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उत्तराखंडः चमोली की नीती घाटी में निरंतर फैल रहे वसुधरा ताल का अध्ययन करेंगे वैज्ञानिक
अरविंद सिंह, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Wed, 03 Mar 2021 12:37 PM IST
उत्तराख्ंड के चमोली जिले की नीती घाटी स्थित वसुधरा ताल के क्षेत्रफल में हो रही निरंतर बढ़ोतरी से चिंतित राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने ताल का वैज्ञानिक अध्ययन कराने का निर्णय लिया है।
दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी
विभाग ने वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। वैज्ञानिकों की टीमें वसुधरा ताल फैलाव के कारणों सहित तमाम पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
वसुधरा ताल के क्षेत्रफल में लगातार बढ़ोतरी हो रही
बता दें कि नीती घाटी स्थित वसुधरा ताल के क्षेत्रफल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले दिनों राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एसए मुरुगेशन की अध्यक्षता में हुई बैठक में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित ग्लेशियरों, झीलों और हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों की निगरानी से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई।
निरंतर बढ़ोतरी को लेकर भी चर्चा हुई
बैठक में वसुधरा ताल के क्षेत्रफल में निरंतर बढ़ोतरी को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में सहमति बनी कि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की टीमें वसुधारा ताल के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी के कारणों का पता लगाने के साथ ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगी।
एक-दूसरे विभागों को तकनीकी जानकारियां मुहैया कराने पर भी सहमति बनी
बैठक में हिमस्खलन, नदियों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं की निगरानी व पूर्व चेतावनी के लिए तमाम संबंधित विभागों द्वारा एक दूसरे विभागों को तकनीकी जानकारियां मुहैया कराने पर भी सहमति बनी।
जमा करोड़ों टन मलबे की जिओ मैपिंग भी की जाएगी
साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पहाड़ियों के ढलान पर जमा करोड़ों टन मलबे की जिओ मैपिंग भी की जाएगी। वैज्ञानिक अध्ययन के पहले चरण में किसी एक नदी घाटी के लिए परियोजना प्रस्ताव तैयार करेंगे। उसके बाद सरकार, शासन और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के स्तर से आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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