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External Affairs Minister S Jaishankar SAYS Unfinished work along LAC; military and diplomacy at work
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LAC: यूक्रेन संघर्ष की एलएसी के हालात से तुलना नहीं, सीमा पर शांति बहाली को लेकर जयशंकर ने कही यह बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Wed, 29 Mar 2023 11:04 PM IST
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के गश्ती क्षेत्रों में बफर जोन बनाए जाने के बारे में अफवाह फैलाई गई थी। एलएसी पर मौजूदा स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि वहां भारत और चीन ने जो कुछ भी किया वह आपसी और समान सुरक्षा पर आधारित था, यह काम अभी भी अधूरा है, हम इस पर काम करना जारी रखेंगे।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
- फोटो : Twitter/ Senator Penny Wong
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी द्वारा एलएसी को लेकर चीन और यूक्रेन संघर्ष के बीच तुलना करने की कोशिशों का खंडन किया है। कांग्रेस नेता की इन कोशिशों की निंदा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की एलएसी के हालात से कोई तुलना ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां कोई NATO नहीं है। इस दौरान उन्होंने एलएसी शांति बहाली को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर काम अधूरा है। यहां दोनों तरफ की सेनाएं और राजनयिक समस्या का समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं।
एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में बोलते हुए बुधवार को उन्होंने राहुल गांधी की ओर से एलएसी को लेकर चीन और यूक्रेन संघर्ष के बीच तुलना के प्रयासों की निंदा की।उन्होंने कहा, आज यूक्रेन में जो हो रहा है, अगर आप दोनों पक्षों को सुनें तो, एक पक्ष कहेगा कि वह नाटो के विस्तार और यूक्रेन की सरकार की प्रकृति से खतरा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, पश्चिम कहेगा कि रूस की विस्तारवादी मंशा है। भारत और चीन के बीच क्या है? यहां कोई नाटो नहीं है, सत्ता की कोई प्रकृति नहीं है। मुझे कहीं से तुलना नजर नहीं आती है।
इस दौरान विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के गश्ती क्षेत्रों में बफर जोन बनाए जाने के बारे में अफवाह फैलाई गई थी। एलएसी पर मौजूदा स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि वहां भारत और चीन ने जो कुछ भी किया वह आपसी और समान सुरक्षा पर आधारित था, यह काम अभी भी अधूरा है, हम इस पर काम करना जारी रखेंगे। भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में चीन ने भारतीय क्षेत्र में अपनी सेना को घुसाया था हमने इसका मुकाबला किया था। बाद में जब मैं अपने समकक्ष से मिला, तो उन्होंने माना कि यह खतरनाक स्थिति थी।
एलएसी पर वर्तमान स्थिति के संबंध में जयशंकर ने कहा, जो कुछ भी हुआ है वह परस्पर सहमति और बातचीत से हुआ है। लेकिन अभी भी काम अधूरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ संबंध को समझने के लिए व्यक्ति को दोनों देशों के बीच की समस्या की प्रकृति को भी समझना होगा।
संसद की सदस्यता गंवाने वाले राहुल पहले नेता नहीं- शाह
अमित शाह
- फोटो : Twitter@bjp4india
वहीं, इसी कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इकलौते राजनेता नहीं हैं जिनकी अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद संसद की सदस्यता गई है। इसके बारे में हो-हल्ला मचाने वाली कोई बात नहीं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता समेत 17 नेता तब दोषी ठहराए गए थे तब वे किसी न किसी विधानसभा या संसद के सदस्य थे।
बुधवार को एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में शाह ने कहा, गांधी को अपना केस लड़ने के लिए ऊपरी अदालत में जाना चाहिए। इसकी जगह वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की अपील नहीं की है। यह कैसा अहंकार है? आप तरफदारी चाहते हैं। आप सांसद बने रहना चाहते हैं और अदालत भी नहीं जाएंगे। इस तरह का अहंकार आता कहां से है।
दिल के दौरे से होने वाली मौत का कोविड से संबंध का आकलन के लिए अध्ययन जारी : मांडविया
मीडिया समूह के इसी कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौत और कोविड के बीच संबंध का आकलन करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा एक अध्ययन किया जा रहा है और इसके परिणाम दो महीनों में सामने आएंगे। मांडविया ने कोविड-19 के बाद दिल के दौरे के कारण होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि को स्वीकार किया और कहा कि इस पर चर्चा की गई और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद अध्ययन कर रहा है।
मांडविया ने कहा, टीकाकरण के आंकड़े हमारे पास है। मुझे बताया गया कि रिपोर्ट छह महीने में आएगी। तीन से चार महीने पहले ही बीत चुके हैं और अगले दो महीनों में रिपोर्ट आनी चाहिए।
भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ कर्नाटक में सत्ता बरकरार रखेगी : मांडविया
मनसुख मांडविया ने भरोसा जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दक्षिणी राज्य में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखेगी और “डबल इंजन की सरकार” फिर से बनाएगी। मांडविया आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के सह-प्रभारी भी हैं। मांडविया ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद कर्नाटक में भाजपा की चुनावी जीत का कारण बनेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में कर्नाटक के अपने कई दौरों पर उन्होंने देखा कि राज्य के लोगों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपार आस्था और सम्मान है और भाजपा के कार्यकर्ता जिस तेजी से जमीन पर काम कर रहे हैं, उसे वोट में बदल सकेंगे। चुनाव आयोग (ईसी) ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा के चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की। राज्य में मतदान 10 मई को एक चरण में होंगे और मतगणना 13 मई को होगी।
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