Hindi News
›
Business
›
Government going to give PLI benefits to toy sector to increase investment and domestic manufacturing
{"_id":"638c38f3b8faf45ce27a7db6","slug":"government-going-to-give-pli-benefits-to-toy-sector-to-increase-investment-and-domestic-manufacturing","type":"story","status":"publish","title_hn":"PLI: खिलौना क्षेत्र को पीएलआई लाभ देने जा रही सरकार, बढ़ेगा निवेश और घरेलू विनिर्माण","category":{"title":"Business","title_hn":"कारोबार","slug":"business"}}
PLI: खिलौना क्षेत्र को पीएलआई लाभ देने जा रही सरकार, बढ़ेगा निवेश और घरेलू विनिर्माण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 04 Dec 2022 04:54 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
पीएलआई लाभ अलग-अलग निवेश स्लैब के अनुसार दिया जा सकता है। यह 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये और 100-200 करोड़ रुपये तक हो सकता है।
खिलौना उद्योग को भारत सरकार 3,500 करोड़ रुपये का पीएलआई लाभ (उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन) देने पर विचार कर रही है। हालांकि, यह लाभ सिर्फ उन्हीं खिलौनों पर मिलेगा, जो भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के नियमों का अनुपालन करते हैं। सरकार के इस कदम का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निवेश को आकर्षित करना है।
एक अधिकारी ने बताया, खिलौना उद्योग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने और सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से 60 प्रतिशत किए जाने जैसे फैसलों से देश में घटिया आयात कम हुआ है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिला है। उन्होंने बताया, हम खिलौनों के लिए पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) का लाभ देने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, यह बीआईएस के मानकों के अनुरूप खिलौनों को ही दिया जाएगा।
बता दें, पीएलआई लाभ अलग-अलग निवेश स्लैब के अनुसार दिया जा सकता है। यह 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये और 100-200 करोड़ रुपये तक हो सकता है। अधिकारी ने बताया, लंबित प्रस्ताव प्रस्ताव पूरे उत्पाद पर प्रोत्साहन देने का है न कि पुर्जों पर। उन्होंने बताया, खिलौना उद्योग के लिए अभी भी कुछ पुर्जों को बाहर से आयात करने की जरूरत है। कई पुर्जे भारत में नहीं बनते हैं।
सरकार ने ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के लिए दी उत्पादन प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
सरकार ने ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए दी गयी है। इसके लिए 120 करोड़ रूपये का योजना खर्च तय किया गया है। इस योजना को नागरिक उड्यन मंत्रालय लागू कर रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इसे लेकर एक बयान भी जारी किया है। बयान में कहा गया है कि उद्योग प्रतिनिधियों और संबंधित विभागों सहित हितधारकों के साथ परामर्श और बैठकों के आधार पर ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई योजना के लिए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है। इस योजना के पीछे का उद्देश्य ड्रोन के निर्माण को प्रोत्साहित करना है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम -एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र की कंपनी का वार्षिक कारोबार ड्रोन के लिए दो करोड़ रूपये और उपकरणों के लिए 50 लाख रूपये होना चाहिए।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।