जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। लंबी कोशिशों के बाद जब घाटी में सबकुछ सामान्य होने लगा तो फिर से पाकिस्तान ने दहशतगर्दी शुरू कर दी। आतंकवादी हमलों के जरिए जम्मू कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश में जुट गया है। ये हालात तब है जब पाकिस्तान खुद कई टुकड़ों में बंटने की राह पर खड़ा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन भी चल रहा है। आजादी की मांग कर रहे नेताओं का दावा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों के अंदर बलूचिस्तान, पंजाब और सिंधुदेश पाकिस्तान से अलग हो जाएगा। यहां के नागरिकों को आजादी मिल जाएगी।
जानिए कैसे...
सिंधुदेश की अलग मांग को लेकर जय सिंध मताहिदा महज (JSMM) के अध्यक्ष शफी बरफत का कहना है कि सिंधु और बलूचिस्तान में रहने वाले नागरिकों के साथ पाकिस्तान सरकार शुरू से ही भेदभाव करती रही है। जैसा 1971 से पहले पश्चिमी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में रहने वाले लोगों के साथ करती थी। यहां के नागरिकों को पाकिस्तानी सेना और पुलिस प्रतापड़ित करती है। बहुत सारे लोगों को मार डाला गया। महिलाओं और लड़कियों के साथ रेप जैसा घिनौना काम करते हैं। युवाओं को हमेशा गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाता है। अगर कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसकी हत्या कर दी जाती है।
शफी बताते हैं कि पाकिस्तान का केवल एक मकसद है कि वह धार्मिक जिहाद के जरिए पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाएं। पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की हालत बहुत बुरी हो चुकी है। हिंदुओं, सिखों की संख्या अब न के बराबर बची है। ज्यादातर लोगों का धर्म परितर्वन करा दिया गया और जिन्होंने धर्म परिवर्तन नहीं कराया उन्हें मार दिया गया। हिंदू बेटियों के साथ जानवरों की तरह ये लोग दुष्कर्म करते हैं और जबरन उनका धर्म बदला देते हैं।
शफी बरफत कहते हैं कि सिंधुदेश और बलूचिस्तान को आजादी दिलाना ही उनका और उनके संगठन का मकसद है। इसके लिए वह बड़े पैमाने पर आंदोलन चला रहे हैं। शफी के अनुसार पांच तरीका है, जिसके जरिए आसानी से सिंधुदेश और बलूचिस्तान के अलग देश होने की कल्पना हो पूरा किया जा सकता है। इनमें...
- भारत सरकार सिंधुदेश और बलूचिस्तान का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए।
- भारत सरकार सिंधुदेश और बलूचिस्तान के लोगों की मदद करे और उनकी आवाज बुलंद करे।
- अमेरिका हमारी आवाज को सुनें और उसपर एक्शन लें।
- अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन बलूचिस्तान और सिंधुदेश में नागरिकों के साथ हो रहे अत्याचार को बंद कराएं।
- अंतरराष्ट्रीय संगठन से जुड़े लोग बलूची और सिंधी लोगों से निष्पक्ष वोट कराएं।
विस्तार
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। लंबी कोशिशों के बाद जब घाटी में सबकुछ सामान्य होने लगा तो फिर से पाकिस्तान ने दहशतगर्दी शुरू कर दी। आतंकवादी हमलों के जरिए जम्मू कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश में जुट गया है। ये हालात तब है जब पाकिस्तान खुद कई टुकड़ों में बंटने की राह पर खड़ा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन भी चल रहा है। आजादी की मांग कर रहे नेताओं का दावा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों के अंदर बलूचिस्तान, पंजाब और सिंधुदेश पाकिस्तान से अलग हो जाएगा। यहां के नागरिकों को आजादी मिल जाएगी।
जानिए कैसे...
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। लंबी कोशिशों के बाद जब घाटी में सबकुछ सामान्य होने लगा तो फिर से पाकिस्तान ने दहशतगर्दी शुरू कर दी। आतंकवादी हमलों के जरिए जम्मू कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश में जुट गया है। ये हालात तब है जब पाकिस्तान खुद कई टुकड़ों में बंटने की राह पर खड़ा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन भी चल रहा है। आजादी की मांग कर रहे नेताओं का दावा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों के अंदर बलूचिस्तान, पंजाब और सिंधुदेश पाकिस्तान से अलग हो जाएगा। यहां के नागरिकों को आजादी मिल जाएगी।
जानिए कैसे...