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Punjab News: यूपी का आलू पंजाब के किसानों पर भारी, सात रुपये तक घटी कीमत
सुरिंदर पाल, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Thu, 05 Jan 2023 01:26 AM IST
इस सीजन में पंजाब के किसान खेतों में ही आलू को 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे थे। पिछले दो माह में मोटी कमाई की। एक जनवरी से यूपी में आलू की पुटाई शुरू हुई और चार दिन में ही पंजाब में आलू का दाम पांच रुपये प्रति किलो तक गिर गया।
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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यूपी में आलू की नई फसल पंजाब पर भारी पड़ी है। नया आलू जो 12 रुपये प्रति किलो खेत में बिक रहा था, वह पांच रुपये प्रति किलो पर आ गया है। दरअसल, यूपी में इस बार आलू की अच्छी क्वालिटी की पैदावार हुई है। इसके चलते दक्षिण भारत के अलावा पश्चिम बंगाल में यूपी का आलू भेजा जा रहा है। इसका नुकसान पंजाब के किसानों को उठाना पड़ रहा है। सूबे के किसान आलू के बीज पर ध्यान देने लगे हैं ताकि फरवरी से लेकर अप्रैल तक वे बीज बेचकर मुनाफा कमा सकें।
देश का लगभग 32 फीसदी आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होने लगा है। यूपी के आलू ने उस बाजार पर कब्जा कर लिया है जो पहले पंजाब के आलू को खरीदता था। पंजाब का दोआबा क्षेत्र आलू की खेती के लिए काफी मशहूर है, जहां पर लगभग 46 हजार हेक्टेयर आलू का रकबा है। पंजाब में आलू की पुटाई (खोदाई) नवंबर में ही शुरू हो जाती है और 31 दिसंबर तक पंजाब के आलू की नई फसल देश के कई हिस्सों में पहुंच जाती है।
इस सीजन में पंजाब के किसान खेतों में ही आलू को 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे थे। पिछले दो माह में मोटी कमाई की। एक जनवरी से यूपी में आलू की पुटाई शुरू हुई और चार दिन में ही पंजाब में आलू का दाम पांच रुपये प्रति किलो तक गिर गया। यूपी में कुफरी बहार, कुफरी आनंद, कुफरी बादशाह, कुफरी सिन्दूरी, कुफरी सतलज, कुफरी लालिमा, कुफरी अरुण, कुफरी सदाबहार और कुफरी पुखराज के अलावा कुफरी सूर्या, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी चिप्सोना-3, कुफरी चिप्सोना-4 और कुफरी फ्राईसोना की जबरदस्त पैदावार हुई है।
बारिश कम होने से आलू की फसल उच्च क्वालिटी की पैदा हुई है। जिसने बंगाल से लेकर अन्य राज्यों पर अपना कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं यूपी के आलू की फसल पंजाब में भी पहुंचनी शुरू हो गई है।
आलू उत्पादकों की चिंता बढ़ी
आलू कारोबारी अक्षय ढल्ल ने कहा कि जिस तेजी से यूपी की फसल मार्केट में आई है, उससे आलू उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है। पंजाब के आलू उत्पादकों का अब इस बात पर जोर है कि खाने वाले आलू के स्थान पर बीज को ही निकाला जाए और फरवरी से लेकर अप्रैल तक आलू का बीज जमकर बेचा जाए। पंजाब में आलू के बीज की डिमांड भी अच्छी खासी है, जिससे किसानों को आशा की किरण नजर आ रही है कि अगर उनका बीज मार्केट में अच्छे दाम पर बिक जाता है तो उनको मुनाफा हो सकता है अन्यथा मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
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