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15 मई को आने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी सरकार बनाने और बहुमत मिलने का दावा कर रही हैं। इसी कड़ी में योगगुरु बाबा रामदेव ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बारे में भविष्यवाणी की है। उन्होंने संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए कहा, 'कर्नाटक चुनाव भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देंगे। कर्नाटक चुनाव के विजेता के पास 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव जीतने की क्षमता होगी।'
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विश्वास जताया था कि कर्नाटक में अगली सरकार उनकी पार्टी बनाएगी। शाह ने पणजी के पास डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कर्नाटक में 15 मई की शाम चुनाव परिणामों के बाद भाजपा सरकार बनाएगी।
बता दें कि अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर कर्नाटक विधानसभा चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों की राय है कि मंगलवार को आने वाले नतीजे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तस्वीर साफ कर देंगे । उल्लेखनीय है कि 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जा चुके हैं। अब नतीजों का इंतजार है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में 72.13 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं, शेष रह रहीं दो सीटों पर चुनाव की तारीख पहले ही स्थगित हो चुकी है। इन दो सीटों पर मतदान बाद में कराए जाएंगे। एक सीट पर मतदान भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक बीएन विजयकुमार के निधन के चलते स्थगित कर दिया गया है, वहीं फर्जी वोटर आईडी कार्ड मिलने के कारण आरआर नगर सीट पर चुनाव टाल दिया गया, अब यहां 28 मई को चुनाव होगा और परिणाम 31 मई को आएगा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत के दावे के बीच कांग्रेस और भाजपा ने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार बनाने के लिए प्लान ‘बी’ पर काम करना शुरू कर दिया है। दोनों की निगाहें एग्जिट पोल में किंगमेकर बताए जा रहे जद (एस) को साधने पर है। इसी के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए किसी दलित को सीएम बनाए जाने पर दावेदारी छोड़ने की घोषणा कर दी है।
जद (एस) की सलाह मानने को तैयार कांग्रेस
मिशन 2019 के मद्देनजर कांग्रेस कर्नाटक को किसी कीमत पर हाथ से जाने देना नहीं चाहती। वहीं, जद (एस) से कांग्रेस में आए सिद्धारमैया देवगौड़ा को बिलकुल स्वीकार्य नहीं हैं। यही कारण है कि सिद्धारमैया ने पार्टी नेतृत्व के इशारे पर सीएम पद पर दावा छोड़ने के साथ ही किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की है। इशारा साफ है कि जद (एस) सिद्धारमैया के इतर किसी दूसरे नेता को सीएम बनाने की सलाह देगी तो कांग्रेस उसे मानेगी।
अपने ही आकलन से आशंकित हुईं पार्टियां
कांग्रेस और भाजपा अंदरखाने बहुमत को लेकर आशंकित हैं। दोनों दलों के आकलन में राज्य के अलग-अलग क्षेत्र में अलग दल का पलड़ा भारी होने के संकेत मिले हैं। दोनों दलों के रणनीतिकारों का मानना है कि मध्य-कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में भाजपा का पलड़ा भारी रहेगा। वहीं, ओल्ड मैसूर, हैदराबाद-कर्नाटक में कांग्रेस आगे है। बेंगलूरू में कांटे की टक्कर होने के बात दोनों दल स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में दोनों ही दलों को बहुमत से दूर रहने की आशंका सता रही है।
भाजपा : येदियुरप्पा का दावा : 125-130 सीटें जीतेंगे
भाजपा के सीएम प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी 125 से 130 सीटों पर जीत हासिल करेगी। कांग्रेस 70 का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी। जद (एस) को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लगातार संपर्क में हैं। दरअसल, भाजपा मिशन 2019 में कांग्रेस की हवा निकालने के लिए किसी भी कीमत पर उसे सूबे की सत्ता से बेदखल करना चाहती है।
ऐसे में भाजपा ने जद (एस) को किसी भी सीमा तक आगे बढ़कर साधने की रणनीति अपनाई है। भाजपा के रणनीतिकारों का दावा है कि उसके पास कांग्रेस की तुलना में जद (एस) को देने के लिए बहुत ज्यादा है। पार्टी जद (एस) की कोई भी पेशकश स्वीकार कर सकती है। ऐसा होने पर भाजपा को न सिर्फ राजग में नया साथी मिलेगा, बल्कि कर्नाटक को भी कांग्रेसमुक्त करने का अभियान सिरे चढ़ेगा।
जद (एस) : किसी को स्वीकार या खारिज करने की स्थिति नहीं
भाजपा और कांग्रेस की ओर से साथ आने की परोक्ष पेशकश के बीच जद (एस) ने देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाते हुए विकल्प खुले रखने के संकेत दिए हैं। किंगमेकर माने जा रहे जद (एस) की उलझन भी कम नहीं हैं। लिहाजा, एचडी देवगौड़ा ने कहा है कि इस समय हम किसी को स्वीकार या खारिज करने की स्थिति में नहीं हैं। फिलहाल पार्टी को 15 मई को आने वाले नतीजे का इंतजार है। नतीजे के बाद ही कोई फैसला लेंगे। ऐसा कह कर उन्होंने अपना विकल्प खुला रखा है।
15 मई को आने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी सरकार बनाने और बहुमत मिलने का दावा कर रही हैं। इसी कड़ी में योगगुरु बाबा रामदेव ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बारे में भविष्यवाणी की है। उन्होंने संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए कहा, 'कर्नाटक चुनाव भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देंगे। कर्नाटक चुनाव के विजेता के पास 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव जीतने की क्षमता होगी।'
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विश्वास जताया था कि कर्नाटक में अगली सरकार उनकी पार्टी बनाएगी। शाह ने पणजी के पास डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कर्नाटक में 15 मई की शाम चुनाव परिणामों के बाद भाजपा सरकार बनाएगी।
बता दें कि अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर कर्नाटक विधानसभा चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों की राय है कि मंगलवार को आने वाले नतीजे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तस्वीर साफ कर देंगे । उल्लेखनीय है कि 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जा चुके हैं। अब नतीजों का इंतजार है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में 72.13 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं, शेष रह रहीं दो सीटों पर चुनाव की तारीख पहले ही स्थगित हो चुकी है। इन दो सीटों पर मतदान बाद में कराए जाएंगे। एक सीट पर मतदान भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक बीएन विजयकुमार के निधन के चलते स्थगित कर दिया गया है, वहीं फर्जी वोटर आईडी कार्ड मिलने के कारण आरआर नगर सीट पर चुनाव टाल दिया गया, अब यहां 28 मई को चुनाव होगा और परिणाम 31 मई को आएगा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव: सरकार के लिए सभी दलों ने बनाया प्लान 'बी'
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत के दावे के बीच कांग्रेस और भाजपा ने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार बनाने के लिए प्लान ‘बी’ पर काम करना शुरू कर दिया है। दोनों की निगाहें एग्जिट पोल में किंगमेकर बताए जा रहे जद (एस) को साधने पर है। इसी के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए किसी दलित को सीएम बनाए जाने पर दावेदारी छोड़ने की घोषणा कर दी है।
जद (एस) की सलाह मानने को तैयार कांग्रेस
मिशन 2019 के मद्देनजर कांग्रेस कर्नाटक को किसी कीमत पर हाथ से जाने देना नहीं चाहती। वहीं, जद (एस) से कांग्रेस में आए सिद्धारमैया देवगौड़ा को बिलकुल स्वीकार्य नहीं हैं। यही कारण है कि सिद्धारमैया ने पार्टी नेतृत्व के इशारे पर सीएम पद पर दावा छोड़ने के साथ ही किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की है। इशारा साफ है कि जद (एस) सिद्धारमैया के इतर किसी दूसरे नेता को सीएम बनाने की सलाह देगी तो कांग्रेस उसे मानेगी।
अपने ही आकलन से आशंकित हुईं पार्टियां
कांग्रेस और भाजपा अंदरखाने बहुमत को लेकर आशंकित हैं। दोनों दलों के आकलन में राज्य के अलग-अलग क्षेत्र में अलग दल का पलड़ा भारी होने के संकेत मिले हैं। दोनों दलों के रणनीतिकारों का मानना है कि मध्य-कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में भाजपा का पलड़ा भारी रहेगा। वहीं, ओल्ड मैसूर, हैदराबाद-कर्नाटक में कांग्रेस आगे है। बेंगलूरू में कांटे की टक्कर होने के बात दोनों दल स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में दोनों ही दलों को बहुमत से दूर रहने की आशंका सता रही है।
भाजपा : येदियुरप्पा का दावा : 125-130 सीटें जीतेंगे
भाजपा के सीएम प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी 125 से 130 सीटों पर जीत हासिल करेगी। कांग्रेस 70 का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी। जद (एस) को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लगातार संपर्क में हैं। दरअसल, भाजपा मिशन 2019 में कांग्रेस की हवा निकालने के लिए किसी भी कीमत पर उसे सूबे की सत्ता से बेदखल करना चाहती है।
ऐसे में भाजपा ने जद (एस) को किसी भी सीमा तक आगे बढ़कर साधने की रणनीति अपनाई है। भाजपा के रणनीतिकारों का दावा है कि उसके पास कांग्रेस की तुलना में जद (एस) को देने के लिए बहुत ज्यादा है। पार्टी जद (एस) की कोई भी पेशकश स्वीकार कर सकती है। ऐसा होने पर भाजपा को न सिर्फ राजग में नया साथी मिलेगा, बल्कि कर्नाटक को भी कांग्रेसमुक्त करने का अभियान सिरे चढ़ेगा।
जद (एस) : किसी को स्वीकार या खारिज करने की स्थिति नहीं
भाजपा और कांग्रेस की ओर से साथ आने की परोक्ष पेशकश के बीच जद (एस) ने देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाते हुए विकल्प खुले रखने के संकेत दिए हैं। किंगमेकर माने जा रहे जद (एस) की उलझन भी कम नहीं हैं। लिहाजा, एचडी देवगौड़ा ने कहा है कि इस समय हम किसी को स्वीकार या खारिज करने की स्थिति में नहीं हैं। फिलहाल पार्टी को 15 मई को आने वाले नतीजे का इंतजार है। नतीजे के बाद ही कोई फैसला लेंगे। ऐसा कह कर उन्होंने अपना विकल्प खुला रखा है।