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गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने के यशवंत सिन्हा के बयान से नाराज जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि भाजपा को यह अवश्य सोचना चाहिए कि गठबंधन बहुत मुश्किल से बनते हैं। इससे पहले सिन्हा ने कहा था कि मोदी का नाम आगे बढ़ाने से पार्टी को बहुत लाभ मिलेगा इसलिए अगर जदयू एतराज जताए तो उससे नाता तोड़ लेना चाहिए।
यादव ने कहा कि इस मामले में यशवंत सिन्हा का बयान उचित नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा के अध्यक्ष या प्रवक्ता से पूछा जाना चाहिए। चूंकि भाजपा की ओर से अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है इसलिए इस बारे में बात करने का कोई औचित्य नहीं बनता। हमने पहले भी गठबंधन चलाए हैं। मेरे पास इस समय एनडीए के संयोजक की जिम्मेदारी भी है इसलिए दोबारा कहना चाहता हूं कि गठबंधन बहुत मुश्किल से बनते हैं।
इससे पहले जदयू के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने सिन्हा के बयान को व्यक्तिगत विचार बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा के आधिकारिक बयान का इंतजार करने को कहा। उनके नेता नीतिश कुमार पहले ही एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी पार्टी का रुख साफ कर चुके हैं।
तिवारी ने कहा कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने पार्टी की राय से भाजपा को भी अवगत करा दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसा व्यक्ति होना चाहिए। लिहाजा गेंद अब भाजपा के पाले में है।
उल्लेखनीय है कि मोदी की कट्टर हिंदुत्व वाली छवि के कारण नीतीश कुमार बिहार में चुनाव प्रचार व उनके साथ मंच साझा करने से मना कर चुके हैं। वे प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को एनडीए का उम्मीदवार बनाने के लिए भी यह कहकर कड़ा विरोध जता चुके हैं कि इस पद के लिए ऐसा व्यक्ति सामने लाया जाय जो कि धर्मनिरपेक्ष छवि वाला और सभी के लिए स्वीकार्य हो।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने के यशवंत सिन्हा के बयान से नाराज जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि भाजपा को यह अवश्य सोचना चाहिए कि गठबंधन बहुत मुश्किल से बनते हैं। इससे पहले सिन्हा ने कहा था कि मोदी का नाम आगे बढ़ाने से पार्टी को बहुत लाभ मिलेगा इसलिए अगर जदयू एतराज जताए तो उससे नाता तोड़ लेना चाहिए।
यादव ने कहा कि इस मामले में यशवंत सिन्हा का बयान उचित नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा के अध्यक्ष या प्रवक्ता से पूछा जाना चाहिए। चूंकि भाजपा की ओर से अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है इसलिए इस बारे में बात करने का कोई औचित्य नहीं बनता। हमने पहले भी गठबंधन चलाए हैं। मेरे पास इस समय एनडीए के संयोजक की जिम्मेदारी भी है इसलिए दोबारा कहना चाहता हूं कि गठबंधन बहुत मुश्किल से बनते हैं।
इससे पहले जदयू के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने सिन्हा के बयान को व्यक्तिगत विचार बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा के आधिकारिक बयान का इंतजार करने को कहा। उनके नेता नीतिश कुमार पहले ही एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी पार्टी का रुख साफ कर चुके हैं।
तिवारी ने कहा कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने पार्टी की राय से भाजपा को भी अवगत करा दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसा व्यक्ति होना चाहिए। लिहाजा गेंद अब भाजपा के पाले में है।
उल्लेखनीय है कि मोदी की कट्टर हिंदुत्व वाली छवि के कारण नीतीश कुमार बिहार में चुनाव प्रचार व उनके साथ मंच साझा करने से मना कर चुके हैं। वे प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को एनडीए का उम्मीदवार बनाने के लिए भी यह कहकर कड़ा विरोध जता चुके हैं कि इस पद के लिए ऐसा व्यक्ति सामने लाया जाय जो कि धर्मनिरपेक्ष छवि वाला और सभी के लिए स्वीकार्य हो।