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कर्नाटक में दिनभर चले ड्रामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया ने मंगलवार देर रात भाजपा के 12 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन विधायकों ने कर्नाटक जनता पार्टी (केजीपी) नेता बीएस येदियुरप्पा के समर्थन में त्यागपत्र दिया। हालांकि प्रदेश में सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है। इस बीच केजीपी के पूर्व संस्थापक ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
13 विधायकों ने मंगलवार को दिन में विधान सुधा स्थित कार्यालय में बोपैया से मुलाकात की थी और विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंपे थे। शुरुआत में बोपैया ने बागी विधायकों के त्यागपत्र को स्वीकार किए जाने के निर्णय को टाल दिया था। त्यागपत्र स्वीकार किए जाने की मांग को लेकर बागी विधायक स्पीकर के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। येदियुरप्पा ने स्पीकर के कदम की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया था।
कई घंटों के ड्रामे के बाद 12 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए गए। तकनीकी कारणों की वजह से विट्टाला कटाकाडोंडा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। भाजपा ने सोमवार को ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इन विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की याचिका स्पीकर को दी थी।
यह घटनाक्रम प्रदेश में 4 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से कुछ दिन पहले हुआ है। हालांकि इससे छह माह पुरानी शेट्टार मंत्रिमंडल को तत्काल कोई खतरा नहीं है। 224 सदस्यीय विधानसभा में इन 12 विधायकों के इस्तीफे और 2 अन्य खाली सीटों को घटाकर मौजूदा आंकड़ा 210 होता है।
विधानसभा में अब भाजपा के विधायकों की संख्या 105, कांग्रेस के 71, जेडीएस के 26 और निर्दलीय सात विधायक हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा स्पीकर है। ऐसे में भाजपा आसानी से बहुमत साबित कर सकती है।
इस बीच येदियुरप्पा को अपनी ही पार्टी की ओर से जोर का झटका लगा है। कर्नाटक जनता पार्टी (केजीपी) के संस्थापक अध्यक्ष पदमनाभा प्रसन्ना ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कार्यकारिणी की आपात बैठक 20 दिसंबर 2012 को हुई। इस बैठक में प्रदेश इकाई अध्यक्ष पद के लिए येदियुरप्पा को नामित किए जाने के फैसले को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया।
येदियुरप्पा को कोर्ट में पेश होने का आदेश
सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके दो बेटों को अवैध खनन रिश्वत मामले में 23 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है। व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से छूट संबंधी याचिका को मंजूर करते हुए सीबीआई कोर्ट के प्रधान जज डीए वेंकट सुदर्शन ने येदियुरप्पा और उनके दो बेटों बीवाई विजयेंद्र तथा बीवाई राघवेंद्र को बिना किसी विफलता के 23 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद आरएन सोहन कुमार और पूर्व मंत्री कृष्णैया शेट्टी समेत अन्य आरोपी कोर्ट में मौजूद थे।
कर्नाटक में दिनभर चले ड्रामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया ने मंगलवार देर रात भाजपा के 12 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन विधायकों ने कर्नाटक जनता पार्टी (केजीपी) नेता बीएस येदियुरप्पा के समर्थन में त्यागपत्र दिया। हालांकि प्रदेश में सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है। इस बीच केजीपी के पूर्व संस्थापक ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
13 विधायकों ने मंगलवार को दिन में विधान सुधा स्थित कार्यालय में बोपैया से मुलाकात की थी और विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंपे थे। शुरुआत में बोपैया ने बागी विधायकों के त्यागपत्र को स्वीकार किए जाने के निर्णय को टाल दिया था। त्यागपत्र स्वीकार किए जाने की मांग को लेकर बागी विधायक स्पीकर के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। येदियुरप्पा ने स्पीकर के कदम की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया था।
कई घंटों के ड्रामे के बाद 12 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए गए। तकनीकी कारणों की वजह से विट्टाला कटाकाडोंडा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। भाजपा ने सोमवार को ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इन विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की याचिका स्पीकर को दी थी।
यह घटनाक्रम प्रदेश में 4 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से कुछ दिन पहले हुआ है। हालांकि इससे छह माह पुरानी शेट्टार मंत्रिमंडल को तत्काल कोई खतरा नहीं है। 224 सदस्यीय विधानसभा में इन 12 विधायकों के इस्तीफे और 2 अन्य खाली सीटों को घटाकर मौजूदा आंकड़ा 210 होता है।
विधानसभा में अब भाजपा के विधायकों की संख्या 105, कांग्रेस के 71, जेडीएस के 26 और निर्दलीय सात विधायक हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा स्पीकर है। ऐसे में भाजपा आसानी से बहुमत साबित कर सकती है।
इस बीच येदियुरप्पा को अपनी ही पार्टी की ओर से जोर का झटका लगा है। कर्नाटक जनता पार्टी (केजीपी) के संस्थापक अध्यक्ष पदमनाभा प्रसन्ना ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कार्यकारिणी की आपात बैठक 20 दिसंबर 2012 को हुई। इस बैठक में प्रदेश इकाई अध्यक्ष पद के लिए येदियुरप्पा को नामित किए जाने के फैसले को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया।
येदियुरप्पा को कोर्ट में पेश होने का आदेश
सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके दो बेटों को अवैध खनन रिश्वत मामले में 23 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है। व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से छूट संबंधी याचिका को मंजूर करते हुए सीबीआई कोर्ट के प्रधान जज डीए वेंकट सुदर्शन ने येदियुरप्पा और उनके दो बेटों बीवाई विजयेंद्र तथा बीवाई राघवेंद्र को बिना किसी विफलता के 23 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद आरएन सोहन कुमार और पूर्व मंत्री कृष्णैया शेट्टी समेत अन्य आरोपी कोर्ट में मौजूद थे।