न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 19 Mar 2020 11:42 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के सुझावों-उपायों के संबंध में अपनी बात रखी। बता दें कि इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वायरस के कारण देश में उपजे हालात को लेकर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी। इससे पहले मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कोरोना के खिलाफ जंग में जी-जान से जुटे लोगों की जमकर सराहना भी की थी।
यहां पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन का हर अपडेट...
प्रधानमंत्री ने क्या कहा संबोधन में
- मेरे प्यारे देशवासियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।
- इस समय पूरा विश्व और भारत देश कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है।
- आज मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
- अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।
- ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।
- भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।
- आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है।
- इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है, पहला- संकल्प और दूसरा- संयम।
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
- आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ।'
- ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना।
- आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है। इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें।
- जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें। मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव-गांव में ब्लैकआउट किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाइट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे।
- मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
- संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। साथियों, ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा। ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।
- आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।
- मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।
- पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं। सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे।
- संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।
- कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19- इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है।
- ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि, आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो। संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें।
- मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी ऐसी आवश्यक चीजों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
- पिछले दो महीनों में, 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है।
- मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है। कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है। #JantaCurfew, #जनता_कर्फ्यू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करने के बाद कांग्रेस ने भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वह केंद्र सरकार के सभी प्रयासों का समर्थन करेगी।
विपक्षी दल के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कोरोन से लड़ने के लिए देश में और जांच केंद्र (लैब) बनाने और ज्यादा से ज्यादा संख्या में जांच करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस वायरस के खिलाफ लड़ने में व्यस्त लोगों (मेडिकल स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों आदि) के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
नए पृथक केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्र बनाने की वकालत करते हुए उन्होंने आईसीयू में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं। हम सुरक्षात्मक उपायों पर जागरूकता फैलाएंगे। हम जरूरत पड़ने पर आपात सेवाएं भी देंगे।
चिदंबरम ने भी किया समर्थन
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री का समर्थन करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री का समर्थन करना मेरा कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने जनता से नैतिक हथियारों के जरिए कोरोना वायरस से लड़ने को कहा है। हमें रविवार को और आने वाले दिनों में ऐसा ही करना चाहिए। मुझे ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री अगले कुछ दिनों में कठोर सामाजिक और आर्थिक कदमों की घोषणा करेंगे।
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि वह अपनी कथनी और करनी एक समान रखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 65 साल के अन्य नागरिकों को घर के अंदर रहने की सलाह दे रहे हैं और संसद सत्र चलने की अनुमति देकर सांसदों और हजारों की संख्या में लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की ओर ले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। पिछली बार प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद देश को संबोधित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के सरकार के फैसले की जानकारी दी थी। आगे जानिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालने के बाद कब-कब राष्ट्र को संबोधित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 27 मार्च, 2019- मिशन शक्ति
- भारत आज अंतरिक्ष की महाशक्ति बना, हमारे वैज्ञानिकों ने लो अर्थ ऑरबिट में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है।
- भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना है। इससे पहले सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के ये ताकत पास थी।
- मिशन 'शक्ति' के तहत ऑपरेशन महज तीन मिनट में पूरा हुआ। ये लक्ष्य 300 किलोमीटर दूर था।
- यह मिशन दोपहर 12 बजे से कुछ ही देर पहले शुरू हुआ था और काफी कम समय में हमारे वैज्ञानिकों ने यह कमाल कर दिखाया।
- भारत ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल क्षमता हासिल की। भारत में ही निर्मित ए सैट मिसाइल से कामयाबी मिली है।
- हमारे वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है। इस शानदार मिशन के लिए डीआरडीओ बधाई का पात्र है।
- अंतरिक्ष में भारत की प्रगति अहम है। ए-सैट मिसाइल भारत को सुरक्षा की दृष्टि से नई मजबूती देगी।
- हमारी अंतरिक्ष क्षमता किसी के विरुद्ध नहीं है। हमारा मकसद शांति बनाए रखना है, युद्ध करना नहीं।
- देशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना होगा।
- हमें अपने लोगों की कर्मठता और योग्यता पर पूरा भरोसा है।
- मैं पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं, उनके परिवारों के साथ हैं।
- इस हमले की वजह से देश में जितना आक्रोश है, लोगों का खून खौल रहा है, ये मैं समझ रहा हूं। इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो स्वाभाविक है। हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी हुई है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।
- मुझे पूरा भरोसा है कि देशभक्ति के रंग में रंगे लोग सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे, ताकि आतंक को कुचलने में हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
- मुझे पूरा भरोसा है कि देशभक्ति के रंग में रंगे लोग सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे, ताकि आतंक को कुचलने में हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
- जो हमारी आलोचना कर रहे हैं, उनकी भावनाओं को भी मैं समझ रहा हूं। उनका पूरा अधिकार है।
- लेकिन मेरा सभी साथियों से अनुरोध है कि, ये बहुत ही संवेदनशील और भावुक समय है, इसलिए राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें। इस हमले का देश एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है, ये स्वर विश्व में जाना चाहिए।
- पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ चुका हमारा पड़ोसी देश अगर ये समझता है कि जिस तरह के कृत्य वो कर रहा है, जिस तरह की साजिशें रच रहा है, उससे भारत में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वो बहुत बड़ी भूल कर रहा है।
- इस समय बड़ी आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हमारे पड़ोसी देश को ये भी लगता है कि वो ऐसी तबाही मचाकर, भारत को बदहाल कर सकता है। उसके ये मंसूबे भी कभी पूरे नहीं होंगे। 130 करोड़ हिंदुस्तानी ऐसी हर साजिश, ऐसे हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।
- साथियों, पुलवामा हमले के बाद, अभी मन: स्थिति और माहौल दुःख और साथ ही साथ आक्रोश का है। ऐसे हमलों का देश डटकर मुकाबला करेगा, रुकने वाला नहीं है।
- पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक "ब्राइट स्पॉट" के रूप में उपस्तिथि दर्ज कराई है।
- यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपना जड़ जमा लिया है और देश से गरीबी हटाने में ये सबसे बड़ी बाधा है।
- हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई।
- सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है।
- आज मध्य रात्रि से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी। देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ इंतजाम किए हैं।
- आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। समय समय पर मुद्रा व्यवस्था को ध्यान में रख कर रिजर्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है।
वहीं इस संबंध में प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर ने एक ट्वीट कर कहा कि कुछ मीडिया संस्थान अनुमान लगा रहे हैं कि पीएम मोदी अपने संबोधन में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की घोषणा करेंगे। यह जानकारी गलत है। यह लोगों के मन में अनावश्यक दहशत पैदा करेगी, जो कि इस तरह के समय में हमारी जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के सुझावों-उपायों के संबंध में अपनी बात रखी। बता दें कि इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वायरस के कारण देश में उपजे हालात को लेकर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी। इससे पहले मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कोरोना के खिलाफ जंग में जी-जान से जुटे लोगों की जमकर सराहना भी की थी।
यहां पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन का हर अपडेट...
प्रधानमंत्री ने क्या कहा संबोधन में
- मेरे प्यारे देशवासियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।
- इस समय पूरा विश्व और भारत देश कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है।
- आज मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
- अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।
- ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।
- भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।
- आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है।
- इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है, पहला- संकल्प और दूसरा- संयम।
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
- आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ।'
- ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना।
- आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है। इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें।
- जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें। मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव-गांव में ब्लैकआउट किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाइट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे।
- मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
- संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। साथियों, ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा। ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।
- आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।
- मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।
- पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं। सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे।
- संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।
- कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19- इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है।
- ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि, आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो। संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें।
- मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी ऐसी आवश्यक चीजों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
- पिछले दो महीनों में, 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है।
- मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है। कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है। #JantaCurfew, #जनता_कर्फ्यू
कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार के का समर्थन करेंगे : कांग्रेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करने के बाद कांग्रेस ने भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वह केंद्र सरकार के सभी प्रयासों का समर्थन करेगी।
विपक्षी दल के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कोरोन से लड़ने के लिए देश में और जांच केंद्र (लैब) बनाने और ज्यादा से ज्यादा संख्या में जांच करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस वायरस के खिलाफ लड़ने में व्यस्त लोगों (मेडिकल स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों आदि) के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
नए पृथक केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्र बनाने की वकालत करते हुए उन्होंने आईसीयू में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं। हम सुरक्षात्मक उपायों पर जागरूकता फैलाएंगे। हम जरूरत पड़ने पर आपात सेवाएं भी देंगे।
चिदंबरम ने भी किया समर्थन
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री का समर्थन करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री का समर्थन करना मेरा कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने जनता से नैतिक हथियारों के जरिए कोरोना वायरस से लड़ने को कहा है। हमें रविवार को और आने वाले दिनों में ऐसा ही करना चाहिए। मुझे ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री अगले कुछ दिनों में कठोर सामाजिक और आर्थिक कदमों की घोषणा करेंगे।
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि वह अपनी कथनी और करनी एक समान रखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 65 साल के अन्य नागरिकों को घर के अंदर रहने की सलाह दे रहे हैं और संसद सत्र चलने की अनुमति देकर सांसदों और हजारों की संख्या में लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की ओर ले जा रहे हैं।
इससे पहले भी संबोधित कर चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। पिछली बार प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद देश को संबोधित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के सरकार के फैसले की जानकारी दी थी। आगे जानिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालने के बाद कब-कब राष्ट्र को संबोधित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 27 मार्च, 2019- मिशन शक्ति
- भारत आज अंतरिक्ष की महाशक्ति बना, हमारे वैज्ञानिकों ने लो अर्थ ऑरबिट में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है।
- भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना है। इससे पहले सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के ये ताकत पास थी।
- मिशन 'शक्ति' के तहत ऑपरेशन महज तीन मिनट में पूरा हुआ। ये लक्ष्य 300 किलोमीटर दूर था।
- यह मिशन दोपहर 12 बजे से कुछ ही देर पहले शुरू हुआ था और काफी कम समय में हमारे वैज्ञानिकों ने यह कमाल कर दिखाया।
- भारत ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल क्षमता हासिल की। भारत में ही निर्मित ए सैट मिसाइल से कामयाबी मिली है।
- हमारे वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है। इस शानदार मिशन के लिए डीआरडीओ बधाई का पात्र है।
- अंतरिक्ष में भारत की प्रगति अहम है। ए-सैट मिसाइल भारत को सुरक्षा की दृष्टि से नई मजबूती देगी।
- हमारी अंतरिक्ष क्षमता किसी के विरुद्ध नहीं है। हमारा मकसद शांति बनाए रखना है, युद्ध करना नहीं।
- देशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना होगा।
- हमें अपने लोगों की कर्मठता और योग्यता पर पूरा भरोसा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 15 फरवरी, 2019- पुलवामा हमले के बाद
- मैं पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं, उनके परिवारों के साथ हैं।
- इस हमले की वजह से देश में जितना आक्रोश है, लोगों का खून खौल रहा है, ये मैं समझ रहा हूं। इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो स्वाभाविक है। हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी हुई है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।
- मुझे पूरा भरोसा है कि देशभक्ति के रंग में रंगे लोग सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे, ताकि आतंक को कुचलने में हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
- मुझे पूरा भरोसा है कि देशभक्ति के रंग में रंगे लोग सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे, ताकि आतंक को कुचलने में हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
- जो हमारी आलोचना कर रहे हैं, उनकी भावनाओं को भी मैं समझ रहा हूं। उनका पूरा अधिकार है।
- लेकिन मेरा सभी साथियों से अनुरोध है कि, ये बहुत ही संवेदनशील और भावुक समय है, इसलिए राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें। इस हमले का देश एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है, ये स्वर विश्व में जाना चाहिए।
- पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ चुका हमारा पड़ोसी देश अगर ये समझता है कि जिस तरह के कृत्य वो कर रहा है, जिस तरह की साजिशें रच रहा है, उससे भारत में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वो बहुत बड़ी भूल कर रहा है।
- इस समय बड़ी आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हमारे पड़ोसी देश को ये भी लगता है कि वो ऐसी तबाही मचाकर, भारत को बदहाल कर सकता है। उसके ये मंसूबे भी कभी पूरे नहीं होंगे। 130 करोड़ हिंदुस्तानी ऐसी हर साजिश, ऐसे हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।
- साथियों, पुलवामा हमले के बाद, अभी मन: स्थिति और माहौल दुःख और साथ ही साथ आक्रोश का है। ऐसे हमलों का देश डटकर मुकाबला करेगा, रुकने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 8 नवंबर, 2016- नोटबंदी
- पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक "ब्राइट स्पॉट" के रूप में उपस्तिथि दर्ज कराई है।
- यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपना जड़ जमा लिया है और देश से गरीबी हटाने में ये सबसे बड़ी बाधा है।
- हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई।
- सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है।
- आज मध्य रात्रि से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी। देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ इंतजाम किए हैं।
- आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। समय समय पर मुद्रा व्यवस्था को ध्यान में रख कर रिजर्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है।
पीएम को संबोधन में नहीं होगी यह घोषणा
वहीं इस संबंध में प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर ने एक ट्वीट कर कहा कि कुछ मीडिया संस्थान अनुमान लगा रहे हैं कि पीएम मोदी अपने संबोधन में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की घोषणा करेंगे। यह जानकारी गलत है। यह लोगों के मन में अनावश्यक दहशत पैदा करेगी, जो कि इस तरह के समय में हमारी जरूरत है।