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कोल आवंटन और टूजी के बाद कैग की एक और रिपोर्ट पर भाजपा संसद के बजट सत्र में यूपीए सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट में यह बातें सामने आ गई है कि 2008 के दौरान किसानों की कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन में भारी गड़बड़ियां हुईं थीं। इसका वास्तविक लाभ पीड़ितों को नहीं मिला।
भाजपा ने इस मामले में यूपीए सरकार से दो वित्त मंत्रियों की भूमिका पर सफाई मांगी है। पार्टी इस मुद्दे को संसद में पुरजोर तरीके से उठाएगी। इस योजना के तहत यूपीए सरकार ने 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामले देख उनका कर्ज माफ कर दिया था।
इस योजना पर सरकारी खजाने से 52,280 करोड़ रुपये दिये गये थे। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि यह योजना यूपीए प्रथम के दौरान तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शुरू की जबकि यूपीए-2 के दौरान तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस पर अमल कराया। उन्होंने कहा कि कैग ने इस योजना के क्रियान्वयन की खामियों पर उंगली उठाई है। इसलिए केंद्र सरकार को इस योजना में अपने दो वित्त मंत्रियों की भूमिका साफ करनी चाहिए।
कोल आवंटन और टूजी के बाद कैग की एक और रिपोर्ट पर भाजपा संसद के बजट सत्र में यूपीए सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट में यह बातें सामने आ गई है कि 2008 के दौरान किसानों की कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन में भारी गड़बड़ियां हुईं थीं। इसका वास्तविक लाभ पीड़ितों को नहीं मिला।
भाजपा ने इस मामले में यूपीए सरकार से दो वित्त मंत्रियों की भूमिका पर सफाई मांगी है। पार्टी इस मुद्दे को संसद में पुरजोर तरीके से उठाएगी। इस योजना के तहत यूपीए सरकार ने 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामले देख उनका कर्ज माफ कर दिया था।
इस योजना पर सरकारी खजाने से 52,280 करोड़ रुपये दिये गये थे। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि यह योजना यूपीए प्रथम के दौरान तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शुरू की जबकि यूपीए-2 के दौरान तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस पर अमल कराया। उन्होंने कहा कि कैग ने इस योजना के क्रियान्वयन की खामियों पर उंगली उठाई है। इसलिए केंद्र सरकार को इस योजना में अपने दो वित्त मंत्रियों की भूमिका साफ करनी चाहिए।