नैक के हर मानक पर खरा उतरने को तैयार है पंजाब यूनिवर्सिटी, कम समय में पूरा किया टारगेट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 14 Feb 2019 02:36 PM IST
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
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पंजाब विश्वविद्यालय नेशनल अस्सिमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) के मानकों पर अब खरा उतरने के लिए तैयार है। हर बिंदू पर पीयू ने बेहतर ढंग से कार्य किया है। बोर्ड व चॉक प्रणाली कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बनी है। लेकिन पूरे पीयू कैंपस को वाई-फाई फ्री कर दिया है। हर जगह नेटवर्क है, जिसके जरिये विद्यार्थी खुद ही नेट पर पढ़ाई कर रहे हैं।
आईक्यूएसी ने वाइस चांसलर को पत्र लिखा है। बताया है कि नैक की ओर से जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, उसके अधिकांश मानक पूरे हो गए हैं। च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम की पूर्ति 50 फीसद हो पाई है। इसके अलावा स्टाफ की कमी है। इस पर और गौर करने की जरूरत है। मार्च 2015 में नैक की टीम पीयू पहुंची थी।
उन्होंने पाया था कि यहां विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों की संख्या पर्याप्त न होने, संकाय की कमी, बोर्ड-चॉक विधि का शिक्षण केलिए चलन, सीबीसीएस विधि चलने, अपर्याप्त तकनीकी स्टाफ, कम प्लेसमेंट समेत कई बिंदुओं को पीयू को बताया। कई कमियां सामने आने केबाद नैक ने इनकी पूर्ति केलिए पीयू को वर्ष 2022 तक का समय दिया है। इन तीन वर्षों में पीयू ने बेहतर कार्य कर अधिकांश मानकों की पूर्ति की है। बाकी कार्य एक से दो साल में पूरे करने की दावे किए जा रहे हैं। मालूम हो कि नैक की टीम ग्रेडिंग जारी करती है, उसी पर रैंकिंग भी जारी होती है।
नैक की ओर से जो रिपोर्ट दी गई थी उसके अधिकांश बिंदुओं पर बेहतर काम किया गया है। कुछ बिंदुओं पर काम चल रहा है। इसकी रिपोर्ट वीसी को भेजी गई है। नैक 2022 में पीयू का दौरा करेगी लेकिन पीयू अभी सभी बिंदुओं पर खरा उतरने के लिए तैयार है। - एम राजीव लोचन, निदेशक, आईक्यूएसी पीयू
- मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभागों द्वारा अनुसंधान के लिए संसाधन जुटाए गए।
- कंसल्टेंसी के माध्यम से आय जुटाने के प्रयास हुए।
- छात्रों की भागीदारी को ट्रैक करने के लिए संरचित तंत्र के लिए पोर्टल की व्यवस्था की गई।
- सामान व फाइलों के रखरखाव की स्थिति में सुधार हुआ।
- स्वच्छता के लिए गीला व सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है।
- सूचना संसाधन पोर्टल के जरिये छात्रों की प्रगति पर ध्यान दिया जा रहा है।
- छात्रों का वैधानिक, शैक्षणिक और औपचारिक प्रतिनिधित्व बना हुआ है।
- आईक्यूएसी को प्रभावी बनाया गया है जो हर मामले को सुलझाने के प्रयास कर रही है।
- परामर्श केमाध्यम से गरीब राजस्व सृजन का कार्य हो रहा है।
- छात्रावासों की संख्या दस से बढ़कर 11 हो रही है। इसकेअलावा हॉस्टलों का उच्चीकरण हो रहा है।
- प्लेसमेंट व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ। हजारों विद्यार्थियों को हर साल नौकरी दिलाई जा रही है।
इन बिंदुओं पर काम बाकी
- मूल्य आधारित शिक्षा सभी कार्यक्रमों में एकीकृत नहीं हो पा रही है।
- सीबीसीएस सिस्टम पूरी तरह अभी लागू नहीं हो सका है।
- छात्रों के फीडबैक सभी विभागों से पूरी तरह नहीं मिल पा रहे हैं।
- अग्रिम शिक्षार्थियों की पहचान के लिए तंत्र विकसित किया जाना था, इस पर अभी काम चल रहा है।
- संकायों में स्टाफ की कमी है। इसकी अनुमति शासन से नहीं मिली।
पंजाब विश्वविद्यालय नेशनल अस्सिमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) के मानकों पर अब खरा उतरने के लिए तैयार है। हर बिंदू पर पीयू ने बेहतर ढंग से कार्य किया है। बोर्ड व चॉक प्रणाली कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बनी है। लेकिन पूरे पीयू कैंपस को वाई-फाई फ्री कर दिया है। हर जगह नेटवर्क है, जिसके जरिये विद्यार्थी खुद ही नेट पर पढ़ाई कर रहे हैं।
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आईक्यूएसी ने वाइस चांसलर को पत्र लिखा है। बताया है कि नैक की ओर से जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, उसके अधिकांश मानक पूरे हो गए हैं। च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम की पूर्ति 50 फीसद हो पाई है। इसके अलावा स्टाफ की कमी है। इस पर और गौर करने की जरूरत है। मार्च 2015 में नैक की टीम पीयू पहुंची थी।
उन्होंने पाया था कि यहां विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों की संख्या पर्याप्त न होने, संकाय की कमी, बोर्ड-चॉक विधि का शिक्षण केलिए चलन, सीबीसीएस विधि चलने, अपर्याप्त तकनीकी स्टाफ, कम प्लेसमेंट समेत कई बिंदुओं को पीयू को बताया। कई कमियां सामने आने केबाद नैक ने इनकी पूर्ति केलिए पीयू को वर्ष 2022 तक का समय दिया है। इन तीन वर्षों में पीयू ने बेहतर कार्य कर अधिकांश मानकों की पूर्ति की है। बाकी कार्य एक से दो साल में पूरे करने की दावे किए जा रहे हैं। मालूम हो कि नैक की टीम ग्रेडिंग जारी करती है, उसी पर रैंकिंग भी जारी होती है।
नैक की ओर से जो रिपोर्ट दी गई थी उसके अधिकांश बिंदुओं पर बेहतर काम किया गया है। कुछ बिंदुओं पर काम चल रहा है। इसकी रिपोर्ट वीसी को भेजी गई है। नैक 2022 में पीयू का दौरा करेगी लेकिन पीयू अभी सभी बिंदुओं पर खरा उतरने के लिए तैयार है। - एम राजीव लोचन, निदेशक, आईक्यूएसी पीयू
इन बिंदुओं पर हुआ काम
- मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभागों द्वारा अनुसंधान के लिए संसाधन जुटाए गए।
- कंसल्टेंसी के माध्यम से आय जुटाने के प्रयास हुए।
- छात्रों की भागीदारी को ट्रैक करने के लिए संरचित तंत्र के लिए पोर्टल की व्यवस्था की गई।
- सामान व फाइलों के रखरखाव की स्थिति में सुधार हुआ।
- स्वच्छता के लिए गीला व सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है।
- सूचना संसाधन पोर्टल के जरिये छात्रों की प्रगति पर ध्यान दिया जा रहा है।
- छात्रों का वैधानिक, शैक्षणिक और औपचारिक प्रतिनिधित्व बना हुआ है।
- आईक्यूएसी को प्रभावी बनाया गया है जो हर मामले को सुलझाने के प्रयास कर रही है।
- परामर्श केमाध्यम से गरीब राजस्व सृजन का कार्य हो रहा है।
- छात्रावासों की संख्या दस से बढ़कर 11 हो रही है। इसकेअलावा हॉस्टलों का उच्चीकरण हो रहा है।
- प्लेसमेंट व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ। हजारों विद्यार्थियों को हर साल नौकरी दिलाई जा रही है।
इन बिंदुओं पर काम बाकी
- मूल्य आधारित शिक्षा सभी कार्यक्रमों में एकीकृत नहीं हो पा रही है।
- सीबीसीएस सिस्टम पूरी तरह अभी लागू नहीं हो सका है।
- छात्रों के फीडबैक सभी विभागों से पूरी तरह नहीं मिल पा रहे हैं।
- अग्रिम शिक्षार्थियों की पहचान के लिए तंत्र विकसित किया जाना था, इस पर अभी काम चल रहा है।
- संकायों में स्टाफ की कमी है। इसकी अनुमति शासन से नहीं मिली।
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