Hindi News
›
Columns
›
Blog
›
Gujarat Exit poll 2022 and Himachal pradesh Exit poll 2022 Vote counting election results News in hindi
{"_id":"638e21d9eb1ba552124aba70","slug":"gujarat-exit-poll-2022-and-himachal-pradesh-exit-poll-2022-vote-counting-election-results-news-in-hindi","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"एक्जिट पोल 2022: गुजरात में पास, तो हिमाचल प्रदेश में फेल हो सकते हैं एग्जिट पोल्स","category":{"title":"Blog","title_hn":"अभिमत","slug":"blog"}}
एक्जिट पोल 2022: गुजरात में पास, तो हिमाचल प्रदेश में फेल हो सकते हैं एग्जिट पोल्स
वैसे तो एग्जिट पोल्स की पोल करीब-करीब सभी चुनावों में खुलती जा रही है, फिर भी मतगणना से पहले एक रोचकता जरूर एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को लेकर बनी रहती है। कई बार एग्जिट पोल्स बिल्कुल उल्टे साबित हुए हैं तो कभी-कभी यह सत्यता के करीब भी पहुंच जाते हैं। गुजरात, हिमाचल प्रदेश के अलावा इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) ने भी लोगों के मन में उत्सुकता जगाई हुई है।
खास बात यह है कि तीनों ही राज्यों में तीन ही पार्टियां मुकाबले में हैं। गुजरात में जहां सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को एकतरफा जीत का अनुमान लगाया गया है, वहीं हिमाचल प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के बीच रोचक फाइट देखने को मिल सकती है। एमसीडी में सत्ता बदलने और आम आदमी पार्टी को एकतरफा जीत मिलने का अनुमान सत्य के करीब नजर आ रहा है।
गुजरात चुनाव
सबसे पहले गुजरात (बहुमत का आंकड़ा 92) की बात। देश ही नहीं, दुनिया की नजरें गुजरात के चुनावी नतीजों पर लगी हैं। ढाई दशक से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा के गुजरात मॉडल की असली परख तो 8 दिसंबर को होगी, लेकिन एग्जिट पोल्स में पार्टी को दमखम के साथ सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया है।
रिपब्लिक टीवी पी-मार्क्य भाजपा 128-148, कांग्रेस को 30-42, आम आदमी पार्टी को 2-10, टीवी9 गुजराती भाजपा को 125-130, कांग्रेस को 40-50 और आम आदमी पार्टी को 3-5 और न्यूज एक्स-जन की बात भाजपा को 117-140, कांग्रेस को 34-51 और आम आदमी पार्टी को 6-13 सीटें दे रहा है।
गुजरात शुरू से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए निजी प्रतिष्ठा का विषय रहा है। वर्ष 2017 में नरेंद्र मोदी ने कड़ी मेहनत कर पार्टी की नैया डूबने से बचाई थी। इस बार भी महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों के बजाय प्रधानमंत्री गुजरात प्राइड और हिंदुत्व जैसे मुद्दों की ओर चुनाव को ले जाने में सफल दिखे। मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के बजाय चुनाव में असली चेहरा मोदी स्वयं हैं। मोदी को औकात बताने से लेकर मोदी रावण है, जैसे चुनावी तीरों को उन्होंने उल्टा विपक्ष की ओर मोड़ दिया, जिसमें वो बहुत हद तक सफल होते दिखे हैं।
वैसे भाजपा की चुनावी मशीनरी ने भी राज्य में बखूबी काम किया है। अमित शाह के माइक्रो मैनेजमेंट का असर निश्चित ही नतीजों पर दिखने वाला है।
विज्ञापन
बारीकी से चुनाव का विश्लेषण करें तो एग्जिट पोल्स का अनुमान सच साबित हो सकता है, क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस बार वैसा दम नहीं लगाया, जैसा उसने वर्ष 2017 के चुनाव में लगाया था। पांच साल पहले स्टार प्रचारक रहे राहुल गांधी इस दफा करीब-करीब प्रचार से दूर रहे। जिन्हें पार्टी ने गुजरात जीतने का जिम्मा दिया, वो अशोक गहलोत राजस्थान में अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में लगे रहे। एक तरह से कांग्रेस ने भाजपा को वॉकओवर ही दिया है।
2022 Exit Poll Gujarat
- फोटो : अमर उजाला
आप दिखा रही है दम
इस बार गुजरात में सबसे ज्यादा चर्चा आम आदमी पार्टी की रही। फ्री बिजली जैसे लोकप्रिय वादे के साथ अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में पूरी ताकत लगा दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा दिल्ली-पंजाब के विधायक गुजरात में कैंपेनिंग करते रहे। केजरीवाल ने स्वयं को भाजपा के साथ मुख्य मुकाबले में बताया।
हालांकि, उनके बड़े-बड़े दावे किसी को पचे नहीं हैं। एग्जिट पोल्स केजरीवाल को निराशा देने वाले हैं। यदि यही आंकड़े मतगणना वाले दिन भी रहे तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को तगड़ा झटका लगने वाला है। यह भी संभव है कि गुजरात के बाद उनका फ्री बिजली, महिलाओं को हजार रुपए महीना देने जैसे लोकलुभावन वादों से चुनाव जीतने का भ्रम टूट जाए।
हिमाचल प्रदेश बदलेगा ट्रेंड?
हिमाचल प्रदेश (बहुमत का आंकड़ा 35) में हर पांच साल में सत्ता बदलने का ट्रेंड चला आ रहा है, पर अधिकांश एग्जिट पोल्स की मानें तो यह ट्रेंड इस बार टूटेगा।
इंडिया टीवी, जी न्यूज जहां भाजपा को 35-44 तो कांग्रेस को 21-31 सीट दे रहे हैं, वहीं एक्सिस माय इंडिया भाजपा को 24-34 और कांग्रेस को 30-40 सीटें दे रहा है। न्यूज-24 चाणक्य ने भाजपा-कांग्रेस को 33-33 सीटें और अन्य को 2 सीटें तो टाइम्स नाउ ने भाजपा को 38 और कांग्रेस को 28 व अन्य को दो सीटें दी हैं। जी न्यूज ने जरूर आम आदमी पार्टी को भी तीन सीटें मिलने का अनुमान लगाया है।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा क्षेत्र काफी छोटे हैं। हार-जीत का फैसला बेहद कम वोटों से होता है। कांग्रेस ने हिमाचल में पूरा दमखम लगाया है। चुनाव की बागडोर स्वयं प्रियंका गांधी ने संभाली हुई थी। कांग्रेस को परिवर्तन के ट्रेंड पर भरोसा है और वह मान कर चल भी रही है कि सत्ता बदलेगी। राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी। भाजपा इसकी काट नहीं ढूंढ पाई।
भाजपा वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। कुछ चर्चाएं अनुराग ठाकुर के नाम को लेकर भी हैं। हालांकि, हिमाचल प्रदेश जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है। शायद यही कारण था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी जोर हिमाचल प्रदेश में लगाया। चुनाव की तारीखों को कुछ तरह रखा गया कि प्रधानमंत्री को गुजरात में भी पर्याप्त समय मिल जाए।
Himachal Exit Poll 2022
- फोटो : अमर उजाला
भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव मैदान में है। प्रचार की शुरुआत आम आदमी पार्टी ने जोरदार ढंग से की थी, लेकिन मतदान करीब आते-आते संयोजक अरविंद केजरीवाल का जोश ठंडा पड़ गया। भाजपा का डबल इंजन हिमाचल प्रदेश में फिर चलेगा या सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड कायम रहेगा, यह एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को देखकर साफ नहीं हो रहा। आठ दिसंबर को निश्चित ही करीबी मुकाबला देखने को मिलेगा।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के बाद सबकी निगाहें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव पर लगी हैं। एमसीडी पर 15 साल से भाजपा काबिज है। भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फैक्टर जुड़ा हुआ है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने बहुत ही जोशीले अंदाज में एमसीडी चुनाव लड़ा है।
पिछले एमसीडी चुनाव में करारी हार के बाद केजरीवाल ने दिल्ली में बिजली-पानी मुफ्त कर विधानसभा चुनाव पलट दिया था। पंजाब में विजय के बाद उनके अंदाज बदले हुए हैं। एग्जिट पोल संकेत भी कर रहे हैं कि इस बार आम आदमी पार्टी की एमसीडी में सरकार बनने की उम्मीद है। देखा जाए तो एग्जिट पोल से पहले भी यही उम्मीद जताई जा रही थी।
एमसीडी में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। हालांकि, केजरीवाल का कूड़े के पहाड़ वाला मुद्दा कोई बहुत दमदार नहीं था, लेकिन दिल्ली की जनता इस बात को समझती है कि जिसकी दिल्ली में सरकार है, यदि उसी के पास एमसीडी भी होगी तो काम और बेहतर तरीके से हो सकते हैं।
जहां आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल का पार्षद का नारा देकर चुनाव को लड़ा और दिल्ली सरकार की भांति एमसीडी में विकास की बात कही, वहीं भाजपा ने आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार को ही मुद्दा बनाया। शराब घोटाले से लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल में होने को जोरदार ढंग से जनता के बीच में ले गए। लेकिन, भाजपा की राज्य ईकाई लंबे समय से कमजोरी साबित होती आ रही है।
एग्जिट पोल्स के अनुसार आम आदमी पार्टी को करीब 43 प्रतिशत तो भाजपा को 35 प्रतिशत और कांग्रेस को 10 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। एग्जिट पोल्स आम आदमी पार्टी को 250 में से 146-171, भाजपा को 69-91 और कांग्रेस को 3-10 सीटें दे रहे हैं।
एग्जिट पोल्स के आंकड़ों से साफ है कि इस बार भी कांग्रेस पार्टी कहीं नजर नहीं आ रही। वो एक बार फिर पिछले तीन विधानसभा चुनावों की भांति सरेंडर करती नजर आ रही है। दिल्ली में एग्जिट पोल्स सही साबित होंगे, ऐसा अनुमान है।
------- डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें [email protected] पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।