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LAC Row: Reaction on issue of Clash between soldiers of India and China in tawang know who said what
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India-China Clash: झड़प की खबरों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र को घेरा, थरूर ने चीन की मंशा को लेकर किया आगाह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Tue, 13 Dec 2022 01:00 PM IST
सार
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चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मामले पर कांग्रेस और एआईएमआईएम तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को विपक्ष इस मसले को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी उठा सकता है। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार और पीएम मोदी को निशाने पर लिया है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में झड़प का मामला तूल पकड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बीते 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में दोनों पक्षों के जवान घायल हुए हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि तवांग के याग्त्से एरिया में चीनी सैनिक भारतीय सेना की चौकी को हटाना चाहते थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया। वहीं, चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई इस झड़प को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। आज यानी मंगलवार को विपक्ष इस मसले को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी उठा सकता है।
थरूर बोले- तवांग पर चीन की बुरी नजर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि तवांग पर चीन की नजरें हैं और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है। इस विषय पर हर पार्टी, हर व्यक्ति हमारी सेना के साथ है। कल जो भी हुआ वो हमारी तरफ से एक संदेश है कि हम हमारे प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता के लिए हमारे बीच एकता है।
अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए मोदी सरकार मामले को दबा रही- कांग्रेस
हिंसक झड़प पर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 'भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जाएंगी। बीते दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इसी कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।'
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी
भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में क्यों नहीं बताया गया? घटना का ब्योरा अधूरा है।
ओवैसी ने कहा, सरकार को संसद को सूचित करना चाहिए था। हमें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है। गलवान के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि न कोई घुसा और न ही कोई घुसेगा। क्या वह अब भी ऐसा ही कहेंगे? मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है? ओवैसी ने आगे कहा कि संसद में सरकार से जवाब मांगे जाने की जरूरत है और उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे से नहीं भागेगी। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारे सैनिकों के घायल होने के बावजूद चीन के पक्ष में व्यापार असंतुलन है। हमें संसद में सरकार से जवाब चाहिए और स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे से दूर नहीं भागेगी।
एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि झड़प की वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या ये गलवान जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं, उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है।
अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि 'सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। पीएम मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है। संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है। मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।'
केजरीवाल ने की सैनिकों के स्वस्थ होने की कामना
वहीं, इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सेना के जवान देश की शान हैं। मैं उनके शौर्य को सलाम करता हूं। साथ ही भगवान से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
रणदीप सुरजेवाला ने मांगा पीएम मोदी से जवाब
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दो साल से अधिक समय से चीन अवैध रूप से भारत की भूमि का अधिग्रहण कर रहा है। ऐसे में पीएम कहां हैं? हम मांग करते हैं कि पीएम को लोकसभा और राज्यसभा में आकर चीनी सेना द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर भारत के क्षेत्र पर अवैध कब्जे की सटीक स्थिति के बारे में देश को जवाब देना चाहिए।
मल्लिकार्जुन खरगे ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट करके इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा 'फिर से हमारे भारतीय सेना के जवानों को चीनियों ने भड़काया है। हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और उनमें से कुछ घायल भी हुए हैं। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे।
उन्होंने आगे लिखा, 'लेकिन मोदी सरकार अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होनी चाहिए। सरकार को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करके देश को भरोसे में लेने की जरूरत है। हम अपने सैनिकों के शौर्य और बलिदान के सदैव ऋणी रहेंगे।'
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