरह की आजादी है। उन्होंने कहा कि चीन को भारत से काफी कुछ सीखना चाहिए। सांस्कृतिक विभिन्नता के बावजूद भारत देश एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने हिन्दी-चीनी भाई भाई का नारा भी दोहराया। दलाई लामा ने कहा कि चीन और भारत के बीच अच्छे रिश्ते होने चाहिएं। ये दोनों ही देश जनसंख्या के मामले में दुनिया के बड़े देश हैं।
दिल्ली गैंगरेप के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से वे किसी को फांसी दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हर देश के अपने कानून होते हैं और वे उसी के अनुरूप काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए महिलाओं को विशेष सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। हालांकि मुख्य सुरक्षा शिक्षा ही हो सकती है। केवल शिक्षा ही समाज में परिवर्तन ला सकती है।
जयपुर में चल रहे साहित्य महोत्सव में बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा ने बार फिर भारत को चीन से बेहतर देश बताया। उन्होंने कहा कि भारत हमारा गुरू है और हम उसके चेले हैं। दलाई लामा ने कहा कि हम केवल चेले ही नहीं, बल्कि भरोसेमंद चेले हैं।
दिग्गी पैलेस में दलाई लामा के आने की सूचना पाकर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। नोबल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने जब लोगों को संबोधित किया तो वहां मौजूद हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। दलाई लामा ने कहा, 'भारत हमारा गुरू है और हम इसके चेले हैं। हमने जो कुछ भी सीखा है, जाना है, हासिल किया है, वह भारत की ही देन है।'
उन्होंने कहा कि भारत में अनेक धर्म और संस्कृतियां हैं, फिर भी लोकतंत्र कायम है। हर धर्म और उस धर्म को मानने वालों को हर तरह की आजादी है। उन्होंने कहा कि चीन को भारत से काफी कुछ सीखना चाहिए। सांस्कृतिक विभिन्नता के बावजूद भारत देश एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने हिन्दी-चीनी भाई भाई का नारा भी दोहराया। दलाई लामा ने कहा कि चीन और भारत के बीच अच्छे रिश्ते होने चाहिएं। ये दोनों ही देश जनसंख्या के मामले में दुनिया के बड़े देश हैं।
दिल्ली गैंगरेप के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से वे किसी को फांसी दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हर देश के अपने कानून होते हैं और वे उसी के अनुरूप काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए महिलाओं को विशेष सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। हालांकि मुख्य सुरक्षा शिक्षा ही हो सकती है। केवल शिक्षा ही समाज में परिवर्तन ला सकती है।