पुणे शहर बिना हेलमेट राइडिंग के लिए मशहुर है। हर बार वहां एक नया पुलिस कमिशनर आकर शहर में हेलमेट पहनने के नियम को लागू करता है। पिछले कुछ समय में यहां करीब 210 लोग सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। जिससे मजबूर होकर नए कमिश्नर ने 1 जनवरी से हेलमेट पहनने को जरूरी कर दिया है।
लेकिन वहां के लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। कुछ लोगों ने मिलकर Anti-Helmet Compulsion Action Committee (AHCAC) नाम का एक ग्रुप बनाया जिसमें कार्यकर्ता, नेता, उद्योगपति, NGO तक भी शामिल हैं। पुणे के एक अखबार में प्रकाशित आर्टिकल के मुताबिक लोग हेलमेट न पहनने के कई बहाने बता रहे हैं। जिसमें कुछ इसे जुमले के तौर पर ले रहे हैं।
एनसीपी के नेता और इस ग्रुप के मेग्बर अंकुश काकड़े इस पूरे संज्ञान पर कहते हैं कि हम इस नियम का विरोध करते हैं। क्योंकि ये नियम राइडर की स्पीड में दिक्क्तें पैदा करते हैं। इनके अनुसार अगर राइडर की स्पीड मात्र 20-25 किमी/घंटे की है तो उसे हेलमेट पहनने पर मजबूर नहीं करना चाहिए।
पुणे में नेता और कई ग्रुप के मेम्बर हेलमेट न पहनने पर अपने तर्क रख रहे हैं तो वहीं नियम लागू करने वाले कमिशनर वैंकटेश्म कहते हैं कि हालात को बदलना जरूरी है। हेलमेट न होने से करीब 210 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। हम इस नियम को सिर्फ इसलिए लागू करना चाहते हैं ताकि लोग सुरक्षित राइडिंग का फायदा उठा सकें। हालांकि हम लोगों की सोच को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
पुणे शहर बिना हेलमेट राइडिंग के लिए मशहुर है। हर बार वहां एक नया पुलिस कमिशनर आकर शहर में हेलमेट पहनने के नियम को लागू करता है। पिछले कुछ समय में यहां करीब 210 लोग सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। जिससे मजबूर होकर नए कमिश्नर ने 1 जनवरी से हेलमेट पहनने को जरूरी कर दिया है।
लेकिन वहां के लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। कुछ लोगों ने मिलकर Anti-Helmet Compulsion Action Committee (AHCAC) नाम का एक ग्रुप बनाया जिसमें कार्यकर्ता, नेता, उद्योगपति, NGO तक भी शामिल हैं। पुणे के एक अखबार में प्रकाशित आर्टिकल के मुताबिक लोग हेलमेट न पहनने के कई बहाने बता रहे हैं। जिसमें कुछ इसे जुमले के तौर पर ले रहे हैं।