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शेयर बाजार में शुक्रवार के दिन पिछले दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स एक दिन में ही 547 अंकों से ज्यादा नीचे चला गया और यह 38300 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। मिड-सेशन के बाद बिकवाली तेज हो गई। निफ्टी में 173 प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई। इसने 11,424.05 का निचला स्तर छुआ। इस गिरावट से निवेशकों को करोड़ों रुपये डूब गए।
कंपनियों के तिमाही नतीजों से घबराए निवेशकों ने शुक्रवार को जमकर बिकवाली की। इससे भारतीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 560 अंकों की गिरावट के साथ 38,337 अंकों पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 177 अंकों की गिरावट के साथ 11,419 अंकों पर बंद हुआ।
14 फीसदी गिरा आरबीएल बैंक का शेयर
आरबीएल बैंक के नतीजे आने के बाद इसकी गिरावट बढ़ गई। इंट्राडे में इसके शेयर 14.4 फीसदी गिर गए हैं। यह इंट्राडे की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। जून तिमाही के नतीजे आने के बाद इसके शेयर 496.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
इन सेक्टर में रही सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स में बैंकिंग सेक्टर के शेयर 732 अंकों की गिरावट के साथ 33,464 अंकों पर बंद हुए। ऑटो सेक्टर के शेयर 544 अंकों की गिरावट के साथ 16,261 अंकों पर बंद हुए। इसके अलावा प्राइवेट बैंक 262 अंक, हेल्थकेयर 232 अंक, फाइनेंस 133 अंक, आईटी 109 अंक, कैपिटल गुड्स 231 अंक, मेटल सेक्टर में 147 अंकों की गिरावट रही।
सुबह के वक्त यह था हाल
सेंसेक्स 82 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 38978.68 के स्तर पर कारोबार करते हुए देखा गया। वहीं निफ्टी 11608 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। कारोबार की शुरुआत में एसीसी पांच फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज सपाट था। सबसे ज्यादा गिरावट ऑटो शेयरों में आई है। टॉप लूजर्स की बात करें तो इनमें मारुति, महिंद्रा, यस बैंक शामिल हैं। सबसे खराब परफॉर्मेंस करने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व है।
यह रही गिरावट की मुख्य वजह
कारोबारियों के मुताबिक कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने और अर्थव्यवस्था में धीमेपन की रिपोर्ट्स की वजह से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।
एफपीआई पर टैक्स
लोकसभा ने बजट के दौरान पेश किए गए वित्त विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक अब ट्रस्ट के तौर पर रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) को भी टैक्स देना होगा। कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड एफपीआई पर टैक्स रेट बढ़ने का असर नहीं पड़ेगा और एफपीआई ट्रस्ट के बजाय कंपनी के तौर पर फिर से अपना रजिस्ट्रेशन कराने पर विचार कर सकते हैं। सरकार का यह फैसला बाजार को रास नहीं आया।
वित्तीय स्टॉक्स में बिकवाली
बजाज फाइनेंस और बजाज फिन्सर्व के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। बजाज फाइनेंस का शेयर पांच फीसदी लुढ़क गया। इंडसइंड बैंक तीन फीसदी, एसबीआई 1.7 फीसदी, एचडीएफसी 1.6 फीसदी और कोटक महिंद्रा बैंक एक फीसदी गिर गए। इन पांच कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।
शेयर बाजार में शुक्रवार के दिन पिछले दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स एक दिन में ही 547 अंकों से ज्यादा नीचे चला गया और यह 38300 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। मिड-सेशन के बाद बिकवाली तेज हो गई। निफ्टी में 173 प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई। इसने 11,424.05 का निचला स्तर छुआ। इस गिरावट से निवेशकों को करोड़ों रुपये डूब गए।
कंपनियों के तिमाही नतीजों से घबराए निवेशकों ने शुक्रवार को जमकर बिकवाली की। इससे भारतीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 560 अंकों की गिरावट के साथ 38,337 अंकों पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 177 अंकों की गिरावट के साथ 11,419 अंकों पर बंद हुआ।
14 फीसदी गिरा आरबीएल बैंक का शेयर
आरबीएल बैंक के नतीजे आने के बाद इसकी गिरावट बढ़ गई। इंट्राडे में इसके शेयर 14.4 फीसदी गिर गए हैं। यह इंट्राडे की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। जून तिमाही के नतीजे आने के बाद इसके शेयर 496.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
इन सेक्टर में रही सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स में बैंकिंग सेक्टर के शेयर 732 अंकों की गिरावट के साथ 33,464 अंकों पर बंद हुए। ऑटो सेक्टर के शेयर 544 अंकों की गिरावट के साथ 16,261 अंकों पर बंद हुए। इसके अलावा प्राइवेट बैंक 262 अंक, हेल्थकेयर 232 अंक, फाइनेंस 133 अंक, आईटी 109 अंक, कैपिटल गुड्स 231 अंक, मेटल सेक्टर में 147 अंकों की गिरावट रही।
सुबह के वक्त यह था हाल
सेंसेक्स 82 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 38978.68 के स्तर पर कारोबार करते हुए देखा गया। वहीं निफ्टी 11608 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। कारोबार की शुरुआत में एसीसी पांच फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज सपाट था। सबसे ज्यादा गिरावट ऑटो शेयरों में आई है। टॉप लूजर्स की बात करें तो इनमें मारुति, महिंद्रा, यस बैंक शामिल हैं। सबसे खराब परफॉर्मेंस करने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व है।
यह रही गिरावट की मुख्य वजह
कारोबारियों के मुताबिक कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने और अर्थव्यवस्था में धीमेपन की रिपोर्ट्स की वजह से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।
एफपीआई पर टैक्स
लोकसभा ने बजट के दौरान पेश किए गए वित्त विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक अब ट्रस्ट के तौर पर रजिस्टर्ड फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) को भी टैक्स देना होगा। कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड एफपीआई पर टैक्स रेट बढ़ने का असर नहीं पड़ेगा और एफपीआई ट्रस्ट के बजाय कंपनी के तौर पर फिर से अपना रजिस्ट्रेशन कराने पर विचार कर सकते हैं। सरकार का यह फैसला बाजार को रास नहीं आया।
वित्तीय स्टॉक्स में बिकवाली
बजाज फाइनेंस और बजाज फिन्सर्व के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। बजाज फाइनेंस का शेयर पांच फीसदी लुढ़क गया। इंडसइंड बैंक तीन फीसदी, एसबीआई 1.7 फीसदी, एचडीएफसी 1.6 फीसदी और कोटक महिंद्रा बैंक एक फीसदी गिर गए। इन पांच कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।