हर प्रेमी जोड़े का प्यार शादी की मंजिल तक नहीं पहुंच पाता है। वे बहुत खुशनसीब होते हैं, जिनकी मुहब्बत परवान चढ़कर जिंदगी भर के साथ में तब्दील हो पाती है। राहुल और रंजना की जोड़ी इन्हीं में से एक है। दो साल पहले प्यार हुआ और वेलेंटाइन वीक के पहले दिन रोज डे पर शुक्रवार को दोनों ने एकदूसरे का हाथ थाम दांपत्य जीवन में प्रवेश किया।
नारायण बाग तिराहा निवासी राहुल गौतम न्यायालय में क्लर्क हैं। साल 2017 में एक दोस्त के जरिये उनका परिचय उरई निवासी रंजना से हुआ था। राहुल पहली ही नजर में रंजना को अपना दिल दे बैठे थे। लेकिन, ये प्यार इकतरफा ही था।
एक साल तक यूूं ही चलता रहा, लेकिन रंजना की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला। राहुल का प्यार सच्चा था। आखिरकार रंजना भी मान ही गई। लेकिन, इसके बाद भी आगे का रास्ता आसान नहीं था।
राहुल के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने परिवार को मनाने की थी। अपनी बड़ी बहन की मदद से वे अपने परिजनों को मनाने में कामयाब हो गए। इसके बाद भी चुनौतियां कम नहीं हुईं। अब बारी थी रंजना के परिवार की रजामंदी की।
यह जिम्मेदारी रंजना ने संभाली। तमाम समझाइश के बाद आखिर में बात बन गई। फिर क्या बैंड, बाजा और बारात की घड़ी भी आ गई। तारीख भी दोनों ने मुहब्बत की चुनी। वेलेंटाइन वीक के पहले दिन रोज डे पर शुक्रवार को दोनों धूमधाम से दांपत्य सूत्र में बंधे और प्यार की जीत हुई।
हर प्रेमी जोड़े का प्यार शादी की मंजिल तक नहीं पहुंच पाता है। वे बहुत खुशनसीब होते हैं, जिनकी मुहब्बत परवान चढ़कर जिंदगी भर के साथ में तब्दील हो पाती है। राहुल और रंजना की जोड़ी इन्हीं में से एक है। दो साल पहले प्यार हुआ और वेलेंटाइन वीक के पहले दिन रोज डे पर शुक्रवार को दोनों ने एकदूसरे का हाथ थाम दांपत्य जीवन में प्रवेश किया।
नारायण बाग तिराहा निवासी राहुल गौतम न्यायालय में क्लर्क हैं। साल 2017 में एक दोस्त के जरिये उनका परिचय उरई निवासी रंजना से हुआ था। राहुल पहली ही नजर में रंजना को अपना दिल दे बैठे थे। लेकिन, ये प्यार इकतरफा ही था।
एक साल तक यूूं ही चलता रहा, लेकिन रंजना की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला। राहुल का प्यार सच्चा था। आखिरकार रंजना भी मान ही गई। लेकिन, इसके बाद भी आगे का रास्ता आसान नहीं था।
राहुल के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने परिवार को मनाने की थी। अपनी बड़ी बहन की मदद से वे अपने परिजनों को मनाने में कामयाब हो गए। इसके बाद भी चुनौतियां कम नहीं हुईं। अब बारी थी रंजना के परिवार की रजामंदी की।
यह जिम्मेदारी रंजना ने संभाली। तमाम समझाइश के बाद आखिर में बात बन गई। फिर क्या बैंड, बाजा और बारात की घड़ी भी आ गई। तारीख भी दोनों ने मुहब्बत की चुनी। वेलेंटाइन वीक के पहले दिन रोज डे पर शुक्रवार को दोनों धूमधाम से दांपत्य सूत्र में बंधे और प्यार की जीत हुई।