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Congress Crisis: ashok Gehlot was silent for a while on this question of Sonia gandhi
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Congress Crisis: सोनिया के इस सवाल पर कुछ देर के लिए खामोश हो गए थे गहलोत! फिर बोले- मांगता हूं माफी
Congress Crisis: कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी को राजस्थान में हुए घटनाक्रम की पल-पल की पूरी जानकारी उस 40 पेज की रिपोर्ट के माध्यम से मिल चुकी थी, जो खड़गे और माकन ने दी थी। लेकिन सोनिया गांधी यह पूरी जानकारी अशोक गहलोत के मुंह से सुनना चाहती थीं...
Congress Crisis: Ashok Gehlot and Sonia Gandhi
- फोटो : Agency (File Photo)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए पिछले दो दिन काफी गहमागहमी भरे रहे। जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से न सिर्फ नजरें मिलाना, बल्कि उनके साथ बैठना भी बेहद कठिन रहा होगा। करीब चालीस मिनट की मुलाकात के दौरान ज्यादातर वक्त सोनिया गांधी सिर्फ सुनती रहीं और अशोक गहलोत अपनी बात कहते रहे। सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने जब यह जानना चाहा कि राजस्थान में जब यह घटना हो रही थी, उस वक्त उन्होंने स्थिति को क्यों नहीं संभाला। इसके अलावा कुछ और सवाल भी मुलाकात के दौरान पूछे गए, तो सिर्फ और सिर्फ सन्नाटा था। गहलोत उसका सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दे पा रहे थे। हालांकि बैठक के बीच में अशोक गहलोत ने पूरे घटनाक्रम पर न सिर्फ माफी मांगी, बल्कि खुद को एक सच्चा कांग्रेसी सिपाही बताते हुए सोनिया गांधी के हर फैसले को मंजूर कर उसे अमल में लाने का भरोसा दिलाया। सूत्रों का यह कहना है कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान इस्तीफे तक की पेशकश कर दी थी।
जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं सोनिया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात में आखिर चर्चा किस बात पर हुई, यही जानने के लिए राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी हो रही है। अशोक गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत से न सिर्फ नाराज दिखीं, बल्कि इस बात की पीड़ा भी उनके चेहरे पर थी कि जिस पर उन्होंने भरोसा किया, उसी ने उनके भरोसे को न सिर्फ तोड़ा बल्कि हालात बेकाबू कर दिए। कांग्रेस से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी और अशोक गहलोत जब आमने-सामने पड़े तो शुरुआती दौर में इस मुलाकात के दौरान कुछ सेकंड तो सन्नाटा पसरा रहा और फिर पूरे घटनाक्रम पर अशोक गहलोत ने अपनी बात रखनी शुरू की।
सूत्रों के मुताबिक करीब पांच मिनट तक अशोक गहलोत राजस्थान में हुए पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते रहे, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में इसका कहीं पर उल्लेख नहीं हुआ कि आखिर राजस्थान में केंद्र की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों के विरोध में हंगामा क्यों शुरू हुआ। गहलोत की बात सुनने के बाद सोनिया गांधी ने दो टूक पूछा कि राजस्थान में हालात क्यों बिगड़ गए? आप पार्टी के बड़े नेता हैं और राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। सवाल यह भी था कि आखिर केंद्र की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों की इस तरह अनदेखी आपके मुख्यमंत्री रहते कैसे हो गई। इस पर अपनी सफाई देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी ओर से ऐसा कुछ नहीं हुआ कि माहौल बिगड़े। लेकिन सोनिया गांधी उससे पूरी तरीके से संतुष्ट नजर नहीं आईं। हालांकि पूरी मुलाकात में बातचीत बहुत संयमित तरीके से और चीजों को सुलझाने के लिहाज से ही हुई।
राजस्थान के राजनीतिक रोडमैप पर चर्चा
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी को राजस्थान में हुए घटनाक्रम की पल-पल की पूरी जानकारी उस 40 पेज की रिपोर्ट के माध्यम से मिल चुकी थी, जो खड़गे और माकन ने दी थी। लेकिन सोनिया गांधी यह पूरी जानकारी अशोक गहलोत के मुंह से सुनना चाहती थीं। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी राजस्थान में हुए पूरे विवाद से इस कदर नाराज थीं कि अशोक गहलोत के साथ हुई बैठक में बातचीत तो जरूर हुई, लेकिन जिस तरीके से अशोक गहलोत से पहले मुलाकातें और बातचीत होती थी, वह माहौल नहीं दिखा। मुलाकात के दौरान अशोक गहलोत ने माफी मांगते हुए पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की भी पेशकश की।
कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत पर भरोसा करके ही उनके नाम को आगे बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन राजस्थान में हुई बगावत से उन्हें इस बात से बहुत ज्यादा खिन्नता हुई। गहलोत से हुई अपनी बातचीत के दौरान 2023 में होने वाले राजस्थान के विधानसभा चुनावों पर भी कुछ देर के लिए राजनीतिक रोड मैप की भी चर्चा की। पूरी मुलाकात के दौरान अशोक गहलोत इस बात को बखूबी समझ रहे थे कि सोनिया गांधी की नाराजगी किस स्तर की है और किस बात को लेकर है। यही वजह है कि गहलोत ने राजस्थान में हुए बगावती बवाल में न सिर्फ माफी मांगी, बल्कि पार्टी के एक संयमित सिपाही की तरह आगे भी काम करने के लिए आलाकमान से भरोसा जताने की बात कही।
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अशोक गहलोत ने इस्तीफे की बात पर कहा कि वह बीते 50 सालों से राजनीति में हैं। वह मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री और तमाम बड़े महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। गहलोत का कहना है कि वह चाहते हैं कि वह सभी पदों से मुक्त होकर कांग्रेस की सेवा करें। अशोक गहलोत कहते हैं कि वह राहुल गांधी के साथ उनकी यात्रा में शामिल होना चाहते हैं। और इसके अलावा वह देश में बिगड़े राजनीतिक हालातों के बीच जनता के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की इच्छा रखते हैं।
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