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Over 19000 SC, ST and OBC students dropped out higher education institutions in 5 years says Centre
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Higher Education: पिछड़े वर्गों के 19 हजार से अधिक छात्रों ने छोड़े उच्च शिक्षा संस्थान, संसद में पेश किए आंकड़े
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: देवेश शर्मा
Updated Wed, 29 Mar 2023 10:19 PM IST
Dropped Out in Higher Education: शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2018-2023 के दौरान ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणियों के 19000 से अधिक छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
Dropped Out in Higher Education: शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2018-2023 के दौरान ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणियों के 19000 से अधिक छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई छोड़ चुके हैं। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्य सभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में ये आंकड़े साझा किए।
उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों (CUs), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 2018 से 2023 तक ड्रॉप आउट छात्रों की संख्या 19,256 है।
मंत्री ने कहा कि तीन श्रेणियों के 14,446 छात्र इस अवधि के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पढ़ाई छोड़ गए; वहीं, 4,444 छात्रों ने आईआईटी को छोड़ा और 366 छात्र आईआईएम से पढ़ाई छोड़ गए। उच्च शिक्षा क्षेत्र में छात्रों के पास कई विकल्प हैं और वे एक ही संस्थान में एक ही संस्थान में और एक पाठ्यक्रम या कार्यक्रम से दूसरे में स्विच करना चुनते हैं।
सरकार ने कहा कि यदि कोई हो तो स्विचिंग या वापसी मुख्य रूप से छात्रों द्वारा पसंदीदा संस्थानों में विभाग या उनकी पसंदीदा ब्रांच में सीट पाने के कारण या किसी व्यक्तिगत आधार पर होती है।
वहीं, सरकार ने फीस में कमी, अधिक संस्थानों की स्थापना, छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति को प्राथमिकता देने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं ताकि गरीब वित्तीय पृष्ठभूमि वाले छात्रों को उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में सहायता मिल सके।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के कल्याण के लिए आईआईटी में ट्यूशन फीस की छूट, केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति का अनुदान, संस्थानों में छात्रवृत्ति आदि जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
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