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नया कानून: डाटा प्रोटेक्शन बिल में नए स्टार्टअप को मिल सकती है नियमों में छूट, सुधार का विचार कर रहा मंत्रालय

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Mon, 05 Dec 2022 05:44 AM IST
सार

पिछले सप्ताह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि सरकार प्रस्तावित कानून के तहत नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर पाएगी, क्योंकि उसे राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच प्राप्त होगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर। - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

सरकार प्रस्तावित डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल में अपने व्यापार की शुरुआत कर रहे स्टार्टअप को कुछ नियमों में छूट देने पर विचार कर रही है। इस पर विचार किए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि नियमों का पालन करने के कारण इनोवेशन देश से बाहर ना जाए। हालांकि यह छूट स्टार्टअप को एक निश्चित समय के लिए ही दी जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईटीवाई) इस विधेयक में सुधार पर विचार कर रहा है।



अधिकारी ने कहा कि यह छूट उन मामलों तक सीमित रह सकती है, जिनमें स्टार्टअप द्वारा अपने समाधान के विकास के लिए कुछ प्रकार की डाटा मॉडलिंग की जा रही है। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) के मसौदे में केवल सरकार द्वारा अधिसूचित डाटा परस्पर और डाटा प्रसंस्करण इकाइयों को ही डाटा संग्रह, डेटा साझाकरण, डाटा प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी देने की छूट का प्रस्ताव है। पिछले सप्ताह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि सरकार प्रस्तावित कानून के तहत नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर पाएगी, क्योंकि उसे राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच प्राप्त होगी।


17 दिसंबर तक लोग दे सकते हैं शिकायत और सुझाव
डाटा उल्लंघन के मामले में यह विधेयक सरकार या संबंधित इकाइयों को छूट नहीं देता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने डीपीडीपी विधेयक का मसौदा जारी किया है। इसमें डीपीडीपी नियमों के उल्लंघन पर 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है। विधेयक 17 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए खुला है जिसमें लोग अपने शिकायत व सुझाव दे सकते हैं। सरकार बजट सत्र में इस मसौदे को संसद में रख सकती है।
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