पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
द्रमुक ने अपने बागी नेता अलागिरी को बर्खास्त कर दिया है। निलंबित अलागिरी पिछले कुछ दिनों से द्रमुक नेताओं पर जुबानी हमलों की धार बढ़ाते जा रहे थे।
द्रमुक को अलागिरी के हमलों से चुनाव में नुकसान की आशंका थी। लिहाजा पार्टी ने आखिरकार उन्हें बर्खास्त करने का फैसला ले लिया।
द्रमुक प्रमुख अलागिरी को पार्टी नेताओं के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करने के मामले में चेतावनी दे चुके थे। लेकिन अलागिरी इससे बाज नहीं आ रहे थे।
करुणानिधि ने जब देखा कि अलागिरी के हमलों की धार तीखी होती जा रही है तो उन्होंने उन्हें पार्टी से अलग करने का फैसला ले लिया। हालांकि अलागिरी को पहली बार पार्टी से बाहर नहीं किया गया है। उन्हें 2000 में भी पार्टी से निकाला गया था लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया गया। पार्टी में लौटने के बाद अलागिरी ने मदुरै में अपना प्रभाव बढ़ाया।
अलागिरी की बर्खास्तगी की घोषणा करते हुए द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने कहा कि उन्होंने और पार्टी के महासचिव अंबझागन ने इस मामले पर चर्चा की और अलागिरी को पार्टी को बर्खास्त करने का फैसला ले लिया। करुणानिधि यह घोषणा अपनी कार से कर रहे थे और उनकी बगल में उनके छोटे बेटे एम के स्टालिन बैठे थे।
स्टालिन का अलागिरी से सीधा टकराव है। अलागिरी की बर्खास्तगी की वजहें गिनाते हुए करुणानिधि ने कहा कि उन्हें निलंबित कर दिया गया था। उनसे पार्टी की ओर से कुछ जवाब मांगे गए थे, जो उन्होंने नहीं दिए। इसके उलट वह लगातार द्रमुक और इसके नेताओं की आलोचना कर रहे थे। लिहाजा उन्हें बर्खास्त करने का फैसला लेना पड़ा।
द्रमुक ने अपने बागी नेता अलागिरी को बर्खास्त कर दिया है। निलंबित अलागिरी पिछले कुछ दिनों से द्रमुक नेताओं पर जुबानी हमलों की धार बढ़ाते जा रहे थे।
द्रमुक को अलागिरी के हमलों से चुनाव में नुकसान की आशंका थी। लिहाजा पार्टी ने आखिरकार उन्हें बर्खास्त करने का फैसला ले लिया।
द्रमुक प्रमुख अलागिरी को पार्टी नेताओं के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करने के मामले में चेतावनी दे चुके थे। लेकिन अलागिरी इससे बाज नहीं आ रहे थे।
करुणानिधि ने जब देखा कि अलागिरी के हमलों की धार तीखी होती जा रही है तो उन्होंने उन्हें पार्टी से अलग करने का फैसला ले लिया। हालांकि अलागिरी को पहली बार पार्टी से बाहर नहीं किया गया है। उन्हें 2000 में भी पार्टी से निकाला गया था लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया गया। पार्टी में लौटने के बाद अलागिरी ने मदुरै में अपना प्रभाव बढ़ाया।
अलागिरी की बर्खास्तगी की घोषणा करते हुए द्रमुक प्रमुख करुणानिधि ने कहा कि उन्होंने और पार्टी के महासचिव अंबझागन ने इस मामले पर चर्चा की और अलागिरी को पार्टी को बर्खास्त करने का फैसला ले लिया। करुणानिधि यह घोषणा अपनी कार से कर रहे थे और उनकी बगल में उनके छोटे बेटे एम के स्टालिन बैठे थे।
स्टालिन का अलागिरी से सीधा टकराव है। अलागिरी की बर्खास्तगी की वजहें गिनाते हुए करुणानिधि ने कहा कि उन्हें निलंबित कर दिया गया था। उनसे पार्टी की ओर से कुछ जवाब मांगे गए थे, जो उन्होंने नहीं दिए। इसके उलट वह लगातार द्रमुक और इसके नेताओं की आलोचना कर रहे थे। लिहाजा उन्हें बर्खास्त करने का फैसला लेना पड़ा।