'माई सिटी टॉक्स-लव आज कल' प्रतियोगिता का आयोजन प्रयागराज में किया गया और इस दौरान समीक्षा पांडेय और कमलेश पांडेय की एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई जिसने सभी का दिल जीत लिया। आइए जानते हैं उनकी प्रेम कहानी उन्हीं की जुबानी...
समीक्षा कहती हैं कि हमारी प्रेम कहानी बहुत साधारण, लेकिन लीक से अलग हटकर है। कॉलेज के दिनों में जिस लड़के पर जानें कितनी लड़कियां फिदा होती थीं, उसका दिल एक फोटो पर आकर अटक गया। यह बीटेक का छात्र था और टॉपर भी। कमाल यह भी कि मुझे देखने के पहले ही यह मेरी फोटो को देखकर ही दिल दे बैठे थे। हम लोगों के बीच में न पहले कोई बातचीत हुई और न ही मेरी फोटो पसंद करने के बाद इन्होंने ऐसी कोई पहल की।
बस, एक पारिवारिक समारोह की तस्वीर इन्होंने देखी थी, जिसमें मैं तो शरीक थी पर यह उस आयोजन में नहीं आए थे। इसके बाद इनकी शादी के लिए जब-जब रिश्ते आते येे मना करते रहे। कई बार ऐसा होने पर जब इनकी मां ने पूछा कि तुम्हें कैसी लड़की चाहिए तो इन्होंने मेरी फोटो दिखाते हुए तुरंत कह दिया, या तो यह चाहिए या फिर इस जैसी ही लड़की चाहिए। सासू मां बोलीं, अब तुम्हारे लिए इस जैसी लड़की कहां से ला सकते हैं। हां, इस लड़की के लिए बातचीत की जा सकती है।
दोनों परिवारों के बीच बहुत नहीं बनती थी। पहला कारण यह था कि इनके परिवार से मेरे परिवार की करीबी रिश्तेदारी थी। दूसरा कारण यह कि मेरा परिवार सामान्य था, जबकि इनका परिवार मेरे परिवार से बहुत अधिक संपन्न था। यह अपनी जिद पर अड़े रहे और अंतत: हमारे प्यार की जीत हुई। काफी उतार-चढ़ाव के बाद हमारी प्रेम कहानी को कामयाबी मिली और इनके परिवार के लोग शादी के लिए राजी हो गए।
मैं गंगागंज की रहने वाली हूं और इनका परिवार बेनीगंज में रहता है। फिलहाल यह जीएमआर ग्रुप में इंजीनियर हैं। मिलने पर जब मैंने पूछा कि आपने मुझे ही क्यों चुना तो इनका कहना था कि तुम्हारी तस्वीर में मुझे सादगी पसंद आ गई और मैंने हां कह दी। तुम्हारी फोटो देखकर ही मुझे लगा था तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए ही बनी हो। इस तरह हमारा प्यार जीत गया। आज हम बहुत खुश हैं। अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत मिला ही देती है जैसे हमें मिला दिया।
'माई सिटी टॉक्स-लव आज कल' प्रतियोगिता का आयोजन प्रयागराज में किया गया और इस दौरान समीक्षा पांडेय और कमलेश पांडेय की एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई जिसने सभी का दिल जीत लिया। आइए जानते हैं उनकी प्रेम कहानी उन्हीं की जुबानी...
समीक्षा कहती हैं कि हमारी प्रेम कहानी बहुत साधारण, लेकिन लीक से अलग हटकर है। कॉलेज के दिनों में जिस लड़के पर जानें कितनी लड़कियां फिदा होती थीं, उसका दिल एक फोटो पर आकर अटक गया। यह बीटेक का छात्र था और टॉपर भी। कमाल यह भी कि मुझे देखने के पहले ही यह मेरी फोटो को देखकर ही दिल दे बैठे थे। हम लोगों के बीच में न पहले कोई बातचीत हुई और न ही मेरी फोटो पसंद करने के बाद इन्होंने ऐसी कोई पहल की।
बस, एक पारिवारिक समारोह की तस्वीर इन्होंने देखी थी, जिसमें मैं तो शरीक थी पर यह उस आयोजन में नहीं आए थे। इसके बाद इनकी शादी के लिए जब-जब रिश्ते आते येे मना करते रहे। कई बार ऐसा होने पर जब इनकी मां ने पूछा कि तुम्हें कैसी लड़की चाहिए तो इन्होंने मेरी फोटो दिखाते हुए तुरंत कह दिया, या तो यह चाहिए या फिर इस जैसी ही लड़की चाहिए। सासू मां बोलीं, अब तुम्हारे लिए इस जैसी लड़की कहां से ला सकते हैं। हां, इस लड़की के लिए बातचीत की जा सकती है।
दोनों परिवारों के बीच बहुत नहीं बनती थी। पहला कारण यह था कि इनके परिवार से मेरे परिवार की करीबी रिश्तेदारी थी। दूसरा कारण यह कि मेरा परिवार सामान्य था, जबकि इनका परिवार मेरे परिवार से बहुत अधिक संपन्न था। यह अपनी जिद पर अड़े रहे और अंतत: हमारे प्यार की जीत हुई। काफी उतार-चढ़ाव के बाद हमारी प्रेम कहानी को कामयाबी मिली और इनके परिवार के लोग शादी के लिए राजी हो गए।
मैं गंगागंज की रहने वाली हूं और इनका परिवार बेनीगंज में रहता है। फिलहाल यह जीएमआर ग्रुप में इंजीनियर हैं। मिलने पर जब मैंने पूछा कि आपने मुझे ही क्यों चुना तो इनका कहना था कि तुम्हारी तस्वीर में मुझे सादगी पसंद आ गई और मैंने हां कह दी। तुम्हारी फोटो देखकर ही मुझे लगा था तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए ही बनी हो। इस तरह हमारा प्यार जीत गया। आज हम बहुत खुश हैं। अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत मिला ही देती है जैसे हमें मिला दिया।