‘असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम। कहां खामियां रह गईं, इस पर विचार करो तुम। मेहनत-लगन के साथ आगे बढ़े चलो तुम, फिर कभी पीछे मत देखो। हर नई चोटी पर परचम लहराए चलो तुम।’ थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने सोमवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के दीक्षांत समारोह में मेधावियों के बीच इन पंक्तियों का उल्लेख करते हुए युवाओं को असफलता से भी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने 23 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर समारोह के विशिष्ट अतिथि डिक्की के संस्थापक अध्यक्ष व पद्मश्री मिलिंद कांबले को डीएससी की मानद उपाधि भी दी गई। कुलाधिपति प्रकाशचंद्र बरतुनिया ने समारोह की अध्यक्षता की।
जनरल रावत ने कहा कि ये वे पंक्तियां हैं जो मुझे हमेशा उत्साहित करती रही हैं। याद रखें कि आपके आगे बहुत सी चुनौतियां हैं। विश्वविद्यालय से जब आप बाहर की दुनिया में कदम रखेंगे तो आपके सामने बहुत सी चुनौतियां आएंगी। उन चुनौतियों को पार पाने में आप सफल होंगे लेकिन कई बार असफलता भी मिलेगी। जब-जब आपको असफलता का सामना करना पड़े तो असफलता को ही अपनी प्रेरणा बनाकर आगे बढ़ें।
बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में दक्षिण भारत का छात्र मुंगामुरी क्रांथि कुमार ड्रेस कोड (कुर्ता-पायजामा व पट्टा) की जगह जींस-शर्ट में पहुंचा। एमए समाजशास्त्र के छात्र क्रांथि कुमार को विभाग का सामान्य व कटेगरी गोल्ड मेडल के साथ आरडी सोनकर अवॉर्ड भी दिया जाना था। छात्र जेएनयू से एमफिल भी कर रहा है। किंतु दीक्षांत समारोह शुरू होने से पहले ही प्रोफेसर इंचार्ज सिक्योरिटी प्रो. गजानंद पांडेय पुलिस लेकर छात्र के पास पहुंचे। जहां विरोध के बीच छात्र को पकड़कर समारोह स्थल से बाहर कर दिया गया।
छात्र ने बताया कि उसे पुलिस वालों ने प्रॉक्टर कार्यालय ले जाकर कमरे में बंद कर दिया। शाम को दीक्षांत खत्म होने के बाद छोड़ा गया। उसने बताया, मैंने एक माह पहले कुलपति को ड्रेस कोड से संबंधित पत्र लिखा था। पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद मैं सामान्य ड्रेस में पहुंचा था। बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर भी कहते थे कि हर जाति-धर्म व क्षेत्र का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जब सभी एक ड्रेस कोड में होंगे तो उनकी विविधता कैसे दिखेगी?
दीक्षांत समारोह में दो सत्रों 2017-18, 2018-19 के विद्यार्थियों को मेडल व डिग्री दी गई। समारोह में 251 विद्यार्थियों को मेडल व 1626 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई।
इनको थल सेनाध्यक्ष ने दिया मेडल
रोहित वर्मा, आकाश शुक्ला, तनुश्री, शुभम मिश्रा, शिवानी सिंह, प्रशांत त्रिपाठी, अंकिता उपाध्याय, रिमांशी अग्रवाल, फरियाल अली, विकास कुमार सिंह, धर्मेंद्र यादव, रजाउद्दीन, शारांश तिवारी, हर्ष जोशी, रश्मि दीक्षित, सोनम तोमर, अमनदीप, निहारिका तिवारी, आयुषी शिवश, पूजा, अमृता सिंह, जूबी सिद्दीकी, हर्ष कुमार।
‘असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम। कहां खामियां रह गईं, इस पर विचार करो तुम। मेहनत-लगन के साथ आगे बढ़े चलो तुम, फिर कभी पीछे मत देखो। हर नई चोटी पर परचम लहराए चलो तुम।’ थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने सोमवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के दीक्षांत समारोह में मेधावियों के बीच इन पंक्तियों का उल्लेख करते हुए युवाओं को असफलता से भी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने 23 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर समारोह के विशिष्ट अतिथि डिक्की के संस्थापक अध्यक्ष व पद्मश्री मिलिंद कांबले को डीएससी की मानद उपाधि भी दी गई। कुलाधिपति प्रकाशचंद्र बरतुनिया ने समारोह की अध्यक्षता की।
जनरल रावत ने कहा कि ये वे पंक्तियां हैं जो मुझे हमेशा उत्साहित करती रही हैं। याद रखें कि आपके आगे बहुत सी चुनौतियां हैं। विश्वविद्यालय से जब आप बाहर की दुनिया में कदम रखेंगे तो आपके सामने बहुत सी चुनौतियां आएंगी। उन चुनौतियों को पार पाने में आप सफल होंगे लेकिन कई बार असफलता भी मिलेगी। जब-जब आपको असफलता का सामना करना पड़े तो असफलता को ही अपनी प्रेरणा बनाकर आगे बढ़ें।
बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में दक्षिण भारत का छात्र मुंगामुरी क्रांथि कुमार ड्रेस कोड (कुर्ता-पायजामा व पट्टा) की जगह जींस-शर्ट में पहुंचा। एमए समाजशास्त्र के छात्र क्रांथि कुमार को विभाग का सामान्य व कटेगरी गोल्ड मेडल के साथ आरडी सोनकर अवॉर्ड भी दिया जाना था। छात्र जेएनयू से एमफिल भी कर रहा है। किंतु दीक्षांत समारोह शुरू होने से पहले ही प्रोफेसर इंचार्ज सिक्योरिटी प्रो. गजानंद पांडेय पुलिस लेकर छात्र के पास पहुंचे। जहां विरोध के बीच छात्र को पकड़कर समारोह स्थल से बाहर कर दिया गया।
छात्र ने बताया कि उसे पुलिस वालों ने प्रॉक्टर कार्यालय ले जाकर कमरे में बंद कर दिया। शाम को दीक्षांत खत्म होने के बाद छोड़ा गया। उसने बताया, मैंने एक माह पहले कुलपति को ड्रेस कोड से संबंधित पत्र लिखा था। पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद मैं सामान्य ड्रेस में पहुंचा था। बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर भी कहते थे कि हर जाति-धर्म व क्षेत्र का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जब सभी एक ड्रेस कोड में होंगे तो उनकी विविधता कैसे दिखेगी?
दो सत्रों के 251 मेधावियों को मिला गोल्ड मेडल
दीक्षांत समारोह में दो सत्रों 2017-18, 2018-19 के विद्यार्थियों को मेडल व डिग्री दी गई। समारोह में 251 विद्यार्थियों को मेडल व 1626 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई।
इनको थल सेनाध्यक्ष ने दिया मेडल
रोहित वर्मा, आकाश शुक्ला, तनुश्री, शुभम मिश्रा, शिवानी सिंह, प्रशांत त्रिपाठी, अंकिता उपाध्याय, रिमांशी अग्रवाल, फरियाल अली, विकास कुमार सिंह, धर्मेंद्र यादव, रजाउद्दीन, शारांश तिवारी, हर्ष जोशी, रश्मि दीक्षित, सोनम तोमर, अमनदीप, निहारिका तिवारी, आयुषी शिवश, पूजा, अमृता सिंह, जूबी सिद्दीकी, हर्ष कुमार।