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agriculture, Farming, expert tips for milking of cow or buffalo
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दूध दुहते समय किसान रखें साफ-सफाई और विशेष बातों का ध्यान, विशेषज्ञों दे रहे हैं टिप्स जानिए
अमन कौशिक/अमर उजाला, जींद(हरियाणा)
Published by: खुशबू गोयल
Updated Tue, 20 Aug 2019 01:16 PM IST
दूध यदि गंदगी, दुर्गंध तथा हानिकारक जीवाणु रहित है तो ऐसे दूध को हम स्वच्छ दूध कहते हैं। दूध जब पशुओं के थन से निकलता है तो स्वच्छ रहता है, पर थन से निकलने के बाद यदि साफ-सफाई का ध्यान सही से नहीं रखा जाए तो बाहरी तत्वों के संपर्क में आकर दूषित हो जाता है। दूषित दूध का सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए स्वच्छ दूध का उत्पादन अति आवश्यक है।
इसलिए स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए यह ध्यान में रखा जाए कि जिस पशु से दूध निकाला जा रहा है वह स्वस्थ होना चाहिए। पशु में टीबी तथा ब्रूसेलोसिस की जांच साल मे एक बार करवा लेना चाहिए। पशुओं के शरीर पर किसी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। पशुओं को साफ सुथरी जगह पर रखना चाहिए। दूध दुहने के लिए साफ बर्तन का उपयोग करना चाहिए।
स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए पशु घर में ये रखें सावधानी
पशु पालीक्लीनिक के चिकित्सक डॉ. बलवंत सिंह ने कहा कि पशु घर या पशु शेड को किसी ऊंची जगह पर बनाना चाहिए ताकि पानी की निकासी अच्छी तरह से हो सके। दूध दुहने वाले शेड के आसपास गोबर या अन्य गंदगी फैलाने पदार्थ रखने की जगह नहीं होनी चाहिए। इससे शेड की हवा प्रदूषित होती है तथा इससे मक्खियां पैदा हो जाती हैं। मक्खियों से कई प्रकार की बीमारी फैलती है। शेड का फर्श सोखने वाला नहीं होनी चाहिए, जिससे की साफ सफाई में आसानी हो। स्वच्छ दूध का उत्पादन दूध दुहने वाले व्यक्ति पर बहुत हद तक निर्भर करता है।
इसलिए दूध दुहने वाला व्यक्ति स्वस्थ होना चाहिए व किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग से मुक्त होना चाहिए। दूध दुहने के समय तंबाकू व पान का सेवन नहीं करना चाहिए। उसका हाथ साफ व सूखा होना चाहिए। पशु के थन को पानी से धोकर तुरंत नहीं दुहना चाहिए क्योंकि दूध दुहने के समय छीमी का छेद खुल जाता है। इस कारण गंदगी के साथ मौजूद जीवाणु व विषाणु थन मे प्रवेश कर जाते हैं, जिससे पशुओं मे थनेला होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अगर छीमी सख्त हो तो उन्हें धोकर साफ कपड़े से पोंछकर सूखा देना चाहिए।
उसके बाद वेसलिन लगाकर उन्हें मुलायम बनाया जा सकता है। दूध दुहने के बाद सभी छीमी की कमजोर एंटीसेप्टिक के घोल जैसे की पोटाशियम परमैग्नेट के घोल मे अच्छी तरह डूबकर धो देना चाहिए। दूध रखने के लिए साफ व छोटे मुह के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। बर्तनों मे किसी प्रकार का जोड़ व किनारा नहीं होना चाहिए।
दूध दुहने के सही तरीके का रखें ध्यान
दूध दुहने के लिए फुल हैंड मेथड जिसमें छीमी को अंगूठे व पहली अंगुली के बीच पकड़कर पूरी हथेली से दूहना चाहिए। दूध दुहने के लिए नकलिंग मेथड का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसमे अंगूठे को मोड़कर छीमी मे सटा दिया जाता है, जिससे कि दूहते समय चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है और थनेला होने का खतरा अधिक हो जाता है।
दूध दुहने के बाद निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक
1. दूध दुहने के तुरंत बाद दूध को शेड से हटकर रखना चाहिए।
2. दूध को साफ -कपड़े अथवा छन्ने से छानकर बाल अथवा अन्य अशुद्धिजयां हटा देनी चाहिए।
3. दूध को ग्राहक के बेचे जाने तक सही रूप से ठंडाकर रखना चाहिए।
4. अगर दूध को 40 डिग्री फारेनहाइट से नीचे रखा जाए तो जीवाणु की संख्या में वृद्धि बहुत धीमी हो जाती है और दूध अपेक्षाकृत अधिक समय तक ठीक रहता है।
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