पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने रविवार को कहा कि अफ्सपा कानून लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। यदि इस कानून को अशांत इलाकों से नहीं हटाया जा सकता तो सेना से बातचीत कर इसकी खामियां दूर की जानी चाहिए।
वे जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों पर अपनी राय जाहिर कर रहे थे, जिनमें कहा गया है कि महिलाओं का यौन शोषण करने वाले सेना या पुलिस कर्मियों को अफ्सपा कानून के तहत संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
हबीबुल्लाह ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे कानून नहीं होने चाहिए। बलात्कारियों को फांसी न देने की वर्मा कमेटी की सिफारिश पर उन्होंने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि पांच जनवरी को वर्मा कमेटी को दिए अपने सुझावों में उन्होंने बलात्कारियों को फांसी देने का विरोध किया था।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने रविवार को कहा कि अफ्सपा कानून लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। यदि इस कानून को अशांत इलाकों से नहीं हटाया जा सकता तो सेना से बातचीत कर इसकी खामियां दूर की जानी चाहिए।
वे जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों पर अपनी राय जाहिर कर रहे थे, जिनमें कहा गया है कि महिलाओं का यौन शोषण करने वाले सेना या पुलिस कर्मियों को अफ्सपा कानून के तहत संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
हबीबुल्लाह ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे कानून नहीं होने चाहिए। बलात्कारियों को फांसी न देने की वर्मा कमेटी की सिफारिश पर उन्होंने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि पांच जनवरी को वर्मा कमेटी को दिए अपने सुझावों में उन्होंने बलात्कारियों को फांसी देने का विरोध किया था।