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RBI Rate Hike: 2022 में रेपो रेट 225 बेसिस प्वाइंट बढ़ा; यूपीआई में बदलाव, जानें MPC बैठक की 10 बड़ी बातें
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विवेक दास
Updated Thu, 08 Dec 2022 06:34 PM IST
सार
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RBI MPC Repo Rate Hike: बुधवार को रेपो रेट की घोषणा करते हुए आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी। उसके बाद जून, अगस्त और सितंबर महीने में रेपो रेट में 50-50 अंकों की बढ़ोतरी की।
रिजर्व बैंक की दर निर्धारण समिति ने बेंचमार्क ब्याज दरों यानी रेपो रेट में 35 बीपीएस का इजाफा किया है। इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.25% पर पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक ने यह फैसला महंगाई को काबू में लाने के लिए पहले से जारी प्रयासों के तहत लिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की बैठक के बाद बुधवार को इसकी घोषणा की। आरबीआई मई 2022 के बाद से अब तक शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट यानी रेपो रेट में 225 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर चुका है। यह वह दर है जिसपर भारतीय रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराता है। बुधवार को रेपो रेट की घोषणा करते हुए आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी। उसके बाद जून, अगस्त और सितंबर महीने में रेपो रेट में 50-50 अंकों की बढ़ोतरी की।
अगले 12 महीनों तक महंगाई दर चार प्रतिशत के ऊपर बने रहने की आशंका
Why RBI Hike Repo Rate During High Inflation
- फोटो : Istock
रेपो रेट की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच भी भारत की विकास दर मजबूती के साथ 6.8% पर बनी हुई है। महंगाई के बढ़ते आंकड़ों पर हमारी नजर बनी हुई और उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है। आरबीआई रोजाना इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए अर्जुन के आंख की तरह नजर बनाए हुए है। बुधवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अगले 12 महीनों में महंगाई दर 4% के ऊपर बनी रहेगी।
देश की डीजीपी पर आरबीआई का क्या है ताजा अनुमान?
GDP
- फोटो : Social Media
जीडीपी अनुमान
वर्तमान
पूर्व
FY23
6.8%
7%
Q3FY23
4.4%
4.6%
Q4FY23
4.2%
4.6%
QIFY24
7.1%
7.2%
Q2FY24
5.9%
वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में पांच प्रतिशत रह सकती है महंगाई दर
महंगाई बढ़ने की संभावना।
- फोटो : अमर उजाला
महंगाई पर RBI का अनुमान
वर्तमान
पूर्व
FY23
6.7%
6.7%
Q3FY23
6.6%
6.5%
Q4FY23
5.9%
5.8%
QIFY24
5.0%
5.0%
Q2FY24
5.4%
आरबीआई के फैसले पर क्या बोले जानकार?
Why RBI Hike Repo Rate During High Infaltion
- फोटो : Istock
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में वृद्धि के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्रीराम फाइनेंस के पूर्णकालिक निदेशक और सीएफओ पराग शर्मा ने कहा है कि हम ब्याज दरों में मामूली वृद्धि का स्वागत करते हैं। मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंक की टिप्पणी अधिक उत्साहजनक है। सबसे खराब दौर पीछे छूट चुका है। रेपो रेट में की गई यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में स्थिरता के साथ देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का मार्ग प्रशस्त करता है। एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीआईओ (ऋण) मर्जबान ईरानी ने कहा है कि ऐसा लग रहा था कि एमपीसी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगी। केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी कर दी है। यह फैसला का एमपीसी के छह में से पांच सदस्यों ने समर्थन किया है। ऐसे में यह चिंता की बात है। हालांकि एमपीसी ने रेपो रेट में बढ़ाेतरी की गति धीमी जरूर की है। इस बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 50 की जगह 35 बीपीएस ही बढ़ाया है। कोटक महिंद्रा लाइन इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और डेब्ट फंड मैनेजर चर्चिल भट्ट के अनुसार रेपो में 35 बीपीएस का इजाफा यह साबित करता है आरबीआई महंगाई से अपनी लड़ाई में कोई ढील देने के मूड में नहीं है। एमपीसी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने विकास अनुमान को 20 बीपीएस घटाकर 6.8% कर दिया, जबकि इसने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7% पर अपरिवर्तित रखा है।
आरबीआई की एमपीसी बैठक से निकल कर सामने आई 10 बड़ी बातें
RBI announces changes in UPI System
- फोटो : Istock
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में छह में से पांच सदस्यों ने पॉलिसी रेपो रेट 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का समर्थन किया।
केद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.9% से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है।
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को 6% कर दिया गया है। वहीं मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट को 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि कोर मुद्रास्फीति में स्थिरता दिख रही है जबकि हेडलाइन मुद्रास्फीति इस वित्तीय वर्ष के बचे हुए महीनों और वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कम हो सकती है। हालांकि इसके आरबीआई के लक्ष्य से ऊपर बने रहने की उम्मीद है।
गवर्नर दास ने कहा, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का आकार आरामदायक स्थिति में है। यह 21 अक्टूबर, 2022 को 524.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2 दिसंबर, 2022 तक 561.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो वित्त वर्ष 23 के अनुमानित आयात के लगभग नौ महीनों को कवर करता है।
गवर्नर ने कहा कि सेवाओं (Services) और प्रेषण (remittances) के तहत भारत का नेट बैलेंस सरप्लस रहता है, इससे व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है।
यूपीआई में क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए, आरबीआई सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल-डेबिट कार्यक्षमता की शुरुआत कर रहा है। यह सुविधा ग्राहक को विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अपने खाते में धनराशि ब्लॉक करने के लिए सक्षम बनाएगी, जिसे जब भी जरूरत हो डेबिट किया जा सकेगा।
भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के दायरे का विस्तार होगा ओर इसमें अब सभी श्रेणियों के भुगतान और संग्रह, आवर्ती और गैर-आवर्ती दोनों और बिलर्स की सभी श्रेणियों (व्यवसायों और व्यक्तियों) को शामिल किया जाएगा।
घरेलू संस्थाओं को अब IFSC से मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों पर अपने सोने की कीमत के जोखिम को हेज करने की अनुमति होगी। गवर्नर ने कहा, "इस उपाय से सोने के आयातकों/निर्यातकों को लाभ होगा, जैसे जौहरी ओर वे उद्योग जो सोने का उपयोग मध्यवर्ती या कच्चे माल के रूप में करते हैं।"
रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) का शुद्ध प्रवाह मजबूत बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर में एफडीआई का प्रवाह बढ़कर 22.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 21.3 अरब डॉलर था।
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