सीरिया में विद्रोहियों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि उत्तरी शहर एल्लपो में दर्जनों ऐसे युवाओं के शव मिले हैं जिन्हें देख कर लगता है कि उनकी हत्या की गई है।
ब्रिटेन-स्थित संस्था, सीरीयन ऑब्ज़रवेट्री फॉर ह्यमून राइट्स (एसओएचआर) ने ख़बर दी है कि एल्लपो के पश्चिमी ज़िले बुस्तान अल-क़सर में क़ुवैक़ नदी के किनारे पर कम-से-कम 65 शव मिले हैं। ज़्यादातर शवों के हाथ पीछे बंधे हुए थे और उनके सिर पर गोली मारी गई थी।
'बढ़ सकती है शवों की संख्या'
कार्यकर्ताओं ने इस वीभत्स घटना का वीडियो यू ट्यूब पर पोस्ट किया है। वीडियो में क़ुवैक़ नदी के किनारों पर बड़ी तादाद में शव बिखरे पड़े दिखाई दे रहे हैं। शव मिट्टी में सने हैं, कुछ शवों में कड़ापन या रिगर मोर्टिस आ गया है और कुछ के सिर से खून बहने के निशान भी दिख रहे हैं।
रिगर मोर्टिस यानी शरीर की वो अवस्था जब मृत्यु के लगभग तीन घंटे बाद शव के हाथपैर कड़े होने लगते हैं। शरीर पूरी तरह से लगभग 12 घंटे बाद कड़ा हो जाता है और कुछ दो दिन बाद ये पूरी तरह ख़त्म हो जाती है।
फ्री सीरियन आर्मी के एक कप्तान ने बताया कि मृतकों में कुछ लोग किशोर थे। इस व्यक्ति ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया कि अब भी कई शव नदी में थे और मरने वालों की संख्या 100 तक जा सकती है।
ग़ायब रिश्तेदारों की खोज
लॉरी पर शवों को लादने में मदद देने वाले एक स्वयंसेवक ने कहा कि शवों पर किसी तरह के पहचान के निशान नहीं हैं। एएफपी का कहना है कि लोग, अपने गुमशुदा रिश्तेदारों को ढूंढने की आशा में नदी के किनारे पर इकट्ठा हो रहे हैं।
मोहम्मद अब्दुल अज़ीज़ ने बताया, "मेरा भाई हफ्तों पहले तब ग़ायब हो गया था जब वो हुकुमत के कब्ज़े वाले क्षेत्र से गुज़र रहा था और हमें नहीं पता वो कहां है या उसका क्या हुआ।"
विरोधी बयान
कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन लोगों को राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रति वफ़ादार सुरक्षाबलों ने गिरफ़्तार कर मार डाला।
वहीं एक सीरियाई सरकार के सूत्र ने कहा कि मारे गए कई लोगों का अपहरण हुआ था लेकिन उसने इन अपहरण और हत्याओं के लिए "आतंकवादियों" को ज़िम्मेदार ठहराया। अधिकारी विद्रोहियों के लिए "आतंकवादी" शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
इस सूत्र ने एएफपी को बताया, "इन लोगों का अपहरण आतंकवादी गुटों ने किया और पिछली रात उनके कब्ज़े वाले बुस्तान अल-क़स्र के एक पार्क में इन लोगों की हत्या कर दी। अब ये आतंकवादी गुट मीडिया में प्रचार कर रहे हैं और ऐसा दिखा रहे हैं कि ये शव, उनके कब्ज़े वाले एक इलाके में क़ुवैक़ नदी में मिले हैं।"
क़ुवैक़ नदी का उदगम तुर्की में है लेकिन ये नदी सीरिया में सरकार और विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित इलाकों से हो कर बहती है।
बेरुत में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर का कहना है एल्लपो में पिछले वर्ष जुलाई में लड़ाई छिड़ने के बाद से दोंनो ही पक्ष बुस्तान अल-क़स्र ज़िले पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि जुलाई से सरकारी और विद्रोही सेनाओं का एल्लपो पर लगभग बराबरी का कब्ज़ा है और लगातार झड़पों के बावजूद दोंनो में से कोई भी पक्ष, दूसरे पक्ष को वहां से निकाल नहीं पाया है।