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मोदी सरकार के कार्यकाल में भी ग्रामीण विकास मंत्रालय का बोलबाला रहने वाला है। नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तीसरे चरण मंजूरी होगी। इस योजना को आथक मामलों के मंत्रीमंडल ने (ईएफसी) की स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें 1.20 करोड़ रुपये की लागत से 125,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है।
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया इसका प्रस्ताव तैयार है। मंत्रिमंडल की हरी झंडी केवल औपचारिकाताओं का निर्वाह करेगी। क्योंकि आथक मामलों की मंत्रिपरिषद इस मसौदे को पहले ही पास कर चुकी है।
इस चरण में बसावटों को अस्पतालों, मंडियों और व्यापारिक केंद्रों के साथ शिक्षण संस्थानों से जोडने की योजना है। इसके अलावा तीसरे चरण में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 2022 तक देश भर गांवों को मुख्य मार्ग से जोडना है। नए कार्यकाल में पीएम की प्राथमिकता रोजगार सृजन के साथ ग्रामीण भारत को सृमद्ध करना है। इसके लिए पुरानी सड़कों के रख-रखाव के लिए राज्यों के साथ एक कार्यबद्ध योजना के तहत काम भी करना है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना 2000 में शुरू की गई थी। 2014 में इसके काम में तेजी लाई गई। इसके तहत पीएमजीएसवाई दो मार्च 2019 तक 50,000 किलोमीटर सड़के बननी थीं। इसमें 1,54297 बसावटें मुख्यमार्गों से जुड़ गई थी। यानि 6,58,143 किमी की स्वीकृत सड़कों में से 5,50,601 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है।
इस क्रम में रोजगार सृजन करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकरिता मंत्रालय अपने छात्रवृति कार्यक्रमों को विस्तार देने के साथ बेहतर ढंग से लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने शैक्षिक योजनाओं में विस्तार के साथ उन्हें आजीविका और शिक्षा से जोड़कर लागू कराने की योजना है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में भी ग्रामीण विकास मंत्रालय का बोलबाला रहने वाला है। नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तीसरे चरण मंजूरी होगी। इस योजना को आथक मामलों के मंत्रीमंडल ने (ईएफसी) की स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें 1.20 करोड़ रुपये की लागत से 125,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है।
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया इसका प्रस्ताव तैयार है। मंत्रिमंडल की हरी झंडी केवल औपचारिकाताओं का निर्वाह करेगी। क्योंकि आथक मामलों की मंत्रिपरिषद इस मसौदे को पहले ही पास कर चुकी है।
इस चरण में बसावटों को अस्पतालों, मंडियों और व्यापारिक केंद्रों के साथ शिक्षण संस्थानों से जोडने की योजना है। इसके अलावा तीसरे चरण में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 2022 तक देश भर गांवों को मुख्य मार्ग से जोडना है। नए कार्यकाल में पीएम की प्राथमिकता रोजगार सृजन के साथ ग्रामीण भारत को सृमद्ध करना है। इसके लिए पुरानी सड़कों के रख-रखाव के लिए राज्यों के साथ एक कार्यबद्ध योजना के तहत काम भी करना है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना 2000 में शुरू की गई थी। 2014 में इसके काम में तेजी लाई गई। इसके तहत पीएमजीएसवाई दो मार्च 2019 तक 50,000 किलोमीटर सड़के बननी थीं। इसमें 1,54297 बसावटें मुख्यमार्गों से जुड़ गई थी। यानि 6,58,143 किमी की स्वीकृत सड़कों में से 5,50,601 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है।
इस क्रम में रोजगार सृजन करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकरिता मंत्रालय अपने छात्रवृति कार्यक्रमों को विस्तार देने के साथ बेहतर ढंग से लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने शैक्षिक योजनाओं में विस्तार के साथ उन्हें आजीविका और शिक्षा से जोड़कर लागू कराने की योजना है।