न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Updated Fri, 29 Nov 2019 10:36 AM IST
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बंगलूरू में पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के खिलाफ राजद्रोह, पूर्व मंत्री जी परमेश्वर. डीके शिवकुमार, बेंगलुरु शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त टी सुनील कुमार उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला लोकसभा चुनावों के दौरान की गई आयकर छापेमारी का विरोध करने के लिए दर्ज किया गया है।
तुमकुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन ए ने आरोप लगाया है कि 27 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) और कांग्रेस नेताओं पर आईटी छापे का विरोध किया था। जिसके कारण आईटी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं कर सके और मौके पर मौजूद पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
उनकी शिकायत पर शहर की एक अदालत ने हाल ही में कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस को आपराधिक षड्यंत्र रचने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश करने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। मामला कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के आवास पर मारे गए आयकर छापे के विरोध में आयकर कार्यालय के पास तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी समेत अन्य नेताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों से संबंधित है।
कुमारस्वामी ने 27 मार्च को मीडिया से कहा था कि छापे मारे जा सकते हैं क्योंकि बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) पर पहुंच चुका है। उनका संदेह अगले ही दिन सही साबित हुआ जब सुरक्षा बल राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल गए। बाद में आयकर कार्यालय में व्यापक प्रदर्शन किया गया।
जिन अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, तत्कालीन पुलिस उपायुक्त राहुल कुमार, डी देवराजू के अलावा सभी निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हैं। राजद्रोह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डी के शिवकुमार ने कहा कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा, 'यह राजनीतिक प्रतिशोध है। सभी मामले भाजपा के इन अधिकारियों और मित्रों द्वारा किए जा रहे हैं। हमें इसके बारे में पता है। हम इसे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं। कोई बात नहीं। हम आयकर कार्यालय के भीतर नहीं गए थे। हम 150 मीटर दूर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे।'
बंगलूरू में पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के खिलाफ राजद्रोह, पूर्व मंत्री जी परमेश्वर. डीके शिवकुमार, बेंगलुरु शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त टी सुनील कुमार उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला लोकसभा चुनावों के दौरान की गई आयकर छापेमारी का विरोध करने के लिए दर्ज किया गया है।
तुमकुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन ए ने आरोप लगाया है कि 27 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) और कांग्रेस नेताओं पर आईटी छापे का विरोध किया था। जिसके कारण आईटी अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं कर सके और मौके पर मौजूद पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
उनकी शिकायत पर शहर की एक अदालत ने हाल ही में कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस को आपराधिक षड्यंत्र रचने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश करने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। मामला कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के आवास पर मारे गए आयकर छापे के विरोध में आयकर कार्यालय के पास तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी समेत अन्य नेताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों से संबंधित है।
कुमारस्वामी ने 27 मार्च को मीडिया से कहा था कि छापे मारे जा सकते हैं क्योंकि बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) पर पहुंच चुका है। उनका संदेह अगले ही दिन सही साबित हुआ जब सुरक्षा बल राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल गए। बाद में आयकर कार्यालय में व्यापक प्रदर्शन किया गया।
जिन अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, तत्कालीन पुलिस उपायुक्त राहुल कुमार, डी देवराजू के अलावा सभी निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हैं। राजद्रोह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डी के शिवकुमार ने कहा कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा, 'यह राजनीतिक प्रतिशोध है। सभी मामले भाजपा के इन अधिकारियों और मित्रों द्वारा किए जा रहे हैं। हमें इसके बारे में पता है। हम इसे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं। कोई बात नहीं। हम आयकर कार्यालय के भीतर नहीं गए थे। हम 150 मीटर दूर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे।'