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Maharashtra: Suspended Mumbai Police officer Sachin Waje sacked, he is in bars in Antelia case
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महाराष्ट्र : मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे को सेवा से किया बर्खास्त, एंटीलिया मामले में है आरोपी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 11 May 2021 07:21 PM IST
सार
सचिन वाजे को एनआईए द्वारा उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लैस कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से उसके खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई थी।
सचिन वाजे
- फोटो : PTI
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मुंबई पुलिस ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। सचिन वाजे को एनआईए द्वारा उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लैस कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से उसके खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई थी।
जानिए वाजे कैसे आया एनआईए की गिरफ्त में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सचिन वाजे को स्कॉर्पियो कांड में 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 27 दिन लंबी पूछताछ में एनआईए को जिलेटिन विस्फोटक की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो को अंबानी के आवास एंटीलिया के पास लावारिस हालत में खड़ी करने के पीछे की पूरी कहानी पता चली। एनआईए की टीम ने फिलहाल यह बात सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वाजे की योजना कुछ बदमाशों को उठाकर उनका एनकाउंटर करने की थी।
इसके बाद वाजे स्कॉर्पियो खड़ा करने का आरोप इन बदमाशों के सिर डालकर वाहवाही लेना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर औरंगाबाद से चोरी की गई मारुति इको कार में किया जाना था। एनआईए को शक है कि इस एनकाउंटर में मनसुख हिरेन के अलावा दिल्ली के एक बदमाश को भी मारने की योजना थी।
दरअसल एक समय मुंबई पुलिस के स्टार अधिकारियों में रहा वाजे लंबे समय तक निलंबित रहने के कारण लाइमलाइट से बाहर था। इस एनकाउंटर के जरिये वाजे दोबारा वही दर्जा हासिल करना चाहता था। लेकिन वाजे की योजना सफल होने से पहले ही केस को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया और सारा खेल खराब हो गया।
क्या है पूरा मामला
24-25 फरवरी की दरमियानी रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं। मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। पांच मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया। बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई।
विस्तार
मुंबई पुलिस ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। सचिन वाजे को एनआईए द्वारा उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लैस कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से उसके खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई थी।
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जानिए वाजे कैसे आया एनआईए की गिरफ्त में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सचिन वाजे को स्कॉर्पियो कांड में 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 27 दिन लंबी पूछताछ में एनआईए को जिलेटिन विस्फोटक की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो को अंबानी के आवास एंटीलिया के पास लावारिस हालत में खड़ी करने के पीछे की पूरी कहानी पता चली। एनआईए की टीम ने फिलहाल यह बात सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वाजे की योजना कुछ बदमाशों को उठाकर उनका एनकाउंटर करने की थी।
इसके बाद वाजे स्कॉर्पियो खड़ा करने का आरोप इन बदमाशों के सिर डालकर वाहवाही लेना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर औरंगाबाद से चोरी की गई मारुति इको कार में किया जाना था। एनआईए को शक है कि इस एनकाउंटर में मनसुख हिरेन के अलावा दिल्ली के एक बदमाश को भी मारने की योजना थी।
दरअसल एक समय मुंबई पुलिस के स्टार अधिकारियों में रहा वाजे लंबे समय तक निलंबित रहने के कारण लाइमलाइट से बाहर था। इस एनकाउंटर के जरिये वाजे दोबारा वही दर्जा हासिल करना चाहता था। लेकिन वाजे की योजना सफल होने से पहले ही केस को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया और सारा खेल खराब हो गया।
क्या है पूरा मामला
24-25 फरवरी की दरमियानी रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं। मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। पांच मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया। बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई।
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